(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कृषि विज्ञान केन्द्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय,अमरकण्टक द्वारा कृषक कार्यशाला का आयोजन आधुनिक प्राद्योगिकी के माध्यम से किसानों की आय दोगुना करने के उपाय पर आयोजित की गई। कृषक कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रो. राजेश सिंह, माननीय कुलपति, दिनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, माननीय कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक, विशिष्ट अतिथि डॉ. सुमिता सिंह, संयुक्त निदेशक-सांख्यिकी निदेशालय, लखनऊ, श्रीमति शीला त्रिपाठी प्रथम महिला इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक, डॉ एस.आर.के. सिंह - निदेशक-आई.सी.ए.आर. कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान केन्द्र जोन 9 जबलपुर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कार्यशाला का विधिवत शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया।डॉ. एस.के. पाण्डेय, वरिष्ट वैज्ञानिक व प्रमुख-कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक नें अतिथियों का स्वागत कर स्वागत भाषण दिया।संदीप चौहान-विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि प्रसार एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक ने कृषक कार्यशाला आधुनिक कृषि प्रोद्योगिकी के माध्यम से कृषकों की आय दोगुना करने के उपाय हेतु कृषक कार्यशाला के उददेश्यों को अवगत कराया।
प्रो. राजेश सिंह-माननीय कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कृषि उद्यमिता पर अपना ध्यान केन्द्रित कर किसानों की कृषि को उद्यम से जोडकर उद्यमिता विकास करने हेतु प्रेरित किया। आपने लोकल फार वोकल को बढावा देते हुये जनजातीय क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद जैसे कोदो, कुटकी, रागी, लोंधी, धान एवं ओषधीयों की ब्रांडिंग कर मार्केटिंग करने की सलाह दी जिससें किसानों की आय में वृध्दि हो सकें।
प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी-कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक ने किसानों की आय वृध्दि हेतु केला, गन्ना, चाय की खेती कर बांडिंग करने हेतु अपना ध्यान केन्द्रित किया चूंकि अमरकण्टक क्षेत्र में चाय व गन्ना की खेती हेतु अनुकुलित वातावरण विद्यमान है। साथ ही आपने किसानों की आय वृध्दि करनें हेतु विश्वविद्यालय हर संभव कृषि तकनीक को किसानों तक पहुचाने हेतु प्रयासरत है।
श्रीमति शीला त्रिपाठी-प्रथम महिला, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक ने महिला सशक्तिकरण पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए महिलाओं को स्वालंबी बनानें हेतु लघु उद्यम स्थापित करने हेतु प्रेरित किया व आपनें कहा विश्वविद्यालय महिला कृषकों को कौशल विकास आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर महिला स्वालंबन हेतु प्रयासरत है ।
श्रीमति सुमिता सिंह-संयुक्त निदेशक, कृषि सांख्यिकी निदेशालय लखनऊ नें कृषि उद्यमिता विकास में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हेतु पापड उद्योग, मसाला उद्योग के माध्यम से स्वालंबी बनानें हेतु प्रेरित किया।
कृषक कार्यशाला में पधारे अतिथियों व कृषक बंधुओं का आभार डॉ. अनिता ठाकुर-विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, जिला अनूपपुर द्वारा व्यक्त किया गया।इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र अनुपपुर के श्री योगेश कुमार-विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि वानिकी द्वय डॉ.अनिल कुर्मी विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौध सुरक्षा)सुनील राठौर, विषय वस्तु विशेषज्ञ (खाद्य विज्ञान) एवं सूर्यकांत नगरे विषय वस्तु विशेषज्ञ का सराहनीय योगदान रहा।कार्यक्रम का संचालन संदीप चौहान, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने किया।
कार्यशाला का विधिवत शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया।डॉ. एस.के. पाण्डेय, वरिष्ट वैज्ञानिक व प्रमुख-कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक नें अतिथियों का स्वागत कर स्वागत भाषण दिया।संदीप चौहान-विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि प्रसार एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक ने कृषक कार्यशाला आधुनिक कृषि प्रोद्योगिकी के माध्यम से कृषकों की आय दोगुना करने के उपाय हेतु कृषक कार्यशाला के उददेश्यों को अवगत कराया।
प्रो. राजेश सिंह-माननीय कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कृषि उद्यमिता पर अपना ध्यान केन्द्रित कर किसानों की कृषि को उद्यम से जोडकर उद्यमिता विकास करने हेतु प्रेरित किया। आपने लोकल फार वोकल को बढावा देते हुये जनजातीय क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद जैसे कोदो, कुटकी, रागी, लोंधी, धान एवं ओषधीयों की ब्रांडिंग कर मार्केटिंग करने की सलाह दी जिससें किसानों की आय में वृध्दि हो सकें।
प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी-कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक ने किसानों की आय वृध्दि हेतु केला, गन्ना, चाय की खेती कर बांडिंग करने हेतु अपना ध्यान केन्द्रित किया चूंकि अमरकण्टक क्षेत्र में चाय व गन्ना की खेती हेतु अनुकुलित वातावरण विद्यमान है। साथ ही आपने किसानों की आय वृध्दि करनें हेतु विश्वविद्यालय हर संभव कृषि तकनीक को किसानों तक पहुचाने हेतु प्रयासरत है।
श्रीमति शीला त्रिपाठी-प्रथम महिला, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकण्टक ने महिला सशक्तिकरण पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए महिलाओं को स्वालंबी बनानें हेतु लघु उद्यम स्थापित करने हेतु प्रेरित किया व आपनें कहा विश्वविद्यालय महिला कृषकों को कौशल विकास आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर महिला स्वालंबन हेतु प्रयासरत है ।
श्रीमति सुमिता सिंह-संयुक्त निदेशक, कृषि सांख्यिकी निदेशालय लखनऊ नें कृषि उद्यमिता विकास में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हेतु पापड उद्योग, मसाला उद्योग के माध्यम से स्वालंबी बनानें हेतु प्रेरित किया।
कृषक कार्यशाला में पधारे अतिथियों व कृषक बंधुओं का आभार डॉ. अनिता ठाकुर-विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, जिला अनूपपुर द्वारा व्यक्त किया गया।इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र अनुपपुर के श्री योगेश कुमार-विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि वानिकी द्वय डॉ.अनिल कुर्मी विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौध सुरक्षा)सुनील राठौर, विषय वस्तु विशेषज्ञ (खाद्य विज्ञान) एवं सूर्यकांत नगरे विषय वस्तु विशेषज्ञ का सराहनीय योगदान रहा।कार्यक्रम का संचालन संदीप चौहान, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने किया।
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