(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कांग्रेस के वरिष्ठ लोगों की उपेक्षा करते हुए शासकीय नौकरी से कांग्रेस की राजनीति में पदार्पण किए रमेश कुमार सिंह को जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाते ही कांग्रेस कई भागो में विभाजित हो गई। वर्षों से कांग्रेस की राजनीति कर रहे लोगों को कांग्रेस हाई कमान ने दरकिनार करते हुए रमेश कुमार सिंह को कांग्रेस का जिला अध्यक्ष अनूपपुर नियुक्त कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस की मजबूती के लिए रीवा के कांग्रेसी नेता गुरमीत सिंह मंगू को प्रभारी बनाकर भेज दिया गया।जिनकी उपस्थिति में कांग्रेस तमाम गुटों में बट गई और कांग्रेस को विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस लगभग 33000 वोटो से चुनाव गुरमीत सिंह मंगू के प्रभारी बनने से हारी थी।जो किसी से छुपा हुआ नहीं है।उसके बावजूद भी प्रदेश कांग्रेस हाई कमान पता नहीं क्या सोचकर फिर से प्रभारी बनाकर अनूपपुर की कांग्रेस को चौपट करने के लिए उन्हें भेज दिया।
सभी जानते हैं की गुरमीत सिंह मंगू ने कांग्रेस का अनूपपुर जिले में बंटाधार किया था।लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पता नहीं क्या सोचकर उनको फिर से अनूपपुर जिला कांग्रेस कमेटी का प्रभारी बनाकर भेज दिया।
जिसको लेकर सच्चे कांग्रेस जनों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।लोगों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र द्वारा तत्काल अनूपपुर जिले के प्रभारी को परिवर्तित करने की मांग की है।यदि यह परिवर्तन नहीं होता है तो अनूपपुर में रही सही कांग्रेस पूरी तरह से चौपट हो जाएगी और इसका पूरा श्रेय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जाएगा।
अनूपपुर में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।गुटों में बांटने का समय अब नहीं रहा।लेकिन गुरमीत सिंह मंगू के रहते कांग्रेस एक हो जाए यह जीवन में संभव नहीं है।इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को चाहिए कि तत्काल अनूपपुर जिले से प्रभारी को बदलते हुए निर्विवाद व्यक्ति को कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त करें। जिससे कांग्रेस संगठन मजबूत हो सके और पूरी मजबूती के साथ आने वाले चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर सके।प्रदेश कांग्रेस को प्रभारी नियुक्त करते समय प्रभारी जिले के ही कांग्रेस नेता को बनाना चाहिए जो जिले से पूरी तरह से वाकिफ होता है और लोग उसकी बातों को मानते हैं।
पूर्व में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को ने अच्छा काम किया था और इनको ही अनूपपुर जिले का प्रभारी बनाया जाना था तो निश्चित ही जिले में कांग्रेस के संगठन में एक नई जान आती।आज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को बदलना भी बहुत जरूरी है।क्योंकि अनूपपुर जिले का संगठन पूरी तरह से मृतप्राय हो चुका है।जिसमें जान फूंकने के लिए किसी वरिष्ठ पुराने कांग्रेस के नेता को कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।जिससे संगठन का वर्ष भर का कार्यक्रम निर्धारित समय पर पूरा होता रहे।अभी देखा जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व इंदिरा जी की जयंती अनूपपुर जिला मुख्यालय में नहीं मनाई गई।यह कांग्रेस संगठन की कमजोरी का सबसे बड़ा उदाहरण है।
अनूपपुर जिले के लिए नियुक्त प्रभारी गुरमीत सिंह मंगू का पुरजोर विरोध हो रहा है।इनकी नियुक्ति पर लोगों ने घोर आपत्ति जताई है।जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल परिवर्तन कर किसी निर्विवाद व्यक्ति को कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त करना चाहिए एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी परिवर्तन कर कांग्रेस के संगठन को मजबूती देने का कार्य करना चाहिए। जिससे कांग्रेस का संगठन अनूपपुर जिले में फिर से खड़ा हो सके।एक समय था जब अनूपपुर जिला नहीं था लेकिन शहडोल जिला कांग्रेस का संचालन अनूपपुर के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर बाबू शर्मा द्वारा किया जाता था और पूरे शहडोल जिले में कांग्रेस की तूती बोलती थी।लेकिन आज कांग्रेस पूरे संभाग में केवल पुष्पराजगढ़ को छोड़कर कहीं भी नहीं रह गई।इसमें सुधार की काफी आवश्यकता है।जिसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी को गंभीरता से विचार कर तत्काल परिवर्तन करना चाहिए।जिससे एक बार फिर कांग्रेस की अनूपपुर जिले में तूती बोलने लगे।
इसके बाद कांग्रेस की मजबूती के लिए रीवा के कांग्रेसी नेता गुरमीत सिंह मंगू को प्रभारी बनाकर भेज दिया गया।जिनकी उपस्थिति में कांग्रेस तमाम गुटों में बट गई और कांग्रेस को विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस लगभग 33000 वोटो से चुनाव गुरमीत सिंह मंगू के प्रभारी बनने से हारी थी।जो किसी से छुपा हुआ नहीं है।उसके बावजूद भी प्रदेश कांग्रेस हाई कमान पता नहीं क्या सोचकर फिर से प्रभारी बनाकर अनूपपुर की कांग्रेस को चौपट करने के लिए उन्हें भेज दिया।
सभी जानते हैं की गुरमीत सिंह मंगू ने कांग्रेस का अनूपपुर जिले में बंटाधार किया था।लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पता नहीं क्या सोचकर उनको फिर से अनूपपुर जिला कांग्रेस कमेटी का प्रभारी बनाकर भेज दिया।
जिसको लेकर सच्चे कांग्रेस जनों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।लोगों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र द्वारा तत्काल अनूपपुर जिले के प्रभारी को परिवर्तित करने की मांग की है।यदि यह परिवर्तन नहीं होता है तो अनूपपुर में रही सही कांग्रेस पूरी तरह से चौपट हो जाएगी और इसका पूरा श्रेय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जाएगा।
अनूपपुर में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।गुटों में बांटने का समय अब नहीं रहा।लेकिन गुरमीत सिंह मंगू के रहते कांग्रेस एक हो जाए यह जीवन में संभव नहीं है।इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को चाहिए कि तत्काल अनूपपुर जिले से प्रभारी को बदलते हुए निर्विवाद व्यक्ति को कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त करें। जिससे कांग्रेस संगठन मजबूत हो सके और पूरी मजबूती के साथ आने वाले चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर सके।प्रदेश कांग्रेस को प्रभारी नियुक्त करते समय प्रभारी जिले के ही कांग्रेस नेता को बनाना चाहिए जो जिले से पूरी तरह से वाकिफ होता है और लोग उसकी बातों को मानते हैं।
पूर्व में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को ने अच्छा काम किया था और इनको ही अनूपपुर जिले का प्रभारी बनाया जाना था तो निश्चित ही जिले में कांग्रेस के संगठन में एक नई जान आती।आज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को बदलना भी बहुत जरूरी है।क्योंकि अनूपपुर जिले का संगठन पूरी तरह से मृतप्राय हो चुका है।जिसमें जान फूंकने के लिए किसी वरिष्ठ पुराने कांग्रेस के नेता को कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।जिससे संगठन का वर्ष भर का कार्यक्रम निर्धारित समय पर पूरा होता रहे।अभी देखा जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व इंदिरा जी की जयंती अनूपपुर जिला मुख्यालय में नहीं मनाई गई।यह कांग्रेस संगठन की कमजोरी का सबसे बड़ा उदाहरण है।
अनूपपुर जिले के लिए नियुक्त प्रभारी गुरमीत सिंह मंगू का पुरजोर विरोध हो रहा है।इनकी नियुक्ति पर लोगों ने घोर आपत्ति जताई है।जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल परिवर्तन कर किसी निर्विवाद व्यक्ति को कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त करना चाहिए एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी परिवर्तन कर कांग्रेस के संगठन को मजबूती देने का कार्य करना चाहिए। जिससे कांग्रेस का संगठन अनूपपुर जिले में फिर से खड़ा हो सके।एक समय था जब अनूपपुर जिला नहीं था लेकिन शहडोल जिला कांग्रेस का संचालन अनूपपुर के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर बाबू शर्मा द्वारा किया जाता था और पूरे शहडोल जिले में कांग्रेस की तूती बोलती थी।लेकिन आज कांग्रेस पूरे संभाग में केवल पुष्पराजगढ़ को छोड़कर कहीं भी नहीं रह गई।इसमें सुधार की काफी आवश्यकता है।जिसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी को गंभीरता से विचार कर तत्काल परिवर्तन करना चाहिए।जिससे एक बार फिर कांग्रेस की अनूपपुर जिले में तूती बोलने लगे।
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