Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

आदिवासी युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने वाली योजनाएं बनाए- बिसाहूलाल सिंह

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण समूह के गठन का उद्देश्य गरीब एवं बेरोजगारों को रोजगार के अवसर पैदाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। श्री सिंह भोपाल में गरीब कल्याण वर्ग के कल्याण के लिए गठित मंत्री समूह की विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री सदस्यों के साथ समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा एवं पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग, पशुपालन एवं मंत्री प्रेम सिंह पटेल, घुमक्कड़ अर्द्ध घुमक्कड़ मंत्री राम खेलावन पटेल एवं प्रमुख सचिव खाद्य फैज़ अहमद किदवई उपस्थित थे।
      अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने बताया कि किसानों द्वारा अपनाई जा रही उन्नत कृषि पद्धतियों से जोड़ने के लिए अनुसूचित जाति के युवाओं को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को किसान उत्पादक संगठन से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं जिससे व्वसाय उन्मुख कृषि पद्धतियों के उपयोग में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा किसानों के हित में विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक साथ एक ही दिशा में आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ गरीब एवं निर्धन वर्ग को मिल सके। प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में 50 प्रतिशत उत्पादकता में वृद्धि का की गई है।

कोदो कुटकी 
मधुमेह में रामबाण
     
मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि कोदो कुटकी मधुमेह की बीमारी में बहुत लाभदायक है। परंतु इसके व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोदो कुटकी चावल के पैकेट पर मधुमेह में लाभकारी जैसी स्लोगन लिखे जाएं जिससे इसकी पैदावार की तरफ युवाओं का ध्यान आकर्षित हो।
             
बेरोजगार युवाओं को
पशुपालन से जोड़ा जाएगा 


मंत्री श्री सिंह ने कहा कि ट्रायबल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय को ही मुर्गी पालन का कार्य दिया जाना चाहिए। अपर मुख्य सचिव पशुपालन जे.एन.कंसोटिया ने समीक्षा में बताया कि नंदीशाला योजना के विस्तार से देशी दुधारू पशु पालन से युवा वर्ग को जोड़ा जाएगा। नंदी पालकों को प्रोत्साहन स्वरूप 75 प्रतिशत सब्सिडी की जाती है। इसके साथ ही बकरी एवं मुर्गी पालन क्षेत्र में भी आदिवासी युवाओं को जोड़ा जाएगा। उन सभी योजनाओं का उन्नयन किया जाएगा जिसके तहत दुधारू पशुओं, बकरियों,सूअरों, मुर्गो आदि के लिए सब्सिडी दी जाती है।

उच्च तकनीक से होगी
 पान की खेती

      प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के तहत युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए बुंन्देलखंड व अन्य क्षेत्र में 1000 पान किसानों को उच्च तकनी की से पानी की खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को मधुमक्खी पालन एवं शहद प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना कर 20 हजार हितग्राहियों को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। मधुमक्खी छत्ते एवं पेटिका के लिए 2000 की लागत पर अधिकतम 800 रूपये  का अनुदान एवं शहद निकालने के लिए 20 हजार की लागत पर 40 प्रतिशत प्रति सेट अनुदान दिया जाता है।

Post a Comment

0 Comments