(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले के शालेय विद्यार्थियों के लिए आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 नई खुशी लेकर आया है। यहां के स्कूली बच्चों के बस्ते अब हल्के हो गए हैं। शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा की पहल पर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के निर्देशन में जिले के सभी स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए जनजातीय कार्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा सर्व शिक्षा अभियान द्वारा अभियान चलाकर शासकीय एवं निजी स्कूलों के संस्था प्रमुखों की बैठक लेकर केन्द्र सरकार की 2020 नई शिक्षा नीति में तय मानक के आधार पर राज्य शासन की मंशा के अनुरूप स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के अंतर्गत की गई सिफारिशों के तहत स्कूल बैग के भार को कम करने की नीति के तहत स्कूल के बैग का अधिकतम भार छात्र के भार के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए के निर्देशानुसार सर्व संबंधित अधिकारियों द्वारा जिले के विद्यालयों का निरीक्षण किया गया तथा मौके पर बैग के भार का माप किया गया तथा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया। जिससे अब बच्चों के कंधों पर स्कूली किताबों का बोझ कम हो गया है। बच्चे अब पूर्ण उमंग के साथ हल्का स्कूली बैग लेकर विद्यालय जा रहे हैं। इस संबंध में विद्यालयों के संस्था प्रमुखों को सतत मानीटरिंग के भी निर्देश दिए गए हैं। शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा द्वारा अभियान को बल देते हुए जिला मुख्यालय में शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक लेकर स्कूली छात्र-छात्राओं को बस्ते के बोझ को हल्का करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा था कि शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह इसे अपना काम समझें व स्कूली छात्र को कम वजन का बस्ता लाने के लिए प्रोत्साहित करें। 4 अगस्त 2022 से बस्तों के वजन का अभियान चलाया गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि 13 दिन में ही बस्ते का वजन आधा कर दिया गया, जिससे शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बच्चों का बस्ता कम वजन का हो गया, जिससे बच्चों को बड़ी राहत मिली है।
शासकीय स्कूलों में प्री प्राइमरी बच्चों के बस्ते का वजन एक से दो किलो था,जिसे न्यूनतम किया गया है। वहीं निजी स्कूल में जो बस्ता 7 से 8 किलो तक थे, उन्हें 5 किलो तक कर दिया गया है। जिसके सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। शहडोल संभाग में चलाए गए इस महत्वपूर्ण अभियान में शिक्षकों, अभिभावकों का योगदान प्राप्त होने से शहडोल संभाग मध्यप्रदेश का पहला ऐसा संभाग बन गया, जिसने इस पहल में सबसे पहले सफलता हासिल की है। 15 अगस्त 2022 के जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में मध्यप्रदेश शासन की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री तथा अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने घोषणा की कि उनके प्रभार के जिले अनूपपुर में शालेय विद्यार्थियों को बस्ते हल्के हो गए हैं।उन्होंने इस अवसर पर जिला प्रशासन सहित शिक्षकों को साधुवाद तथा बच्चों को बधाई ज्ञापित की।
बस्तों का वजन कम होने से बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी प्रसन्नचित्त हैं। उन्होंने इस पहल का स्वागत किया है।
शासकीय स्कूलों में प्री प्राइमरी बच्चों के बस्ते का वजन एक से दो किलो था,जिसे न्यूनतम किया गया है। वहीं निजी स्कूल में जो बस्ता 7 से 8 किलो तक थे, उन्हें 5 किलो तक कर दिया गया है। जिसके सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। शहडोल संभाग में चलाए गए इस महत्वपूर्ण अभियान में शिक्षकों, अभिभावकों का योगदान प्राप्त होने से शहडोल संभाग मध्यप्रदेश का पहला ऐसा संभाग बन गया, जिसने इस पहल में सबसे पहले सफलता हासिल की है। 15 अगस्त 2022 के जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में मध्यप्रदेश शासन की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री तथा अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने घोषणा की कि उनके प्रभार के जिले अनूपपुर में शालेय विद्यार्थियों को बस्ते हल्के हो गए हैं।उन्होंने इस अवसर पर जिला प्रशासन सहित शिक्षकों को साधुवाद तथा बच्चों को बधाई ज्ञापित की।
बस्तों का वजन कम होने से बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी प्रसन्नचित्त हैं। उन्होंने इस पहल का स्वागत किया है।

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