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बकरियों में पोषण-रक्षण-विपणन की वैज्ञानिक तकनीक से किसानों की आय होगी दुगनी-कुलपति प्रो.त्रिपाठी

 

 (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम, मथुरा द्वारा एवं कृषि विज्ञान केंद्र, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के सहयोग से अनुसूचित जनजाति विकास योजना के अंतर्गत वैज्ञानिक बकरी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ माँ सरस्वती जी की प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी जी उपस्थित रहे। विशिष्ठ अतिथि डॉ. ए. के. दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम, मथुरा, डॉ. रविन्द्र श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम, मथुरा, उपस्थित रहे । 
कार्यक्रम के दौरान माननीय कुलपति, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक ने बकरियों में पोषण-रक्षण-विपणन पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुये बकरी पालको को बकरी पालन और उनके व्यवसाय पर जोर देने का प्रयास किया जिससे कम लागत मे किसानो को ज्यादा मुनाफा और आय दोगुनी हो । इस अवसर पर डॉ. ए. के. दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथुरा, ने बकरी पालन को प्रेरित करते हुये बकरियो के नस्ल सुधार, स्वास्थ प्रबंधन, आवास प्रबंधन एवं विपणन पर जानकारी दी। 
डॉ. रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथुरा, ने जनजातीय किसानो मे बकरी पालन कि भूमिका पर चर्चा करते हुये बकरीयों मे पोषण का महत्व व संतुलित आहार प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी । 
डॉ. एस. के. पाण्डेय, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आस-पास के किसान किस तरह बकरी पालन कर रहें हैं और उनको कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है पर जानकारी प्रदान की। 
संदीप चौहान, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) कृषि विज्ञान केंद्र अमरकंटक नें बकरी पालन के माध्यम से उद्यमिता विकास पर जानकारी प्रदान करते हुये बकरी पालन के माध्यम से आय बढ़ाने हेतु सुझाव दिये। 
इस अवसर पर पुष्पराजगढ़ विकास खंड के 18 ग्रामों (पोंडकी, लालपुर, भरनी, ताली, बिजौरी, सोनहरा, भेजरी, लंका टोला, उमरगोहन, जोहिली, पड़रिय, मोहंदी, डोंडिया, बसनीय, मेढ़ाखार, बरसोद, हर्राटोला, पमरा, फरिसेमर आदि ग्रामों से 120 से अधिक किसानो ने बढ़ चढ़ के भाग लिया। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ ने भी किसानों को तकनीकी मार्ग दर्शन दिये।     

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