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कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीना ने जिले के उपार्जन तथा भंडारण के संबंध में समीक्षा बैठक में दिया प्रेजेंटेशन

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) रीवा कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में रीवा एवं शहडोल संभाग के सभी जिलों की संयुक्त बैठक प्रमुख सचिव खाद्य उमाकांत उमराव द्वारा धान उपार्जन की तैयारियों तथा खाद्यान्न वितरण की जिलेवार समीक्षा के संबंध मे अयोजित की गई। प्रमुख सचिव ने कहा कि धान खरीदी के लिए पंजीकृत सभी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन करें। उनके बैंक खाते में शत-प्रतिशत आधार सीडिंग कराएं। तभी उपार्जन का भुगतान किसानों को मिलेगा। रीवा,सतना,सिंगरौली तथा अनूपपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में धान उपार्जन के लिए बनाए गए सीमावर्ती केन्द्रों में विशेष निगरानी रखें।अवैध धान का प्रवेश रोकने के लिए नाके लगाएं।अवैध धान उपार्जन का प्रयास करने वालों को जेल भेजने की कार्यवाही करें।शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार धान का उपार्जन करें।सभी खरीदी केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए तौलकांटे, हम्माल, छाया, पानी,शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें।                
                   प्रमुख सचिव ने कहा कि कलेक्टर हर सप्ताह बैठक आयोजित कर उपार्जन की समीक्षा करें।उपार्जन की निगरानी तथा धान की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर समिति गठित कर दें।धान के संबंध में समिति एक ही बार एफएक्यू जारी करे।यदि कोई सर्वेयर गोदाम में धान अमान्य करता है तो उसे एप पर कारण का स्पष्ट उल्लेख करना होगा।धान खरीदी के लिए अधिकतम केन्द्र गोदामों में बनाने का प्रयास करें।इससे परिवहन व्यय की बचत होगी और किसान को तत्काल भुगतान हो सकेगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि खरीदी शुरू होने से पहले सभी कलेक्टर भण्डारण और परिवहन की कार्ययोजना तैयार कर लें।खरीदी केन्द्र के निकटतम गोदाम में धान का भण्डारण कराएं। मिलर्स से शेष बचे चावल को 30 नवम्बर से पहले अनिवार्य रूप से जमा कराएं।खरीदी के दौरान भी मिलर्स को धान दी जा सकती है।उनसे गत वर्ष की मिलिंग की मात्रा के 10 प्रतिशत के बराबर चावल के अग्रिम भण्डारण के भी आदेश दिए गए हैं।जिलों में भण्डारण के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है।रीवा और सतना में अधिकारी दो दिन के अंदर सभी गोदामों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दें।                
                 बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए सभी दुकानों में शिविर लगाएं।   
                      उपभोक्ता को प्राप्त खाद्यान्न की योजनावार जानकारी पीओएस मशीन के स्पीकर से दी जाती है।उसके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर मैसेज आता है तथा हर योजना के लिए अलग-अलग पर्ची पीओएस मशीन से जनरेट होती है। सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर तथा आधार संख्या अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं।इससे खाद्यान्न की
कालाबाजारी और वितरण की अनियमितता पर पूरी तरह से लगाम लगेगी।प्रमुख सचिव ने खाद्यान्न आवंटन के केन्द्र में पहुंचने पर 24 घण्टे के अंदर पावती जारी करने के भी निर्देश दिए।                
               बैठक में संचालक नागरिक आपूर्ति निगम तरूण पिथोड़े ने धान तथा मोटे अनाजों के उपार्जन की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने बताया कि धान उपार्जन के लिए अनूपपुर में 72 हजार टन, उमरिया में 88 हजार टन, शहडोल में 140 हजार टन, सिंगरौली में 120 हजार टन, सीधी में एक लाख टन, रीवा में 3.50 लाख टन तथा सतना में 4.50 लाख टन का लक्ष्य रखा गया है।इसी के अनुसार भण्डारण की व्यवस्था करें। उपार्जन के समय धान की मात्रा का सत्यापन बायोमेट्रिक माध्यम तथा किसान के मोबाइल नम्बर पर ओटीपी से होगा। परिवहन, भण्डारण तथा मिलिंग के लिए अभी से तैयारियाँ कर लें। उन्होंने हर माह 7 से 9 तारीख को प्रत्येक दुकान में अन्न उत्सव मनाने तथा ई केवाईसी शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना तथा घर पहुंच राशन योजना की भी समीक्षा की गई। बैठक में सहकारी समितियों तथा नागरिक आपूर्ति निगम के आपस में लेनदेन के समन्वय के निर्देश दिए गए। बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी, संचालक खाद्य दीपक सक्सेना,कलेक्टर शहडोल वंदना वैद्य,कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना,कलेक्टर उमरिया के.डी.त्रिपाठी, कलेक्टर सिंगरौली अरूण कुमार परमार,कलेक्टर सीधी साकेत मालवीय, प्रभारी कलेक्टर रीवा मृणाल मीणा,अपर कलेक्टर सतना संस्कृति जैन, सीईओ जिला पंचायत सतना डॉ. परीक्षित, तथा विभिन्न जिलों के खाद्य, नागरिक आपूर्ति, सहकारी बैंक, कृषि, विपणन संघ, वेयर हाउस, के अधिकारी उपस्थित रहे।
                 कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीना ने बैठक में जिले का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि जिले में 17138 किसानों द्वारा 29978 हेक्टेयर रकबा का पंजीयन कराया गया है जिले में 71 हजार मेट्रिक टन का उपार्जन अनुमानित है। जिसके लिए जिले में वारदाने की पर्याप्त उपलब्धता है।उन्होंने बताया कि धान भंडारण के लिए जिले में 35 हजार मेट्रिक टन का शार्टफाल है जिसके लिए जिले में एमपीडब्ल्यूएलसी के माध्यम से कच्चे कैप का निर्माण कराया जाकर जिले में ही उपार्जित धान का भंडारण कराया जाएगा। साथ ही जिले में मनरेगा के तहत बनाए गए 1500 मेट्रिक टन के 9 कैप भी उपलब्ध हैं जिन्हें भंडारण के लिए उपयोग किया जाएगा।उन्होंने बताया कि जिले में 33 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनमें अनूपपुर तहसील अंतर्गत 9, जैतहरी तहसील अंतर्गत 6,कोतमा तहसील अंतर्गत 10, पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत 8 उपार्जन केंद्र खोले गए हैं।जिनमें से 13 उपार्जन केंद्र गोदाम सह कैप स्तरीय खोले गए हैं।जिससे कि परिवहन (ट्रांसपोर्टेशन) का खर्च बचाया जा सके व किसानों को तत्काल समर्थन मूल्य का भुगतान किया जा सके।

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