(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अनूपपुर जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के द्वारा थाना कोतवाली के अपराध क्र. 460/22 धारा 363, 376(2)(एन), 506 भादवि एवं 3/4, 5-एल/6 पॉक्सों एक्ट के आरोपीगण शंकर यादव पिता श्यामलाल यादव उम्र 36 वर्ष एवं सोमता यादव पत्नी शंकर यादव उम्र 34 वर्ष दोनों निवासी ग्राम केकरपानी, थाना कोतवाली जिला अनूपपुर (म.प्र.)की जमानत याचिका न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी गई है।आरोपीगण 18/10/2022 से जेल में बंद है,मामले में जमानत का मौखिक विरोध विशेष लोक अभियोजक पॉक्सों रामनरेश गिरि के द्वारा किया गया।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीडिता दिनांक 22/08/2022 को शाम 05.00 बजे अपनी मां के साथ थाने से घर वापिस जा रही थी।उसी समय पीडिता शंकर मंदिर के पास रोड को क्रास करके उस पार चली गयी और और पीडिता की मां गाडी आने के कारण रोड के इसी तरफ रह गई।उसी समय उसकी लडकी वहां से गायब हो गई।पीडिता की मां ने दौड़ते हुए गई लेकिन पीडिता का कुछ पता नही चल सका।फिर पीडिता की मां थाने जाकर पीडिता की गुमने की रिपोर्ट दर्ज कराई।बाद में पीडिता के दस्तयाब होने पर पीडिता ने बताया कि आरोपीगणों शंकर यादव एवं सोमता यादव ने पीडिता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने में मुख्य आरोपी का साथ दिया था।
न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियेाजक द्वारा बताया गया कि आरोपी ने अवयस्क पीडिता के साथ अन्य आरोपी को अपराध कारित करने के आशय से न केवल उसका सहयोग किया है बल्कि उसकी सहायता भी की थी। जिसके कारण पीडिता के साथ अपराध कारित किया गया।अगर ऐसी स्थिति में अभियुक्त गण को रिमांड स्टेज पर जमानत का लाभ दिया जाता है तो निश्चित ही उनके द्वारा पीडिता व उसके परिजन को प्रभावित कर अनुसंधान को प्रभावित करेगे।ऐसी स्थिति में आरोपी गण को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
विशेष लोक अभियेाजक के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीडिता दिनांक 22/08/2022 को शाम 05.00 बजे अपनी मां के साथ थाने से घर वापिस जा रही थी।उसी समय पीडिता शंकर मंदिर के पास रोड को क्रास करके उस पार चली गयी और और पीडिता की मां गाडी आने के कारण रोड के इसी तरफ रह गई।उसी समय उसकी लडकी वहां से गायब हो गई।पीडिता की मां ने दौड़ते हुए गई लेकिन पीडिता का कुछ पता नही चल सका।फिर पीडिता की मां थाने जाकर पीडिता की गुमने की रिपोर्ट दर्ज कराई।बाद में पीडिता के दस्तयाब होने पर पीडिता ने बताया कि आरोपीगणों शंकर यादव एवं सोमता यादव ने पीडिता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने में मुख्य आरोपी का साथ दिया था।
न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियेाजक द्वारा बताया गया कि आरोपी ने अवयस्क पीडिता के साथ अन्य आरोपी को अपराध कारित करने के आशय से न केवल उसका सहयोग किया है बल्कि उसकी सहायता भी की थी। जिसके कारण पीडिता के साथ अपराध कारित किया गया।अगर ऐसी स्थिति में अभियुक्त गण को रिमांड स्टेज पर जमानत का लाभ दिया जाता है तो निश्चित ही उनके द्वारा पीडिता व उसके परिजन को प्रभावित कर अनुसंधान को प्रभावित करेगे।ऐसी स्थिति में आरोपी गण को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
विशेष लोक अभियेाजक के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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