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न्यायालय ने गांजा का अवैध परिवहन करने वालों को 11-11 वर्ष का सश्रम कारावास की सुनाई सजा

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्‍यायालय विशेष न्‍यायाधीश आर.पी. सेवेतिया जिला अनूपपुर (म.प्र.) के न्‍यायालय के द्वारा थाना राजेन्‍द्रग्राम के अप.क्र. 236/19  प्रकरण क्र. 01/20 धारा 8/20 बी एनडीपीएस एक्‍ट के अभियुक्‍त मोनी उर्फ चमन चक्रधारी पिता श्‍यामलाल चक्रधारी उम्र 23 वर्ष निवासी सिंचाई कॉलोनी गोरेला जिला बिलासपुर (छ.ग.),पिंटू उर्फ बनवारी गुप्‍ता पिता बच्‍चू प्रसाद गुप्‍ता उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम पिपरहा,थाना राजेन्‍द्रग्राम जिला अनूपपुर, राहुल गुप्‍ता पिता शीतल प्रसाद उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम पिपरहा, थाना राजेन्‍द्रग्राम जिला अनूपपुर, शुभम उपाध्‍याय पिता माधव प्रसाद उम्र 24 वर्ष निवासी पुलिस कॉलोनी कमरा नम्‍बर ए-93 तिफरा थाना सिरगिटटी जिला बिलासपुर (छ.ग.) को 11-11 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्‍येक आरोपी को 1 लाख 20 हजार रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। राज्‍य की ओेर से मामले की पैरवी लोक अभियोजक सुधा शर्मा द्वारा की गई।
                          मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्‍डेय ने न्‍यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 26/10/2019 को थाना राजेन्‍द्रग्राम में पदस्‍थ उप निरीक्षक डी.एस.मरावी को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्‍त हुई कि सफेद रंग का पिक अप वाहन जिसका क्र. सीजी-10 वाई-5480 जो धरमदास से गिरवी रोड तरफ से आ रहा है,में मादक पदार्थ अर्थात गांजा का परिवहन किया जा रहा है।उन्‍होंने सूचना अपने वरिष्‍ठ अधिकारी को प्रेषित करते हुए हमराह स्‍टाफ व गवाह के मौके पर पहुंचे जहां पर उन्‍होंने उक्‍त वाहन को आते देखा जिसे रोकने के प्रयास के दौरान चालक को छोडकर अन्‍य तीन व्‍यक्ति भागने लगे जिन्‍हे दबिश किये जाने का प्रयास किया गया परंतु वे भाग निकले।बाद में विवेचना के दौरान आरोपीगण को पुलिस ने गिरफ्तार किया।उपस्थित आरोपी को उनके पहुंचने व संदेह की जानकारी देते हुए स्‍वयं तथा अपने वाहन की तलाशी आरोपी से कराते हुए आरोपी के वाहन की तलाशी की गई।उस दौरान भूसे में से तीन बोरी सफेद रंग की बरामद हुई।      जिसमें 41 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद हुआ।जिसको विधिवत रूप से सीलबंद कर मौके की कार्यवाही पश्‍चात मामला पंजीबद्ध कर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍ततुत किया गया। जहां माननीय विचारण न्‍यायालय द्वारा अपराध को प्रमाणित पाते हुए अभियुक्‍तगण को उपरोक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया है।  


                                                                                                                                                       

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