(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सो भूपेन्द्र नकवाल महोदय जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के द्वारा थाना भालूमाडा के अप.क्र. 190/18 धारा 376 भादवि एवं 3/4 पॉक्सों एक्ट तथा 3(2)5 एससी एसटी एक्ट के आरोपी मोह. गुलशेर पिता अदूद उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम भोलगढ् थाना चोरहटा जिला-रीवा हाल मुकाम ग्राम लहसुइ मेनुददीन के घर के पास थाना कोतमा जिला अनूपपुर (म.प्र.) को 25 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 12 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। राज्य की ओर से मामले में पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) रामनरेश गिरि के द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पीडिता दिनांक 18/05/2018 को पिता से पढाई हेतु डांटने के कारण नाराज होकर घर से बडे पिता के यहां जाने हेतु चली गई, तलाशने पर भी नहीं मिली तो पिता ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीडिता को बहला फुसलाकर ले जाने की थाना भालूमाडा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, पीडिता पैदल भालूमाडा चली गई, वहां से ऑटो से कोतमा रेल्वे स्टेशन पहुंची, स्टेशन के पास कपडा दुकान पर उसे लहसुई के मो. गुलशेर व उसके दो अन्य साथी मिले, आरोपी के पूछने पर पीडिता बताई कि वह घर जा रही है, उसने अपना नाम बताया, अभियुक्तगण ने भी अपना नाम बताया कहा कि वह कपडा बेचते हैं, फिर उन्होंने पीडिता को जबरजस्ती ट्रेन में चढा दिये, खुद भी चढ गये, गेट पर खडे होकर पीडिता को उतरने नहीं दिया, ट्रेन चल दी, तब सुबह करीब 09.00 बजे थे, पीडिता चिल्लाई पर कोई नहीं आया, वे उसे बिजुरी ले गए फिर मो.गुलशेर ने स्टेशन के आउटर जंगल में ले जाकर बलात्कार किया, पीडिता को रातभर वहीं रखा, सुबह ट्रेन से वापस कोतमा, फिर कोतमा से ट्रेन से ही अनूपपुर और अनूपपुर से शहडोल ले गया। मो.गुलशेर उसे रीवा वाली ट्रेन से वापस बिजुरी ले आया जहां स्टेशन आउटर से पीडिता मो. गुलशेर के पास दस्तयाब हुई, उसकी मां व परिवार वाले पुलिस के साथ वहां पहुंचे थे। पीडिता ने उन्हें घटना के बारे में बताया, पुलिस ने मामला अनुसंधान में ले लिया। प्रकरण की विवेचना अनुविभागीय पुलिस अधिकारी कोतमा एस्.एन. प्रसाद एवं उप.नि. विशाखा उर्वेदी के द्वारा की गई। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय मे पेश किया गया। न्यायालय में श्रीमान् पुलिस अधीक्षक अनूपपुर अखिल पटैल और अति.पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के पर्यवेक्षण में सभी आवश्यक अभियोजन साक्षियो का साक्ष्य एवं दस्तावेज विशेष लोक अभियेाजक पॉक्सों द्वारा प्रस्तुत किया गया उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्य, दस्तावेज, अंतिम तर्क से न्यायालय ने आरोपी के विरूद्व अपराध प्रमाणित पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया है। मामले में आरोपी के अन्य साथी अपचारी बालक के विषय में जानकारी किशोर न्याय बोर्ड से अप्राप्त है तथा एक अन्य साथी के अपराध को न्यायालय ने प्रमाणित नहीं पाया है।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पीडिता दिनांक 18/05/2018 को पिता से पढाई हेतु डांटने के कारण नाराज होकर घर से बडे पिता के यहां जाने हेतु चली गई, तलाशने पर भी नहीं मिली तो पिता ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीडिता को बहला फुसलाकर ले जाने की थाना भालूमाडा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, पीडिता पैदल भालूमाडा चली गई, वहां से ऑटो से कोतमा रेल्वे स्टेशन पहुंची, स्टेशन के पास कपडा दुकान पर उसे लहसुई के मो. गुलशेर व उसके दो अन्य साथी मिले, आरोपी के पूछने पर पीडिता बताई कि वह घर जा रही है, उसने अपना नाम बताया, अभियुक्तगण ने भी अपना नाम बताया कहा कि वह कपडा बेचते हैं, फिर उन्होंने पीडिता को जबरजस्ती ट्रेन में चढा दिये, खुद भी चढ गये, गेट पर खडे होकर पीडिता को उतरने नहीं दिया, ट्रेन चल दी, तब सुबह करीब 09.00 बजे थे, पीडिता चिल्लाई पर कोई नहीं आया, वे उसे बिजुरी ले गए फिर मो.गुलशेर ने स्टेशन के आउटर जंगल में ले जाकर बलात्कार किया, पीडिता को रातभर वहीं रखा, सुबह ट्रेन से वापस कोतमा, फिर कोतमा से ट्रेन से ही अनूपपुर और अनूपपुर से शहडोल ले गया। मो.गुलशेर उसे रीवा वाली ट्रेन से वापस बिजुरी ले आया जहां स्टेशन आउटर से पीडिता मो. गुलशेर के पास दस्तयाब हुई, उसकी मां व परिवार वाले पुलिस के साथ वहां पहुंचे थे। पीडिता ने उन्हें घटना के बारे में बताया, पुलिस ने मामला अनुसंधान में ले लिया। प्रकरण की विवेचना अनुविभागीय पुलिस अधिकारी कोतमा एस्.एन. प्रसाद एवं उप.नि. विशाखा उर्वेदी के द्वारा की गई। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय मे पेश किया गया। न्यायालय में श्रीमान् पुलिस अधीक्षक अनूपपुर अखिल पटैल और अति.पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के पर्यवेक्षण में सभी आवश्यक अभियोजन साक्षियो का साक्ष्य एवं दस्तावेज विशेष लोक अभियेाजक पॉक्सों द्वारा प्रस्तुत किया गया उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्य, दस्तावेज, अंतिम तर्क से न्यायालय ने आरोपी के विरूद्व अपराध प्रमाणित पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया है। मामले में आरोपी के अन्य साथी अपचारी बालक के विषय में जानकारी किशोर न्याय बोर्ड से अप्राप्त है तथा एक अन्य साथी के अपराध को न्यायालय ने प्रमाणित नहीं पाया है।
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