(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) केंद्र सरकार का एवं उनके सांसदों का पंचवर्षीय कार्यकाल लगभग समाप्ति की ओर है।शहडोल संसदीय क्षेत्र में पंचवर्षीय कार्यकाल में केंद्र सरकार की कितनी योजनाएं सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र में लाई यह मायने नहीं रखता।बल्कि अगर उनके 5 वर्ष के कार्यकाल में नागपुर ट्रेन की उपलब्धि मिल जाती है तो सांसद हिमाद्री सिंह फिर पंचवर्षीय के लिए जनता की पसंद बन जाएगी। अन्यथा जनता उन्हें किसी काम का नहीं छोड़ेगी।
सांसद पद तो दूर विधायक का चुनाव जितना भी मुश्किल हो जाएगा।काफी लंबे अरसे से शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नागपुर ट्रेन की मांग करते चले आ रहे हैं।केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद की जिम्मेदारी होती है की केंद्र सरकार से आम जनता की न्याय उचित मांग पूरी कराएं।उसके लिए अड़ जाए और अपनी मांग पूरी कराए।सांसद ने नागपुर ट्रेन के लिए रेल मंत्री प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखी लेकिन कोरे आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।रेल मंत्री की मुलाकात के बाद सांसद प्रधानमंत्री से भी मिली लेकिन कई माह बीतने के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया।जनता की मांग आज भी अधूरी पड़ी हुई है।करोना कॉल से बंद पड़ी दो अंत्योदय ट्रेन एवं चिरमिरी चंदिया ट्रेन आज तक प्रारंभ नहीं हो पाई।वही छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बहाल नहीं होने से जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है।लेकिन सांसद ने और कोई भी प्रयास नहीं किया जिससे जनता में भारी आक्रोश है।नागपुर ट्रेन की मांग शहडोल संभाग सहित सरगुजा की प्रमुख मांग है।लेकिन इस मांग पर केवल आश्वासन मिलता रहा ट्रेन मूर्त रूप पर पटरी पर नहीं दौड़ पाई।जिससे लोगों में सांसद के प्रति काफी आक्रोश है।यदि लोकसभा चुनाव के पूर्व नागपुर ट्रेन नहीं मिली तो भारतीय जनता पार्टी के लिए शहडोल संसदीय क्षेत्र चुनाव जीतना मुश्किल का काम हो जाएगा वही छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बहाल ना होने पर विधानसभा चुनाव पर भी प्रश्नचिह्न लग जाएगा।अब लोगों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 27 जून को शहडोल आगमन पर एक आशा की किरण जगी है।अब देखना है कि वह किरण कितनी रोशनी फैला पाने में सफल होती है।
सांसद पद तो दूर विधायक का चुनाव जितना भी मुश्किल हो जाएगा।काफी लंबे अरसे से शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नागपुर ट्रेन की मांग करते चले आ रहे हैं।केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद की जिम्मेदारी होती है की केंद्र सरकार से आम जनता की न्याय उचित मांग पूरी कराएं।उसके लिए अड़ जाए और अपनी मांग पूरी कराए।सांसद ने नागपुर ट्रेन के लिए रेल मंत्री प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखी लेकिन कोरे आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।रेल मंत्री की मुलाकात के बाद सांसद प्रधानमंत्री से भी मिली लेकिन कई माह बीतने के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया।जनता की मांग आज भी अधूरी पड़ी हुई है।करोना कॉल से बंद पड़ी दो अंत्योदय ट्रेन एवं चिरमिरी चंदिया ट्रेन आज तक प्रारंभ नहीं हो पाई।वही छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बहाल नहीं होने से जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है।लेकिन सांसद ने और कोई भी प्रयास नहीं किया जिससे जनता में भारी आक्रोश है।नागपुर ट्रेन की मांग शहडोल संभाग सहित सरगुजा की प्रमुख मांग है।लेकिन इस मांग पर केवल आश्वासन मिलता रहा ट्रेन मूर्त रूप पर पटरी पर नहीं दौड़ पाई।जिससे लोगों में सांसद के प्रति काफी आक्रोश है।यदि लोकसभा चुनाव के पूर्व नागपुर ट्रेन नहीं मिली तो भारतीय जनता पार्टी के लिए शहडोल संसदीय क्षेत्र चुनाव जीतना मुश्किल का काम हो जाएगा वही छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बहाल ना होने पर विधानसभा चुनाव पर भी प्रश्नचिह्न लग जाएगा।अब लोगों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 27 जून को शहडोल आगमन पर एक आशा की किरण जगी है।अब देखना है कि वह किरण कितनी रोशनी फैला पाने में सफल होती है।
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