हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो
अमरकंटक (श्रवण उपाध्याय) सरस्वती शिशु मंदिर अमरकंटक के द्वारा हो रहे संचालित 25 संस्कार केंद्रों के बच्चों ने आज फिर से एक बार अपने हुनर का प्रदर्शन किया।कार्तिक पूर्णिमा के शुभ
अवसर पर सभी संस्कार केंद्र के बच्चों को बुलाकर विद्यालय परिसर में युवा संघ गीत का भव्य कार्यक्रम हुआ।बच्चों ने नृत्य का प्रदर्शन भी किया।कार्यक्रम में माननीय डॉ. आनंद जिला संगठन मंत्री मध्यप्रदेश महाकौशल प्रांत, अरुण पाटीदार जी क्षेत्र कोषाध्यक्ष, देवेंद्र नाथ चतुर्वेदी विभाग समन्वय, प्रदीप सोनी सचिव अनूपपुर, ब्रजकिशोर शर्मा प्राचार्य उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर संगीतमय मधुर वाणी से विद्यालय के व्याख्याता बलराम साहू एवं बहनों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर माननीय आलू पटेवार जी का कहना है कि हमारे संस्कृति का धीरे-धीरे क्षीण हो रहा है जिससे हमारे संस्कार हमारा आचार विचार सब धीरे-धीरे विलुप्त होने लगा है।हमें भी अपने अपने संस्कृति की रक्षा आचार विचार ठीक लगे तो हम समाज का व राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। साथ में उन्होंने बताया कि यदि किसी राष्ट्र को शक्तिशाली बनाना है उसकी शिक्षा मे सुधार करना पड़ेगा और वह शिक्षा छोटे-छोटे बच्चों के संस्कार के माध्यम से बढ़ानी होगी।अतः हम सब को प्रण करना होगा कि एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए धन्य मुन्ने बच्चों को सीता, सावित्री, एवं लवकुश, ध्रुव, प्रहलाद बनना होगा।
अवसर पर सभी संस्कार केंद्र के बच्चों को बुलाकर विद्यालय परिसर में युवा संघ गीत का भव्य कार्यक्रम हुआ।बच्चों ने नृत्य का प्रदर्शन भी किया।कार्यक्रम में माननीय डॉ. आनंद जिला संगठन मंत्री मध्यप्रदेश महाकौशल प्रांत, अरुण पाटीदार जी क्षेत्र कोषाध्यक्ष, देवेंद्र नाथ चतुर्वेदी विभाग समन्वय, प्रदीप सोनी सचिव अनूपपुर, ब्रजकिशोर शर्मा प्राचार्य उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर संगीतमय मधुर वाणी से विद्यालय के व्याख्याता बलराम साहू एवं बहनों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर माननीय आलू पटेवार जी का कहना है कि हमारे संस्कृति का धीरे-धीरे क्षीण हो रहा है जिससे हमारे संस्कार हमारा आचार विचार सब धीरे-धीरे विलुप्त होने लगा है।हमें भी अपने अपने संस्कृति की रक्षा आचार विचार ठीक लगे तो हम समाज का व राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। साथ में उन्होंने बताया कि यदि किसी राष्ट्र को शक्तिशाली बनाना है उसकी शिक्षा मे सुधार करना पड़ेगा और वह शिक्षा छोटे-छोटे बच्चों के संस्कार के माध्यम से बढ़ानी होगी।अतः हम सब को प्रण करना होगा कि एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए धन्य मुन्ने बच्चों को सीता, सावित्री, एवं लवकुश, ध्रुव, प्रहलाद बनना होगा।
0 Comments