(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रशासनिक लापरवाही एवं व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते अनूपपुर जिला मुख्यालय का शहर पूरी तरह से अतिक्रमण से पटा हुआ है।काफी शिकवा शिकायत के बाद सीएम हेल्पलाइन के निर्देश से नगरपालिका अनूपपुर ने सुर्खियों में आने के लिए मात्र 1 दिन मेन रोड का अतिक्रमण हटाकर चुप्पी साध ली है।परिणाम यह है फिर से वही सब दुकानें सड़कों के दोनों तरफ प्रतिस्पर्धा को लेकर दुकानों से बाहर निकल कर सड़कों पर सज गई है लेकिन कोई देखने वाला नजर नहीं आ रहा है।बाहर से आने जाने वाले लोगों की नजर में जिला मुख्यालय का यह शहर लोगों को पसंद नहीं आ रहा।एक तो मास्टर प्लान के अनुसार आज तक शहर की बसाहट नहीं हो पाई और फिर व्यवसायिक एवं प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि लोग अपने शहर को सुव्यवस्थित नहीं रहने देना चाहते। व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में व्यापारी पूरी तरह से बेशर्म हो गए हैं उन्हें शासन प्रशासन का कोई डर नहीं एवं शहर की इज्जत भी उन्हें प्यारी नहीं।अतिक्रमण हटाते समय दुकानें समेट लेंगे और फिर वह जानते हैं अतिक्रमण हटाने वाला अमला अब दोबारा नहीं आने वाला फिर वही व्यवसायिक अपनी दुकानों को पूरी तरह सड़कों पर नालियों पर सजा लेते हैं।नगर पालिका प्रशासक के रूप में कलेक्टर विराजमान हैं जिनके हाथों में पूरे जिले की कमान है लेकिन इनका डर भी लोगों को नहीं है।नगर पालिका, राजस्व अमला सभी चुप्पी साध लेते हैं पुलिस प्रशासन भी जब अभियान चलता है तो इन अतिक्रमण अमला के साथ नजर आते हैं उसके बाद उनको भी कोई लेना देना नहीं।देखा जाता है कि साप्ताहिक बाजार में जाम की स्थिति सड़कों पर लग जाती है लेकिन कोई उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।जिला मुख्यालय का शहर जब जिले में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के रहते अतिक्रमण की चपेट में है तो पूरे जिले की कल्पना की जा सकती है।नगर पालिका क्षेत्र में कुछ मार्गों पर चौड़ी सड़कें बना दी गई पैदल चलने वालों के लिए अलग से नाली के ऊपर मार्ग बना दिया गया लेकिन वह नाली भी पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में आ गई। धन्य है जिले की व्यवस्था दोषी दोनों हैं चाहे प्रशासन हो या व्यवसायिक।आवश्यकता है नगर के लोगों को जागरूक होने की एवं जिला प्रशासन को जागरूक होने की।पर्यटन स्थल अमरकंटक का मुख्य द्वार अनूपपुर हैं यहां देश विदेश से पर्यटक अमरकंटक घूमने आते हैं उनके मन मस्तिष्क में अनूपपुर को लेकर कोई अच्छी सोच नहीं जाती।इस दिशा में जिला प्रशासन को विचार करना चाहिए।अगर जिला प्रशासन अपने लोगों को नियमित अभियान को गति देने का निर्देश जारी कर दें और निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर समान जब्ती के साथ जुर्माने का अच्छा खासा प्रावधान कर दें तो निश्चित ही व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।देखना है आने वाले समय में शहर अतिक्रमण मुक्त होता है या फिर पूरा शहर अतिक्रमण से पटा नजर आता है।
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