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कांग्रेस संगठन के सामने चुनौती उसके बाद भी गुटबाजी हावी कैसे होगा चुनावी नैया पार का सपना कांग्रेस का पूरा

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) अनूपपुर जिले में पुष्पराजगढ़ क्षेत्र को छोड़कर अनूपपुर एवं कोतमा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेश संगठन काफी चुनौतियों से घिरा हुआ नजर आ रहा है।एवं गुटबाजी हावी है।जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया कैसे पार होगी यह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सवालिया निशान है।कांग्रेस संगठन बनने के बाद जिले में दो कांग्रेस के विधायक वर्तमान समय में विधानसभा का नेतृत्व कर रहे हैं।लेकिन कोतमा विधानसभा क्षेत्र के विधायक का आए दिन चर्चाओं में बना रहना कांग्रेस के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है।आज की परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी कोतमा विधानसभा क्षेत्र में काफी मजबूती के साथ खड़ी नजर आ रही है।  
                 जबकि पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ अपना जनाधार बनाए हुए हैं।अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र आज के परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में ज्यादा नजर आ रही है।कुल मिलाकर अनूपपुर जिले में परिस्थितियों के अनुरूप 2 सीट भाजपा के खाते में जाते दिख रही है।वही एक सीट पर कांग्रेस को संतोष करना पड़ रहा है।कांग्रेस संगठन आज दिनांक तक अनूपपुर जिले में मजबूती के साथ खड़ा नहीं हो पाया।
        संगठन का विस्तार सूची बनने के बाद भी विवादों के चलते बंद फाइल में दफन पड़ा हुआ है।चुनाव नजदीक है, संगठन के वरिष्ठ नेताओं का दौरा उसके बाद भी संगठन में एकता नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दे रही।जिला कांग्रेस अध्यक्ष अधिकांशत अलग-थलग पड़े नजर आते हैं।वरिष्ठ कांग्रेस जनों का सानिध्य भी उनके आसपास नजर नहीं आता।कई बार पत्रकार वार्ताओं में वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति इस बात की घोतक है।अगर यही परिस्थितियां रही आई तो आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए अनूपपुर जिला सबसे कमजोर जिला प्रदेश में साबित होगा।प्रदेश में बैठे कांग्रेस के संगठन में बैठे वरिष्ठ के लोगों को अनूपपुर जिले के हर पहलुओं की जानकारी अच्छी तरह से है।उसके बावजूद भी प्रदेश स्तर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिलने से संगठन कांग्रेस का मृतप्राय सा है।अगर यही परिस्थितियां कुछ माह और रही तो प्रदेश में अनूपपुर जिला कोई नई उपलब्धि नहीं दे पाएगा।विधानसभा चुनाव 2023 लगभग 5 माह में होने निश्चित है।वही देखा जा रहा है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष के यहां से जारी होने वाली प्रेस विज्ञप्ति बिना किसी प्रवक्ता की नियुक्ति के जारी हो रही हैं।उसमें कुछ खास विशेष लोगों के नाम रहते हैं बाकी वरिष्ठ नेताओं के नाम भी प्रेस विज्ञप्ति से उड़ा दिए जाते हैं।यदि यही सिलसिला बना रहा तो कांग्रेस की गुटबाजी आने वाले दिनों में चरम पर होगी और उसकी पूरी जवाबदारी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर आ जाएगी।अच्छा हो पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों जयप्रकाश अग्रवाल,फुंदेलाल सिंह मार्को  की भांति संगठन को मजबूती देने का प्रयास किया जाए।गुटबाजी को पूरी तरह से समाप्त किया जाए।जिससे कांग्रेस का भविष्य संवर सके।आज प्रदेश के अंदर कांग्रेस से लोगों को काफी आशाएं हैं। लेकिन एक छोटे से जिले में जब इतनी गुटबाजी है तो प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह की गुटबाजी हावी होगी।जिससे प्रदेश में सरकार का सपना कैसे पूरा हो पाएगा।हाल ही में प्रतिपक्ष के नेता गोविंद सिंह के जिला आगमन पर विधायक कोतमा मुर्दाबाद के नारे कांग्रेस के लोगों ने ही लगाए आखिर कांग्रेस कहां जा रही है।इसके लिए सभी को सोचना चाहिए।विधायक से लोग त्रस्त हैं, परेशान है उसका नतीजा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने मुर्दाबाद जैसे नारे लगना कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। 10 वर्षों से कांग्रेस विधायक होने के कारण और लोगों ने अपना मन बदल लिया है।जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी इस बार विधानसभा क्षेत्र कोतमा में अपना परचम लहराती नजर आ रही है।अगर कांग्रेस संगठन आज भी अपनी स्थितियां,परिस्थितियां सुधार लेता है तो उसके अच्छे दिन भी आ सकते हैं।देखना है आने वाले दिनों में प्रदेश नेतृत्व अनूपपुर जिले के लिए क्या दिशा निर्देश जारी करता है।जिससे कांग्रेस का संगठन मजबूती के साथ जिले में अपनी एक अलग पहचान कायम कर सके

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