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विवादों के चलते अनूपपुर नगरपालिका का कामकाज हुआ प्रभावित प्रेसिडेंट इन काउंसिल भंग से उपजने लगे सवाल

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) नगर पालिका परिषद अनूपपुर का चुनाव संपन्न जरूर हो गया।लेकिन मतदाताओं ने किसी भी दल को बहुमत नहीं देकर 5 वर्षों के लिए समस्याओं की लकीर जरूर खींच दी है।तोड़फोड़ की राजनीति के बाद किसी तरह नगरपालिका अनूपपुर में भारतीय जनता पार्टी की अध्यक्ष निर्वाचित घोषित की गई मात्र एक मत से।कांग्रेस के यहां कुल 3 पार्षद विजई हुए थे उन्हें अध्यक्ष पद पर सात मत मिलना भाजपा के लिए प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया।निश्चित ही भाजपा के लोग ने भी कांग्रेस को सपोर्ट किया इससे इनकार नहीं किया जा सकता।लेकिन पार्षदों के सहयोग से नगर पालिका अनूपपुर में भाजपा काबिज हुई।उसके बाद नगरपालिका की अध्यक्ष अंजुलिका शैलेंद्र सिंह ने 17 अगस्त 2022 को मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 70 के अधीन नगर पालिका परिषद अनूपपुर कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारीयों की शक्तियों एवं कर्तव्य नियम 1998 के अंतर्गत 7 पार्षदों को मिलाकर प्रेसिडेंट इन काउंसिल का गठन किया।जिसमें भारतीय जनता पार्टी समर्थित लोगों को महत्व देते हुए स्थान दिया गया।लेकिन प्रेसिडेंट इन काउंसिल को 3 माह के अंतराल में अध्यक्ष को निरस्त करना पड़ा।नगर पालिका अध्यक्ष ने 25/11/2022 को प्रेसिडेंट इन काउंसिल जो 17/08/2022 को बनाई गई थी अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दिया।जिसके बाद नगर पालिका परिषद अनूपपुर के कामकाज पर ग्रहण पर लग गया।ठंड की ठिठुरन बढ़ती ही चली जा रही है लेकिन अलाव की व्यवस्था नगर पालिका परिषद अनूपपुर में आज तक नहीं हो सकी।क्योंकि कामकाज करने वालों की प्रेसिडेंट इन काउंसिल भी भंग कर दी गई।प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक 22/11/ 2022 को नगर पालिका परिषद में आयोजित की गई थी। लेकिन वह बैठक विवादों से घिर गई।एजेंडे से हटकर बैठक में सवाल उठने पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी ज्योति सिंह ने कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर वार्ड क्रमांक 9 एवं वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद को अयोग्य घोषित करने के लिए पत्र लिख दिया और बैठक से उठ कर चली गई।उसके पश्चात मुख्य नगरपालिका अधिकारी के समर्थन में कर्मचारी गण,सफाई कर्मचारी मैदान में उतर गए और उन्होंने दोनों पार्षदों को प्रेसिडेंट इन काउंसिल से हटाने की मांग करने लगे।जिसका ज्ञापन उन्होंने अध्यक्ष,उपाध्यक्ष एवं सीएमओ को सौंपा।जिस पर अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।जिसका परिणाम यह हुआ कि नगर पालिका अध्यक्ष अंजुलिका शैलेंद्र सिंह को 25/11/2022 को आदेश निकालकर अपरिहार्य कारणों से प्रेसिडेंट इन काउंसिल को निरस्त करना पड़ा।अब नगर पालिका की ओर पूरे शहर की नजर बनी हुई है कि किस तरह शहर का विकास होगा।नगर के नागरिकों को सभी आवश्यक सुख सुविधाएं किस तरह मिल पाएगी।ठंड की ठिठुरन में आम जनता को किस तरह अलाव की व्यवस्था हो पाएगी आदि ज्वलंत मुद्दे लोगों के दिलों दिमाग में घूमने लगे हैं।अब नगर की जनता कि निगाह फिर से प्रेसिडेंट इन काउंसिल के गठन पर है।नगर की जनता अब देखेगी कि जिन दो पार्षदों के कारण समस्या उत्पन्न हुई और प्रेसिडेंट इन काउंसिल को भंग करना पड़ा क्या वापस उन दोनों पार्षदों को प्रेसिडेंट इन काउंसिल में स्थान मिल पाएगा या फिर निर्दलीय या कांग्रेस के पार्षदों को प्रेसिडेंट इन काउंसिल में स्थान दिया जाएगा।अब सबकी निगाह नगर पालिका अध्यक्ष के फैसले पर टिकी है।नगरपालिका शहर की समुचित व्यवस्था की जिम्मेदारी निर्वाचन के बाद नगर पालिका अध्यक्ष एवं पार्षदों पर आ गई है।लेकिन एकजुटता के अभाव में फिर नगर पालिका का कामकाज आगे बेहिचक संचालित होता रहेगा इसको लेकर भी लोगों के दिलों दिमाग में सवाल उपजने लगे हैं।

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