(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) भाजपा नेता एवं नमो ऐप के संभागीय संयोजक मनोज द्विवेदी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ मन्दिर के निर्माण का कार्य शुरु हो चुका है। दशकों चले कानूनी विवाद का पटाक्षेप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो चुका है। अयोध्या जी में श्री रामलला का भव्य ऐतिहासिक मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शिलान्यास के साथ प्रारंभ हो चुकी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सचिव चंपत राय के अनुसार जनवरी 2021 से मन्दिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
मन्दिर निर्माण के लिये आवश्यक राशि का संग्रह देश भर के हिन्दुओं से किया जाएगा। इसके लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लाखों स्वयंसेवक आगामी माह से पचास करोड़ से अधिक लोगों के बीच पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं। विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में जिला स्तर पर तैयारी बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। अतिशीघ्र खंड स्तर पर बैठकें करके ग्राम स्तर पर समितियों के गठन का कार्य पूरा किया जाएगा।
भगवान श्रीराम के नाम पर जन जागरण का यह विशाल आयोजन विश्व भर में भारत की धार्मिक निष्ठा, हिन्दू संस्कृति, सामाजिक समरसता के साथ करोड़ों - करोड़ हिन्दुओं को भावनात्मक रुप से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होने जा रहा है।
श्री राम जन्मभूमि मन्दिर की भव्यता, विशालता, मजबूती के साथ- साथ इसकी दीर्घजीविता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दुनियाभर के वास्तुकार, इंजीनियर, विषय विशेषज्ञों को इस कार्य में लगाया गया है। एक - एक निर्माण बिन्दु का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
अयोध्या जी में भगवान श्री राम जन्मभूमि मन्दिर का निर्माण करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुडा विषय होने के साथ - साथ लाखों वर्ष पुरानी सनातन धर्म की ऐतिहासिकता , उससे जुड़े तथ्यों पर गौरवशाली परंपरा की पुष्टि है। यद्यपि इसे नकारने की , इसे बाधित करने की साजिश के साथ कुछ तत्वों द्वारा इसे लगातार चुनौती देने...विवाद - संघर्ष की दशा बनाए रखने के कारण अनावश्यक विक्षोभ पैदा हुआ। लेकिन अब उम्मीद है कि मामले का पटाक्षेप हो गया है।
रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण का रास्ता खुल जाने के साथ-साथ मन्दिर निर्माण की तमाम अनुकूलताएं स्वयमेव बनती चली गयीं हैं।देश व उत्तरप्रदेश में भाजपा की मजबूत सरकार का होना मन्दिर निर्माण के विरोधियों के हौसले पस्त कर चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा मन्दिर निर्माण के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को आमंत्रित किया जाना,देश के करोड़ों धर्मावलम्बियों को उत्साहित कर गया है।अरबों लोग इस पल के साक्षी बने।टेस्ट पाईलिंग के साथ मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
मन्दिर निर्माण के लिये विशाल धन की जरुरत होगी।यद्यपि मन्दिर निर्माण के लिये धन खर्चने को बड़े-बड़े उद्योग पतियों,धनकुबेरों ने प्रस्ताव रखा था।जिसे बड़ी सहजता- सरलता से अस्वीकार कर दिया गया ।
मन्दिर निर्माण में सभी हिन्दुओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक व्यक्ति से धन संग्रह की योजना तैयार की गयी है। गरीब-अमीर, भाषा- प्रांत, जाति भेद, ऊंच-नींच से परे , सबको साथ लेकर समान भाव से जिसकी जितनी श्रद्धा भाव को अंगीकार कर एक श्रंखला में जोड़ने का अभियान है।मन्दिर में हर व्यक्ति का समर्पण सुनिश्चित करने के लिये विश्वहिन्दू परिषद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मन्दिर निर्माण के लिये आवश्यक धनसंग्रह हेतु देश के पचास करोड़ हिन्दुओं से संपर्क करने का निश्चय किया है । इस हेतु महा अभियान चलाया जाएगा। इस दृष्टि से श्री राम मन्दिर को राष्ट्र मन्दिर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मन्दिर निर्माण के लिये धन स्वेच्छा से संग्रह किया जाए। किसी से यह चंदा के रुप में नहीं मांगा जाएगा। प्राप्त राशि को चंदा ना कह कर भगवान राम का पैसा कहा जाएगा। यह एक अनन्य शरणागत् भक्त का अपने आराध्य भगवान श्रीराम के चरणों में समर्पण से अधिक कुछ नहीं होगा। इसके लिये दस रुपये, सौ रुपये, हजार रुपये के कूपन छपवाए जाएगें। इसपर निगरानी की मजबूत व्यवस्था की गयी
है।समर्पण कूपन या रसीद से होगा। ग्राम तथा वार्ड स्तर पर बनी टीम यह कार्य करेगी। अनाधिकृत व्यक्ति धन संग्रह ना करे,इस ओर कड़ी नजर रखी जाएगी। मन्दिर निर्माण धनपतियों से हो सकता था। लेकिन इस पुनीत कार्य में प्रत्येक व्यक्ति का बिना भेदभाव के सहभाग हो, समर्पण हो...यह सुनिश्चित किया जा रहा है। त्रेतायुग से भगवान श्री राम करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य रहे हैं। राम मन्दिर के साथ राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो मन मन्दिर की सुन्दरता बने, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।लंबे संघर्ष के बाद कई-कई पीढ़ियों के त्याग,बलिदान के बाद श्री रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण की अनुकूलता आई है।इस माहौल में देश मजबूत हो, एकजुट हो,लोगों की भावनाओं में शुभता, समरसता, सामाजिकता, राष्ट्रीय भाव जाग्रत हो इस हेतु लोक मानस बनाने का कार्य किया जा रहा है।श्रीराम मन्दिर निर्माण से देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं में समर्पण भाव,देश की एकता ,अखंडता, गौरवभाव को पुष्ट करेगा ऐसी अपेक्षा की जा रही है।
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