(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) पांच दंतैंल हाथियों का समूह 30 दिनों बाद पुनः छत्तीसगढ़ राज्य के वन परीक्षेत्र मरवाही में रहने के बाद मंगलवार की सुबह मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत कोतमा तहसील एवं वन परीक्षेत्र के पोड़ी गांव से लगे भेड़वा नाला के राजस्व क्षेत्र के जंगल में पहुंच कर विश्राम कर रहे हैं।
हाथियों के समूह के आने पर वन विभाग का अमला मुस्तैदी से लगा हुआ है।वही ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक जाने से रोका जा रहा है।वही 41 हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिला अंतर्गत पसान वन परीक्षेंत में विचरण कर रहा है जिसके छत्तीसगढ़ राज्य कोरबा जिले से मरवाही जिले की ओर आने की संभावना बन रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 04 जुलाई एवं 13 अगस्त के मध्य 40 दिन तक पांच हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परीक्षेत्र से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील एवं वन परीक्षेत्र के चोलना गांव से प्रवेश करता हुआ जैतहरी,अनूपपुर एवं कोतमा तहसीलों के विभिन्न ग्रामीण अंचल के ग्रामीण के घरों को तोड़फोड़ कर बाडियों में लगे गन्ना,केला,कटहल एवं अन्य तरह की फसलों के साथ खेतों में लगी धान एवं अन्य तरह की फसलो को अपना आहार बनाते हुए निरंतर विचारण किया।जो 13 अगस्त की सुबह वन परिक्षेत्र व तहसील कोतमा के पोडी बीट एवं गांव से सोन नदी पार कर मरवाही वन परिक्षेत्र के इलाके में जाकर निरंतर 30 दिनों तक विचरण करते हुए एक बार फिर से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गया है।
पांच हाथियों का समूह मंगलवार की सुबह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत करहनी से भेडवानाला पार करते हुए मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत वन परीक्षेंत एवं तहसील कोतमा अंतर्गत पोडी गांव के भेड़वानाला एवं सोननदी के मध्य राजस्व क्षेत्र के जंगल में पहुंचकर बैठकर,खड़े होकर एवं लेटकर विश्राम कर रहे हैं।हाथियों का यह समूह देर शाम किस ओर रुख करेगा यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा।वन विभाग का अमला हाथियों के समूह पर निगरानी रखते हुए आसपास के ग्रामीण क्षेत्र खासकर गांव एवं गांव से बाहर जंगल के किनारे खेतों एवं अन्य स्थानों में कच्चे एवं पक्के मकान बना कर रह रहे ग्रामीणों को देर शाम तक ऐसे स्थानों मे परिवार सहित निकलकर गांव के बीच या पक्के मकान की में सुरक्षित रहने की सलाह मुनादी एवं अन्य माध्यमों से की जा रही है। तथा दिन में विश्राम कर रहे हाथियों के समूह के नजदीक जाने से वन विभाग के मैदानी अमला ग्रामीणों को रोक रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य के जागरूक लोगों,ग्रामीण ने बताया कि विगत तीन-चार दिनों से पांच हाथियों का यह समूह उत्तेजित हो जाता है।जो बीच-बीच में अपनी सुरक्षा को देखते हुए ग्रामीणों की भीड़ को भगाने के लिए दौड़ने का प्रयास कर रहा है।वही हाथियों का एक सबसे बड़ा समूह जिसमें 41 छोटे,बड़े नर-मादा एवं कई तरह के हाथियों का समूह है छत्तीसगढ़ राज्य के कटघोड़ा जिला से वन परिक्षेत्र केन्दई से विगत एक सप्ताह से चलकर कोरबा जिले की पसान वन परीक्षेत्र में पहुंचकर निरंतर विचरण कर रहा है। समूह के एक सदस्य द्वारा एक वृद्ध महिला पर हमला कर मार दिया है।एवं एक महिला को गंभीर रूप से घायल किया है। जिससे पसान वन परिक्षेत्र से मरवाही वन परिक्षेत्र की सीमा में आने की संभावना बनी हुई है।जिसके कारण भविष्य में मध्यप्रदेश के सीमा में एक वार फिर से हाथियों के बड़े दल के आने की संभावना बन रही है।
हाथियों के समूह के आने पर वन विभाग का अमला मुस्तैदी से लगा हुआ है।वही ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक जाने से रोका जा रहा है।वही 41 हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिला अंतर्गत पसान वन परीक्षेंत में विचरण कर रहा है जिसके छत्तीसगढ़ राज्य कोरबा जिले से मरवाही जिले की ओर आने की संभावना बन रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 04 जुलाई एवं 13 अगस्त के मध्य 40 दिन तक पांच हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परीक्षेत्र से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील एवं वन परीक्षेत्र के चोलना गांव से प्रवेश करता हुआ जैतहरी,अनूपपुर एवं कोतमा तहसीलों के विभिन्न ग्रामीण अंचल के ग्रामीण के घरों को तोड़फोड़ कर बाडियों में लगे गन्ना,केला,कटहल एवं अन्य तरह की फसलों के साथ खेतों में लगी धान एवं अन्य तरह की फसलो को अपना आहार बनाते हुए निरंतर विचारण किया।जो 13 अगस्त की सुबह वन परिक्षेत्र व तहसील कोतमा के पोडी बीट एवं गांव से सोन नदी पार कर मरवाही वन परिक्षेत्र के इलाके में जाकर निरंतर 30 दिनों तक विचरण करते हुए एक बार फिर से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गया है।
पांच हाथियों का समूह मंगलवार की सुबह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत करहनी से भेडवानाला पार करते हुए मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत वन परीक्षेंत एवं तहसील कोतमा अंतर्गत पोडी गांव के भेड़वानाला एवं सोननदी के मध्य राजस्व क्षेत्र के जंगल में पहुंचकर बैठकर,खड़े होकर एवं लेटकर विश्राम कर रहे हैं।हाथियों का यह समूह देर शाम किस ओर रुख करेगा यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा।वन विभाग का अमला हाथियों के समूह पर निगरानी रखते हुए आसपास के ग्रामीण क्षेत्र खासकर गांव एवं गांव से बाहर जंगल के किनारे खेतों एवं अन्य स्थानों में कच्चे एवं पक्के मकान बना कर रह रहे ग्रामीणों को देर शाम तक ऐसे स्थानों मे परिवार सहित निकलकर गांव के बीच या पक्के मकान की में सुरक्षित रहने की सलाह मुनादी एवं अन्य माध्यमों से की जा रही है। तथा दिन में विश्राम कर रहे हाथियों के समूह के नजदीक जाने से वन विभाग के मैदानी अमला ग्रामीणों को रोक रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य के जागरूक लोगों,ग्रामीण ने बताया कि विगत तीन-चार दिनों से पांच हाथियों का यह समूह उत्तेजित हो जाता है।जो बीच-बीच में अपनी सुरक्षा को देखते हुए ग्रामीणों की भीड़ को भगाने के लिए दौड़ने का प्रयास कर रहा है।वही हाथियों का एक सबसे बड़ा समूह जिसमें 41 छोटे,बड़े नर-मादा एवं कई तरह के हाथियों का समूह है छत्तीसगढ़ राज्य के कटघोड़ा जिला से वन परिक्षेत्र केन्दई से विगत एक सप्ताह से चलकर कोरबा जिले की पसान वन परीक्षेत्र में पहुंचकर निरंतर विचरण कर रहा है। समूह के एक सदस्य द्वारा एक वृद्ध महिला पर हमला कर मार दिया है।एवं एक महिला को गंभीर रूप से घायल किया है। जिससे पसान वन परिक्षेत्र से मरवाही वन परिक्षेत्र की सीमा में आने की संभावना बनी हुई है।जिसके कारण भविष्य में मध्यप्रदेश के सीमा में एक वार फिर से हाथियों के बड़े दल के आने की संभावना बन रही है।
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