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निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से उम्मीदें भी बेअसर,एकमात्र पंडित शंभूनाथ शुक्ला स्मारक लाइब्रेरी उपेक्षा का शिकार

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) कहते हैं जो शहर जितना ज्यादा शिक्षित होता है उस क्षेत्र का तीव्र गति से विकास होता है।लेकिन दुर्भाग्य है अनूपपुर में नगर पालिका द्वारा संचालित एकमात्र पंडित शंभूनाथ शुक्ला स्मारक लाइब्रेरी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण अब पूरी तरह से उपेक्षा का शिकार हो चुकी है।
                           शहर की जनता ने बड़ी उम्मीद से नगर पालिका में अपना प्रतिनिधि चुनी थी।उसे विश्वास था कि इनके बैठते ही हमारी समस्याएं छूमंतर हो जाएगी।लेकिन इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।इनमें युवावर्ग की पढ़ने तथा कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए नगर की एकमात्र पंडित शंभूनाथ शुक्ला स्मारक लाइब्रेरी ही थी।जहां से उसे कम्टीशन की तैयारी करने के लिए सामग्री उपलब्ध हो जाती थी।शायं 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रतिदिन खुलने वाली लाइब्रेरी में गरीब विद्यार्थी को भी मंहगी से मंहगी किताबें और पत्रिकाएं फ्री में पढ़ने को मिल जाती थी।इतना ही नहीं नगर के उम्रदराज व्यक्ति,महिला,किशोर एवं बच्चों के पढ़ने के लिए भी पर्याप्त सामग्री उपलब्ध होती थी।आज भी नगर के लोग यह बात नहीं भूले हैं।यह कहने से काम नहीं चलने वाला है कि मोबाइल के जमाने में पढता कौन है।हमें लोगों में पढ़ने की आदत बनाएं रखनें के लिए लाइब्रेरी का संचालन किसी योग्य व्यक्ति के हाथ में सौंपनी होगी तभी नगर पालिका का उद्देश्य पूरा होगा जिसमें सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा शामिल है ।
             इस और नगर पालिका के जिम्मेदार लोगों के साथ ही निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष अंजूलिका शैलेंद्र सिंह, कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना को ध्यान देना चाहिए।
               जिस तरह से कलेक्ट्रेट में जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित लाइब्रेरी सेवारत है।उसी तरह शहर की एकमात्र पंडित शंभूनाथ शुक्ला स्मारक लाइब्रेरी सेवारत रहे।इसके लिए कलेक्टर महोदया को भी पहल करना चाहिए।जिससे शहर के लोग अच्छी पुस्तकें प्राप्त कर शिक्षित हो सके जो शहर विकास के लिए आवश्यक है।

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