(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) एनआईसी केन्द्र में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विगत सोमवार को कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि आदान की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट अनूपपुर के एनआईसी केन्द्र में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना एवं सर्व संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रेंस में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने आगामी फसल के लिए खाद,बीज एवं कीटनाशकों की उपलब्धता के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित करें।रीवा तथा शहडोल संभाग में किसान मुख्य रूप से धान और गेहूं की फसल पर केन्द्रित हैं।किसानों को बाजार की मांग के अनुसार अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें। सिंगरौली, अनूपपुर तथा रीवा जिले में कृषि विविधीकरण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। अनूपपुर और सिंगरौली में कोदो तथा कुटकी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके उत्पादक किसानों का पोर्टल में पंजीयन कराएं। पंजीकृत किसानों को कोदो तथा कुटकी की खेती के लिए मिलने वाला अनुदान उनके बैंक खाते में दिया जाएगा। दोनों संभागों में मसालों, औषधीय पौधों की खेती, आम तथा अन्य फल-सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दें। कृषि के क्षेत्र में विकास होने से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कई शिक्षित युवा भी सफलतापूर्वक खेती, पशुपालन एवं मछलीपालन कर रहे हैं।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि दोनों संभागों में आगामी फसल के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है। गत वर्ष 30 जून तक समितियों तथा अन्य क्षेत्रों में खाद की जितनी बिक्री हुई थी उससे अधिक खाद अब तक जिलों में भंडारित की जा चुकी है। किसी भी स्थिति में खाद की आपूर्ति में कमी नहीं आएगी। किसानों को डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके तथा एसएसपी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए सभी जिलों में लगातार अभियान चलाएं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि अमृत सरोवर में मछलीपालन अनिवार्य रूप से कराएं। इसके लिए अभी से पूरी कार्य योजना बना लें। मछली पालक तथा पशुपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता से जारी कराएं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग की विभागीय योजनाओं में सभी जिलों में अच्छा कार्य हुआ है।
इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कृषि उत्पादन आयुक्त को जिले में किए गए नवाचार स्ट्राबेरी, कोदो प्रोसेसिंग एवं उनके उत्पाद, पारंपरिक धान की विलुप्त होती किस्मों का पुनर्जीवन, काला गेहूं एवं फसल विविधीकरण अंतर्गत लेमन ग्रास की खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिले में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए गतिविधियों को और गति प्रदान कर कृषकों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंस में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने आगामी फसल के लिए खाद,बीज एवं कीटनाशकों की उपलब्धता के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित करें।रीवा तथा शहडोल संभाग में किसान मुख्य रूप से धान और गेहूं की फसल पर केन्द्रित हैं।किसानों को बाजार की मांग के अनुसार अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें। सिंगरौली, अनूपपुर तथा रीवा जिले में कृषि विविधीकरण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। अनूपपुर और सिंगरौली में कोदो तथा कुटकी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके उत्पादक किसानों का पोर्टल में पंजीयन कराएं। पंजीकृत किसानों को कोदो तथा कुटकी की खेती के लिए मिलने वाला अनुदान उनके बैंक खाते में दिया जाएगा। दोनों संभागों में मसालों, औषधीय पौधों की खेती, आम तथा अन्य फल-सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दें। कृषि के क्षेत्र में विकास होने से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कई शिक्षित युवा भी सफलतापूर्वक खेती, पशुपालन एवं मछलीपालन कर रहे हैं।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि दोनों संभागों में आगामी फसल के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है। गत वर्ष 30 जून तक समितियों तथा अन्य क्षेत्रों में खाद की जितनी बिक्री हुई थी उससे अधिक खाद अब तक जिलों में भंडारित की जा चुकी है। किसी भी स्थिति में खाद की आपूर्ति में कमी नहीं आएगी। किसानों को डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके तथा एसएसपी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए सभी जिलों में लगातार अभियान चलाएं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि अमृत सरोवर में मछलीपालन अनिवार्य रूप से कराएं। इसके लिए अभी से पूरी कार्य योजना बना लें। मछली पालक तथा पशुपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता से जारी कराएं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग की विभागीय योजनाओं में सभी जिलों में अच्छा कार्य हुआ है।
इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कृषि उत्पादन आयुक्त को जिले में किए गए नवाचार स्ट्राबेरी, कोदो प्रोसेसिंग एवं उनके उत्पाद, पारंपरिक धान की विलुप्त होती किस्मों का पुनर्जीवन, काला गेहूं एवं फसल विविधीकरण अंतर्गत लेमन ग्रास की खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिले में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए गतिविधियों को और गति प्रदान कर कृषकों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
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