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आचार्य लक्ष्मण दास बालयोगी शुरू करेंगे 18 वर्षीय कोटी खप्पर धूनी साधना व मनाया जाएगा अमरकंटक महोत्सव

  

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) मां नर्मदा के उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में स्थापित बर्फानी सिद्ध योग आश्रम अमरकंटक में बसंत पंचमी से महाशिवरात्रि तक अमरकंटक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 
                इस दौरान जहां आश्रम में कई तरह के धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन होंगे वही वर्तमान में इस आश्रम के श्री महंत और दिगंबर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास बाल योगी एक बार फिर 18 वर्षीय कोटि खप्पर धूनी साधना की शुरुआत करेंगे।जहां का हर कंकर शिव शंकर के नाम से विख्यात है और जिस पवित्र तीर्थ नगरी के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कदम रखते ही जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और यही नहीं मां नर्मदा के दर्शन मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है।
                       इस पवित्र नगरी में सबसे पुराना प्राचीन आश्रम बर्फानी आश्रम की स्थापना महायोगी सिद्ध पुरुष बैकुंठ निवासी बर्फानी दादा ने की थी।वर्तमान में इस आश्रम के श्री महंत लक्ष्मण दास बाल योगी है जो दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर के साथ-साथ तेरा भाई त्यागी में भी श्री महंत है।बर्फानी दादा जी के द्वारा स्थापित साधु समाज की संत सेवा के लिए नर्मदा तट का सबसे चर्चित इस आश्रम में वैसे तो साल भर धार्मिक आध्यात्मिक गतिविधियां चलती रहती है।लेकिन इस बार बसंत पंचमी से लेकर महाशिवरात्रि दिव्या भाव अमरकंटक महोत्सव की तैयारी चल रही है।इस संबंध में आचार्य लक्ष्मण दास बालयोगी ने बताया कि बसंत पंचमी से उनके द्वारा दोबारा 18 वर्षीय पंचाग्नि हठयोग साधना बसंत पंचमी से गंगा दशहरा तक 4 महीने पुरी गर्मी भर कोटी खप्पर धूनी साधना शुरू की जाएगी।इस साधना को एक बार पूरा करने के बाद दोबारा शुरू किए जाने पर उन्होंने बताया कि तेरह भाई त्यागी की परंपरा के अनुसार और बर्फानी दादा जी के दिखाए गए रास्ते चलने के लिए हमेशा से कोशिश की जाती रही है और यह 18 वर्षीय पंचाग्नि हठयोग साधना बसंत पंचमी से गंगा दशहरा तक 4 महीने पुरी गर्मी भर कोटी खप्पर धूनी साधना को दोबारा शुरू करने के पीछे का एकमात्र यही कारण है कि हम अपनी साधु शाही की परंपरा का पालन करते रहे। 
                बसंत पंचमी के दिन 18 वर्षीय पंचाग्नि हठयोग साधना बसंत पंचमी से गंगा दशहरा तक 4 महीने पुरी गर्मी भर कोटी खप्पर धोनी साधना के प्रारंभ करने के साथ मां नर्मदा के जन्मोत्सव पर भी उक्त आश्रम में कई तरह के धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन किए जाएंगे।यही नहीं इस दौरान पूरे एक माह तक आने वाले भक्तों और संत समाज की सेवा भंडारा भी आयोजित किया जाएगा।यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय हो कि बर्फानी आश्रम अमरकंटक में ही मां नर्मदा का विग्रह पिछले वर्ष स्थापित किया गया था और यही कारण है कि इस वर्ष मां नर्मदा जन्मोत्सव पर इस आश्रम में विशेष आयोजन किया जाएगा।जिसमें भजन संध्या के साथ-साथ मां नर्मदा पुराण कथा का भी आयोजन होगा। 
            बर्फानी आश्रम के महंत लक्ष्मण दास बाल योगी ने बताया कि महाशिवरात्रि अमरकंटक का सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है।लेकिन मां नर्मदा जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाने के बाद अमरकंटक में इस प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व के बारे में आम लोगों में उत्साह फीका पड़ जाता है।जबकि आसपास क्षेत्र की ग्रामीण जनता एक हफ्ते तक महाशिवरात्रि का मेले में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है और उक्त जनता को धार्मिक,आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ भोजन प्रसादी के लिए भी इस बार बर्फानी आश्रम में विशेष व्यवस्था की जा रही है।

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