(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कोरोना वायरस की महामारी के चलते मार्च 2020 से बंद पड़ी ट्रेने रेलवे की नुकसान की भरपाई के लिए पैसेंजर से एक्सप्रेस बन गई।जब रेलवे की नई समय सारणी लागू होगी और नियमित ट्रेनों का संचालन प्रारंभ होगा तो काफी कुछ बदला बदला नजारा होगा।कई यात्री ट्रेनों का जहां स्टॉपेज बंद होने की जानकारी है वही काफी पैसेंजर ,मेमू ,डेमू ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में कन्वर्ट कर दिया गया है।जिससे यात्री को पैसेंजर की जगह एक्सप्रेस मेल का किराया देना होगा।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की चार ट्रेनें प्रभावित होने की जानकारी मिली है।जिसमें बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन की महत्वपूर्ण ट्रेन 58701 शहडोल- अंबिकापुर एवं 58702 अंबिकापुर- शहडोल पैसेंजर अब एक्सप्रेस बनकर पटरियो पर पर दौड़ेगी।इस ट्रेन में अनूपपुर से शहडोल,शहडोल से अनूपपुर ,अनूपपुर से कोतमा,कोतमा से अनूपपुर का किराया 10 रुपए लगता था अब वह किराया बढ़कर 30 रुपए हो जाएगा।वही ट्रेन के स्टॉपेज यथावत रहने की जानकारी मिल रही है।ज्ञातव्य हो कि यह ट्रेन छात्र छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण ट्रेन थी जिसमें सुबह छात्र-छात्राएं मेमू ट्रेन से जा कर और इस शहडोल-अंबिकापुर ट्रेन से वापस आते थे उनके लिए अब यह ट्रेन महंगी साबित होगी।वही ट्रेन नंबर 58219 बिलासपुर- चिरमिरी एवं 58220 चिरमिरी- बिलासपुर पैसेंजर भी अब एक्सप्रेस बनकर नए समय सारणी से चलेगी।जिसमें यात्रियों को अनूपपुर से जैतहरी, अनूपपुर से मोहरी का किराया 10 की जगह 30 देना होगा।इस तरह से यात्रियों के ऊपर काफी बोझ बढ़ जाएगा।रेलवे बोर्ड द्वारा इन ट्रेनों को पैसेंजर से एक्सप्रेस बना दिया गया है।पूरे भारत में काफी संख्या में पैसेंजर,मेमू ,डेमू ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाया गया है।शहडोल संसदीय क्षेत्र आदिवासी प्रधान है यहां गरीब मध्यम वर्ग के लोग ट्रेनों से यात्रा करते हैं उन पर यह बोझ बढ़ जाएगा।शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह को चाहिए कि रेलवे मंत्रालय एवं रेलवे बोर्ड में जाकर इन महत्वपूर्ण पैसेंजर ट्रेनों को जिन्हें रेलवे बोर्ड ने एक्सप्रेस बनाने की अनुमति दे दी है इस पर तत्काल रोक लगवाए।जिससे इन ट्रेनों में सफर करने वालों को ज्यादा किराया नहीं देना पड़े।यदि समय रहते अभी ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली नई समय सारणी जब लागू होगी नियमित ट्रेनों का संचालन प्रारंभ होगा तो यात्री को ज्यादा किराया देकर सफर करने को बाध्य होना पड़ेगा।आज बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन में रीवा- बिलासपुर, बिलासपुर -रीवा कपिलधारा ट्रेन इसका एकमात्र उदाहरण है जिसे पैसेंजर से एक्सप्रेस बना दिया गया। जनप्रतिनिधि मौन साध लिए और पत्र बाजी और पेपर बाजी तक सीमित रहे जिससे यह ट्रेन एक्सप्रेस के रूप में चल पड़ी जो आज भी एक्सप्रेस बनकर चल रही है और यात्री ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को विवश है।अगर सेंट्रल में प्रतिनिधित्व करने वाले आज मौन साध लिए तो कल यह ट्रेन एक्सप्रेस के रूप में दौड़ने लगेगी। भविष्य में आने वाले लोकसभा चुनाव में छात्र-छात्राएं गरीब मध्यम तबका इसका जवाब अपने मतदान के जरिए दे देगा।
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