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कौन बनेगा अनूपपुर,कोतमा,पुष्पराजगढ़ में सिकंदर इंतजार की घड़ियां समाप्त फैसला कल कुछ ही देर में

 
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 
अनूपपुर (अंचलधारा) जिसका मुझे था इंतजार वह घड़ी आ गई, आ गई।गीत को चरितार्थ करने वह शुभ दिन कल आ ही रहा। कल कुछ ही पल में कुछ ही देर में ईबीएम के खुलते ही अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा, एवं पुष्पराजगढ़ का भावी सिकंदर कौन होगा उसका फैसला जनता के पटल पर आ जाएगा। 
        एग्जिट पोल आने के बाद रिजल्ट लगभग साफ-साफ हो चुका।लेकिन फिर भी लोगों में उत्सुकता बनी हुई है,सभी लोग बेसब्री से ईबीएम खुलने का इंतजार कर रहे हैं और देखना चाहते हैं की कौन कितने पानी में है।वैसे अनूपपुर जिले की तीन विधानसभा को लेकर भाजपा को दो सीटों पर फाइनल रूप से विजई होने का दावा ज्योतिषकार कर  रहे हैं।जिसमें अनूपपुर एवं कोतमा सीट को भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाता बताया जा रहा है।वही पुष्पराजगढ़ सीट को लेकर कहां जा रहा है कि पुष्पराजगढ़ अपना रिकॉर्ड बनाने जा रहा है और यहां से कांग्रेस प्रत्याशी ही भारी बहुमत से विजई होंगे। 
          कल कुछ ही घंटे में एग्जिट पोल और ज्योतिषकारो की सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।अनूपपुर में जहां कांग्रेस ने नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है वहीं पुष्पराजगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है,जिससे दोनों ही जगह भीतरघात की उम्मीद बनी हुई थी।वही कोतमा विधानसभा में कांग्रेस हाई कमान ने चुनाव के एन वक्त में कोतमा के कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेताओं का निष्कासन कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली।वैसे कोतमा विधायक सुर्खियों में जरूर रहे लेकिन उनकी पकड़ भी कमजोर विधानसभा क्षेत्र में नहीं रही जो सर्वे में सामने आया।लेकिन चुनाव के मौके पर जो कार्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कर दिया उसे किसी ने भी उचित नहीं माना।यदि कांग्रेस विधायक चुनाव हारते हैं तो उसमें पूरी तरह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी ही दोषी होगी।यदि निष्कासन या निलंबन करना था तो चुनाव के दिन वोटिंग के बाद या उसके बाद भी किया जा सकता था।  लेकिन गलत आरोप लगाकर निष्कासन निलंबन चुनाव के दो दिन पूर्व करना पार्टी के हित में नजर नहीं आया।खैर जो भी है कल कुछ घंटे में ही पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी शंकाए, धुंधलापन आदि दूर हो जाएगी। 
                    यह सच है कि अनूपपुर जिले में भाजपा एवं कांग्रेस के अलावा अन्य किसी दलों का बोलबाला नजर नहीं रहा।फैसला भी दोनों ही के मध्य होना है।लेकिन टिकट वितरण के बाद नाराजगी के चलते पार्टी के लोग ही पार्टी पर प्रश्न चिन्ह लगाने का कार्य करने लगते हैं जिससे जीत हार की संभावनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक ही है। 
               वैसे मध्यप्रदेश के अंदर लाडली बहना का असर विधानसभा चुनाव 2023 की तस्वीर एवं तकदीर बदलने जा रहा है।चुनाव के पूर्व लगातार कई किस्त प्राप्त होने पर महिलाएं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर हद से ज्यादा समर्पित हो गई और उन्हें विश्वास है की आने वाले समय में 3000 उनके खाते में आने लगेगा।तो महिलाएं, 21 वर्ष की लड़कियां जिनको यह राशि देने का वादा शिवराज सिंह ने किया है वह अपने पैर में कुल्हाड़ी मारना नहीं चाहती और एग्जिट पोल के बाद महिलाएं भी खुलकर बोलने लगी कि हम क्यों अपना अकाउंट बंद कराए।कुल मिलाकर कहा जा सकता है की लाडली बहना ही मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की जीत का सबसे बड़ा कारण बनने जा रहा है। 
                           लाडली बहना का लाभ प्रदेश में केवल भारतीय जनता पार्टी के लोग ही नहीं पा रहे।बल्कि अन्य पार्टियों के लोग भी इसका लाभ पा रहे हैं।चाहे वह कांग्रेस के हो या अन्य दल के।जिससे महिलाओं में भारतीय जनता पार्टी के प्रति काफी आकर्षक रहा जो उसकी जीत का कारण बन रहा है।लाडली बहना से मध्यप्रदेश की महिलाओं में स्वाभिमान जागा है।महिलाएं किसी की मोहताज बनना नहीं चाहती।उनमें एक नया आत्म विश्वास जागृत हुआ है जो निश्चित ही भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ा जीत का कारण बन रहा है।भाजपा ने तो 3000 तक का वादा किया।लेकिन कांग्रेस 1500 के आगे नहीं बढ़ी।यह भी कांग्रेस की हार का कारण बन रहा।

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