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स्वच्छता कार्य योजना पर क्लस्टर कार्यशाला का आयोजन इंगांराजजाविवि डिस्ट्रिक्ट ग्रीन चैंपियन अवार्ड से सम्मानित

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंचलधारा) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय,अमरकंटक में स्वच्छता कार्य योजना पर एक दिवसीय जिला स्तरीय क्लस्टर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सुश्री सोनिया मीना (आईएएस) जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर-अनूपपुर तथा मुख्य वक्ता-प्रो. आलोक श्रोत्रिय (अकादमिक) अधिष्ठाता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक थे। 
मुख्य अतिथि सुश्री सोनिया मीना (आईएएस) जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर-अनूपपुर द्वारा बताया गया कि "सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालय द्वारा सफाई और स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, हरित आवरण और ऊर्जा संरक्षण की प्रथाओं को अपनाने और बनाए रखने में अव्वल रहा है और भारत सरकार द्वारा निर्धारित इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ लिया है जिन्होंने युवाओं को उत्साहित और प्रशिक्षित किया है। इस आधार पर शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक को डिस्ट्रिक्ट ग्रीन चैंपियन अवार्ड से सम्मानित किया गया है"। यह पुरस्कार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद एवं भारत सरकार के केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय के तत्वाधान में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दिया जाता है।
प्रो.आलोक श्रोत्रिय (अकादमिक) अधिष्ठाता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक ने बताया कि "विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने इन लक्ष्यों और परिसर में वनस्पतियों जीवों के हरे भरे आवरण और उसके आसपास स्वच्छता बनाए रखने, कैफेटेरिया मेस, सैनिटरी नैपकिन के सुरक्षित निपटान के लिए भस्मक की स्थापना आदि कार्यों को पूर्ण किया गया है साथ ही कर्मचारियों और छात्रों को साइकिल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। छात्रावास परिसरों में सोलर हीटर की स्थापना, सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट, सौर ऊर्जा संयंत्र, छात्रों के लिए नियमित जागरूकता और अभिविन्यास कार्यक्रम, हाउस कीपिंग स्टाफ, जलाशयों के रूप में वर्षा जल संचयन इकाइयों का निर्माण, जलीय वनस्पतियों और जीवों को आश्रय देना, परिसर में सीवेज उपचार संयंत्र और सिंचाई के लिए उपचारित पानी का उपयोग, वर्मी कम्पोस्टिंग और कंपोस्टिंग इकाइयों का निर्माण आदि कुछ ऐसे कदम हैं जिन्होंने परिसर को एक स्वच्छ स्थायी परिसर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है"। 
विश्विद्यालय के कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन द्वारा विश्विद्यालय में चलाये जा रहे स्वच्छता कार्यकर्मो की जानकारी सांझा की और बताया कि स्वच्छता को विश्विद्यालय द्वारा एक जनांदोलन का रूप दे दिया गया है। इस अवसर पर कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र सिंह भदौरिया सहित विश्वविद्यालय के समस्त आधिष्ठातागण एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, के गणमान्य सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति के बीच यह कार्यक्रम सम्पन हुआ, जिसका संचालन ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन विश्विद्यालय के नोडल अदिकारी डॉ. संदीप कौशिक द्वारा सफलतापूर्वक सम्प्पन कराया गया। इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद से सुश्री ख्याति धुर्वे ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

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