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न्यायालय ने हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा के साथ लगाया दो हजार रुपए का जुर्माना

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश पवन शखवार के न्यायालय के चिंहित प्रकरण के विशेष प्रकरण क्र. 17/2022, थाना अमरकंटक के अपराध क्र. 154/21, धारा 302, 34 भादवि के आरोपी निरंजन बनाबल पिता परसादी बनावल उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम कुम्हरवार बांधाटोला, वार्ड क्र. 13 थाना अमरकंटक, जिला अनूपपुर म.प्र. को निर्णय दिनांक 12/02/2024 को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश न्यायालय द्वारा पारित किया गया हैं। 
                       मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गयी।
                    वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सूचनाकर्ता गंगाराम ने दिनांक 06/09/2021 को मोबाइल से थाना अमरकंटक में मृतिका समतिया की हत्या की सूचना दी।उक्त सूचना को थाना अमरकंटक में रोजनामचा सान्हा क्र. 20 पर दर्ज कर उक्त सूचना की तस्दीक हेतु निरीक्षक मनोज दीक्षित मय स्टाफ रवाना हुए।मौके पर सूचनाकर्ता धन्नूलाल ने इस आशय की सूचना लेख कराया कि उसकी पत्नी मृतिका समतिया बनाबल ग्राम पडरिया के उप स्वास्थ केन्द्र में एन.एम है।उसके घर में दीवार बनाने का काम चल रहा हैं।जिसमें गांव के ही मजदूर गुमाश्ता सिंह, कौशिल्या बाई व सुरतियाबाई काम कर रहे हैं। 
         दिनांक 05/09/2021 को लगभग 04 बजे वह घर के सामने चारा डालने गया था ओर जब लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी मृतिका जमीन पर पडी हुई थी और बेहोश थी और निरंजन वहां गाली गलौच कर रहा था और सोनकली, निरंजन को ले जाने की कोशिश कर रही थी।गुमाश्ता से पूछने पर बताया कि निरंजन विवाद कर रहा और समतिया ने मना किया तो निरंजन ने समतिया के साथ मारपीट कर उसके सिर को दीवार में 2-3 बार मार दिया।जिससे समतिया बेहोश हो गई,तब वह समतिया को उठाकर घर के अंदर ले गया,उस समय मृतिका की सांस चल रही थी,थोडी देर बाद मृतिका की मौत हो गई। 
        सूचनाकर्ता धन्नूलाल ने यह भी बताया कि निरंजन ने उसकी पत्नी को मार डाला हैं। सूचनाकर्ता की सूचना पर जीरों पर देहाती नालिसी लेखबद्व की गई।विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया।साक्षीगण के कथन लेखबद्व किए गए।विवेचना की शेष कार्यवाही उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।मामले में अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई।जहां पर न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने पर उपरोक्त दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया गया।                                                                                                                             

                                                                        

                                                                                                                                                


     

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