(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) दाण्डी महाराज हनुमान मंदिर बजरंग आश्रम खाम्हीडोल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल के कारण लगभग 2 वर्षों से निरस्त हो रहे संगीतमय अष्टादश महापुराण ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ 5 मार्च 2022 से होने जा रहा है।उन्होंने बताया कि यह यज्ञ 15 मार्च 2022 तक श्री हनुमान मंदिर खाम्हीडोल में आयोजित किया जाएगा।कथावाचक पं. हरिओम शास्त्रीजी रहेंगे।दाण्डी महाराज ने बताया कि हनुमान जी महाराज की कृपा से संपन्न करने का शुभ संकल्प प्रस्फुटित हुआ है।इस धार्मिक अनुष्ठान में सपरिवार सभी को सादर आमंत्रित किया गया है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सम्पूर्ण वेदों-शास्त्रों का विस्तृत अध्ययन करने वाला व्यक्ति भी पराणों का अनुशीलन किये बिना यथार्थ ज्ञान से वंचित ही रहता है।समस्त समादरणीय सनातन धर्मावलम्वी भाइयों देवियों पुरान हमारी आपकी अक्षय अनमोल निधि है।
वेदों का तात्पर्य क्या है वेदों के उपदेश को जीवन में उतार कर धर्म, अर्थ और का सम्यक सम्पादन कर अंत में भगवान को प्राप्ति अर्थात मोक्ष कैसे प्राप्त हो इसका भली-भाँति प्रतिपादन पुराणों में किया गया है। किंतु, काल प्रवाह का प्रताप कहे, या कलयुग का प्रभाव जिसके चलते पराणों का पठन और श्रवण तो दूर समस्त अठारह पुराणों के नाम भी गिने चुने लोगों को ही याद होंगे। पुराण विद्या की इसी का परिणाम है कि देश की संतान धर्महीन, कर्महीन सदाचारहीन, ओज हीन, तेजहीन एवं संस्कार हीन होते जा रही है। केवल थोड़ा सा संतोष इस बात से किया जा सकता है कि भागवत कथा के रूप में पुराण विद्या की सांसे अभी चल रही है। उसमें भी विडंबना यह है कि 90 प्रतिशत भागवत कथा में आपको गाना, बजाना, नाचना, चुटकुले कहना, हाव-भाव, चाव से मनोरंजन करना और बहुत सी चीजें भरपूर मिलेगी, किन्तु वो चीजें नहीं मिलेगी जिसकी तलाश प्राणी को है अस्तु श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर बजरंग आश्रम खाम्हीडोल में विराजमान श्री हनुमान जी महाराज की अहेतु की सत्कृपा एवं सतगुरूदेव दाण्डी महाराज जी की प्रेरणा से क्षेत्र के उत्साह सम्पन्न धर्मप्रेमी भगवत भक्तों के पावन हदयों मे अष्टादस महापुराण यज्ञ संपन्न करने का शुभ संकल्प प्रस्फुरित हुआ है। जिसकी रूपरेखा इस प्रकार है-5 मार्च 2022 फाल्गुन शुक्लपक्ष तृतीय, दिन शनिवार को प्रातः अष्टादश महापुराणों की भव्य शोभायात्रा, वेदी पूजन एवं अलग-अलग पीठों पर अष्टादश महापुराणों की स्थापना एवं परायण (पाठ) प्रारंभ। नित्य प्रातः 04.00 से 05.00 बजे तक वैदिक सूक्तों का पाठ एवं पौराणिक स्तोत्रों का पाठ तत्पश्चात परायण (पाठ) नित्य सायं 02.00 बजे से 06.30 बजे तक दो-दो महापुराणों का परिचय, तदाधारित संगीतमय प्रवचन एवं सत्संग।दिनांक 15 मार्च 2022 द्वादशी फाल्गुन शुक्ल पक्ष, दिन मंगलवार हवन पूर्णाहूति एवं चढ़ोत्तरी भव्य भण्डारा एवं प्रसाद वितरण। दाण्डी महाराज ने कहा कि अष्टादस महापुराणों का तो एक साथ दर्शन भी दुर्लभ है। अतः इस अलभ्य लाभ को प्राप्त करने से ना चूके। ऐसे विशिष्ट आयोजन देश में कभी-कभी और कहीं-कहीं भगवत कृपा से संपन्न हो पाते है। इस दुर्लभ धार्मिक आध्यात्मिक भागवत भक्ति परक पुण्य प्रायोजन में अपनी सम्पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित कर कल्याण भाजन बनें। कथावाचक पं. हरिओम शास्त्रीजी रहेंगे।
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