(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर आर.पी.सेवेतिया के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्र. 84/21,थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्रमांक 140/21 अन्तर्गत धारा 376(2)एन भादवि आरोपी अमनलाल कोल पिता चरकू कोल उम्र 35 वर्ष को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल पांच हजार रू.अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।मामले में राज्य की ओर से लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने पैरवी की है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2008 के मार्च माह में पीडिता की फुफेरी बहन का विवाह होने पर पीडिता उससे मिलने उसके ससुराल आती-जाती थी।इसी दौरान उसी के ग्राम के अभियुक्त से उसकी जान-पहचान हुई और जान-पहचान एक-दूसरे के प्रेम व्यवहार में बदल गई।जिसके चलते अभियुक्त ने पीडिता से विवाह करने का प्रस्ताव किया ओर उसी प्रस्ताव के चलते आरोपी ने पीडिता के साथ 30 मार्च को पहली बार शारीरिक संबंध निर्मित किये।उसके पश्चात अभियुक्त उसके साथ विवाह कर लेने का पीडिता को विश्वास दिलाते हुए उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध निर्मित करता रहा और अभियुक्त पीडिता को लेकर अपने घर गया।जहां पर उसने लगभग 20 दिन पीडिता को साथ रखकर शारीरिक संबंध निर्मित किये।तथा दिनांक 12/12/2020 को भी उसके साथ शारीरिक संबंध निर्मित कर उसे दुबारा उसके घर पर लाकर छोड दिया।
जब पीडिता ने आरोपी से विवाह करने के लिये बोला तो आरोपी ने विवाह करने से इंकार करते हुए पीडिता को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने रिपोर्ट की तो उसे जान से मार देगा।इस संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को घटना की जानकारी देते हुए लिखित शिकायत थाने में पेश की।पुलिस द्वारा शिकायत पर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।पीडिता के धारा 164 के कथन के आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2008 के मार्च माह में पीडिता की फुफेरी बहन का विवाह होने पर पीडिता उससे मिलने उसके ससुराल आती-जाती थी।इसी दौरान उसी के ग्राम के अभियुक्त से उसकी जान-पहचान हुई और जान-पहचान एक-दूसरे के प्रेम व्यवहार में बदल गई।जिसके चलते अभियुक्त ने पीडिता से विवाह करने का प्रस्ताव किया ओर उसी प्रस्ताव के चलते आरोपी ने पीडिता के साथ 30 मार्च को पहली बार शारीरिक संबंध निर्मित किये।उसके पश्चात अभियुक्त उसके साथ विवाह कर लेने का पीडिता को विश्वास दिलाते हुए उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध निर्मित करता रहा और अभियुक्त पीडिता को लेकर अपने घर गया।जहां पर उसने लगभग 20 दिन पीडिता को साथ रखकर शारीरिक संबंध निर्मित किये।तथा दिनांक 12/12/2020 को भी उसके साथ शारीरिक संबंध निर्मित कर उसे दुबारा उसके घर पर लाकर छोड दिया।
जब पीडिता ने आरोपी से विवाह करने के लिये बोला तो आरोपी ने विवाह करने से इंकार करते हुए पीडिता को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने रिपोर्ट की तो उसे जान से मार देगा।इस संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को घटना की जानकारी देते हुए लिखित शिकायत थाने में पेश की।पुलिस द्वारा शिकायत पर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।पीडिता के धारा 164 के कथन के आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
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