(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) अमरकंटक वन परिक्षेत्र में कटनी, उमरिया एवं सीधी जिले के मजदूरों से काम कराया गया। दो महीने बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। इसके बाद मजदूरों ने 31 मई से परिवार सहित वन मंडल कार्यालय में डेरा जमा लिया है। मजदूरों का कहना है कि उनसे करीब 34 हजार गड्ढे कराए। प्रदर्शन करने पर उन्हें 22 हजार गड्ढों का ही भुगतान किया है। पूरी मजदूरी मिलने तक वे यहीं प्रदर्शन करेंगे।
इसको लेकर वन मंडल के अफसरों ने अनूपपुर एसडीओपी कीर्ति बघेल से मजदूरों को यहां से हटाने की मांग की थी। इसके बाद शनिवार को एसडीओपी मजदूरों से मिलीं एवं उनसे बातचीत की। मजदूरों ने एसडीओपी को बताया कि 31 मई को धरना देने के 2 दिन के बाद यानी 2 जून को वन विभाग के अफसरों ने 22 हजार गड्ढों का भुगतान कर दिया गया है। हमसे 34 हजार गड्ढे खुदवाए हैं। 12 हजार गड्ढों का भुगतान नहीं किया गया है।
इसको लेकर वन मंडल के अफसरों ने अनूपपुर एसडीओपी कीर्ति बघेल से मजदूरों को यहां से हटाने की मांग की थी। इसके बाद शनिवार को एसडीओपी मजदूरों से मिलीं एवं उनसे बातचीत की। मजदूरों ने एसडीओपी को बताया कि 31 मई को धरना देने के 2 दिन के बाद यानी 2 जून को वन विभाग के अफसरों ने 22 हजार गड्ढों का भुगतान कर दिया गया है। हमसे 34 हजार गड्ढे खुदवाए हैं। 12 हजार गड्ढों का भुगतान नहीं किया गया है।
जांच टीम गिनेगी
गड्ढे कमेटी गठित
गड्ढे कमेटी गठित
एसडीओपी कीर्ति बघेल ने मजदूरों को आश्वासन दिया कि गड्ढे की गिनती के लिए कमेटी गठित की है। इसमें मजदूर, वन विभाग एवं पुलिस का अमला भी शामिल है। जो गड्ढों की गिनती कर रिपोर्ट उनको सौंपेगा। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग को मजदूरों
से भय चोरी का डर
से भय चोरी का डर
वन विभाग के अफसरों ने बताया कि आयुष वन वृक्षारोपण क्षेत्र में स्थानीय मजदूर नहीं मिले। ऐसे में सीधी,उमरिया एवं कटनी जिले के मजदूरों को बुलाया था। उनका भुगतान किया जा चुका है। वन विभाग ने आरोप लगाया हैं कि भुगतान की बात भी मजदूर 31 मई से वन मंडल कार्यालय अनूपपुर में डेरा जमाए हुए हैं। उप वन मंडलाधिकारी के नाम से जारी पत्र में लिखा है कि मजदूरों से कैंपस में गंदगी फैल रही है। वन मंडल अनूपपुर में शासकीय संपत्ति रखी हुई है उसके चोरी होने का डर है।
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