अमरकंटक (श्रवन उपाध्याय)
मेहंदीपुर बालाजी
में होगा कल अंतिम संस्कार
अमरकंटक (अंचलधारा) भगवान भी मानव शरीर धारण करके आते है तो उन्हें भी एक ना एक दिन शरीर का त्याग करना पड़ता है।विधि के इसी विधान का सम्मान करते हुये हम सभी भक्तो के भगवान परम पूज्य श्री बर्फानी दादाजी महाराज जी ने बुधवार रात्रि करीब 09.45 बजे अहमदाबाद मे अपने शरीर का त्याग कर दिया है।संत समाज के निर्णयानुसार श्री बर्फानी दादाजी महाराज के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार संत समाज की परम्परानुसार मेहंदीपुर बालाजी में आज दोपहर 2 बजे सम्पन्न किया जायेगा।अमरकंटक के पूर्व सीएमओ राम सरोवर द्विवेदी ने बताया कि आज से 50 वर्ष पूर्व हमने उनके काले बाल में उन्हें देखे थे तब वो उस समय लगभग 48 या 50 के दिखते थे पुराने समयानुसार देखा जाय तो आज वो लगभग 100 वर्ष के आस पास के होंगे दादा बर्फानी जी।
बर्फानी दादा जी का आश्रम अमरकंटक में नर्मदा मंदिर के पीछे स्थित है।जो पहले के अनुसार सबसे बड़ा आश्रम माना जाता था। उनका भी एक नाम चलता था वे कुछ वर्ष पूर्व से अमरकंटक आना जाना बंद कर दिए थे लेकिन लगभग दो माह पूर्व आश्रम आये थे कुछ दिन रुक कर वापस चले गए।
बताया जाता है कि उनके आश्रम में कई वर्ष पूर्व 1991 या 92 के आस पास उनके परम शिष्य हेली कॉप्टर से आये थे और उन्होंने आश्रम के प्रांगण में उतारा गया था जिसे नगर के लोग बताते है।बर्फानी दादा काफी तपस्या वाले संत थे उन्हें कायकल्पी संत भी कहते थे ये उनकी तपश्या का फल कहा जाता है।
ब्रम्हर्षि अनंत श्रीविभूषित आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानन्द पंच अग्निपीठ अखाड़ा अमरकंटक ने बताया कि संत उच्च कोटि के थे उनका विनम्र स्वभाव था समदर्शी थे वे अभी लगभग 100 वर्ष पार कर चुके है।
बताया जाता है कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास बाल योगी बर्फानी बाबा के आश्रम की देखरेख में लगे हुए हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह भी अंतिम संस्कार में शामिल होने मेहंदीपुर बालाजी के लिए प्रस्थान कर गए।
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