Anchadhara

अंचलधारा
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आरटीओ अधिकारी कार्यालय में कम सड़कों पर ज्यादा नजर आते हैं बिना लेन देन नहीं होता कोई काम

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) ईमानदारी की बातें केवल बातों तक ही सीमित है।जिले में आरटीओ अधिकारी के पद पर फिर से रामसिया चिकवा की पदस्थापना हुई है लेकिन सदैव ही आरटीओ अधिकारी सुर्खियों में बने रहे।यह ठीक है कि शासन प्रशासन को राजस्व वसूली कर दे रहे हैं लेकिन इसके साथ ही बिना रसीद के भी वसूली अभियान जोरों पर हैं।अगर वसूली अभियान की सच्चाई जानना है तो जिस स्थान पर आरटीओ महोदय अपना अभियान चलाकर वसूली करते हैं वहां पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था भी होनी जरूरी है और उसी स्थान पर इनको अभियान चलाने की अनुमति दी जाए जब सब कुछ सीसीटीवी कैमरे के सामने होगा तो आरटीओ महोदय उस स्थान पर नजर आना बंद हो जाएंगे।आज इनकी जेब गरम हो रही है तो कार्यालय में कम और फील्ड में ज्यादा नजर आते हैं।यही नहीं कोई हरिओम पाठक नामक व्यक्ति जो कि आरटीओ विभाग में नहीं है उसके बाद भी वह इनके साथ साथ वसूली में दिन रात एक किए रहता है।इन सब की सच्चाई के लिए सीसीटीवी कैमरे के सामने कार्यवाही कराना जनहित में शासन हित में होगा।यही नहीं महोदय अपने कार्यालय परिसर में ही एजेंटों को जगह दे कर रखी है जहां एजेंटों के माध्यम से लाइसेंस संबंधित कार्य होते हैं बिना किसी लेनदेन के कोई भी कार्यवाही संपन्न नहीं होती।कहने को शासन ने ऑनलाइन व्यवस्था कर दी है लेकिन वह मात्र ऑनलाइन ही है बिना एजेंट के मार्फत कोई भी कार्य आरटीओ विभाग में नहीं होता।क्योंकि छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक एजेंटों के माध्यम से दलाली पहुंचती है और कार्यवाही पूरी होती है।आम आदमी अगर चला गया स्वयं कोई भी लाइसेंस का कार्य करने तो संभव नहीं है कि जल्दी उसका काम हो जाए।लाइसेंस बनवाने की फीस शासन के नियम के विपरीत ली जा रही है लेकिन आरटीओ महोदय को इससे कोई लेना-देना नहीं क्योंकि उनकी व्यवस्था वहां रहने ना रहने पर होती रहती है।वाहन वाले काफी परेशान होते हैं अनूपपुर जिले में प्रवेश करते ही यहां पर आरटीओ का बोलबाला रहता है पूरे प्रदेश में कहीं ऐसा नहीं होता लेकिन यहां आते ही वाहन चालक परेशान होते हैं और यहां आना पसंद भी नहीं करते।जिले की एक अच्छी छवि होने के बाद भी खुलेआम यहां ऊपरी कमाई धड़ाधड़ हो रही है। लेकिन कोई देखने सुनने वाला नजर नहीं आ रहा अगर यही हाल रहा तो अनूपपुर मध्यप्रदेश के अंदर सुर्खियों में होगा।आवश्यकता है जिला कलेक्टर महोदया एवं पुलिस अधीक्षक महोदय इस और भी अपनी नजरें इनायत करें और स्थान फिक्स कर दे जहां सीसीटीवी कैमरा हो वही वसूली का अभियान हो।जब दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।

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