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सभ्यता संस्कार मर्यादा से बंधी श्रीमती सुशीला आज भी लगाती है विश्वनाथ सिंह के नाम का सिंदूर कांग्रेस के दावों की खुली पोल

 

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (ब्यूरो) विधानसभा अनूपपुर के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह के द्वारा दाखिल किए गए नामांकन में अपनी पत्नी के रूप में राजवती सिंह का नाम  दिया जाना उनके लिए भारी पड़ गया। जिसके बाद भाजपा प्रत्यासी बिसाहूलाल सिंह द्वारा विश्वनाथ सिंह की दूसरी पत्नी का नाम नामांकन में दिये जाने को लेकर मीडिया से रूबरू होकर आपत्ति की गई जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। जिसमे भाजपा प्रत्यासी बिसाहूलाल ने कांग्रेस प्रत्यासी की पहली पत्नी कहां है पहले उससे यह पूछो। साथ ही बिसाहूलाल ने यह भी कहा दो चार औरत रखना गुनाह नही है गुनाह तो पत्नी को छुपाना है। विश्वनाथ सिंह को नामांकन के दौरान अपनी पहली पत्नी का भी जिक्र करना था। जो नही किया रखैल का किया है। मैँ चाहूं तो आपत्ति लगा दू। तो नामांकन रद्द हो जाएगा। पूरे बयान में क्षेत्रीय भाषा मे बोली गयी बस इतनी ही बात है जिस बात का बवंडर बीते तीन दिन से मीडिया की सुर्खियों में कांग्रेस पार्टी ने 

बना दिया। वही इसी बात को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने महिला के अपमान को लेकर आंदोलन विरोध प्रदर्शन किया यहां तक की भाजपा प्रत्यासी को हिन्दू विरोधी तक बताने से नही चुके। भाजपा प्रत्यासी बिसाहूलाल को हिन्दू विरोधी मानसिकता का रामद्रोही बताकर कांग्रेस ने कोतवाली अनूपपुर में शिकायत तक दे डाली।हालांकि राजवती सिंह की शिकायत पर भाजपा प्रत्याशी बिसाहुलाल सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला धारा 294,506 कोतवाली में दर्ज हो गया।
मीडिया से रूबरू हुए सुशीला देवी अपने घर छत्तीसगढ़ के भंनवार टँक स्थित बब्बूड़ गांव में बताई अपनी व्यथा
मामले में आखिर सच्चाई क्या है कि खोज में पूरे मामले की तह तक जाने विश्वनाथ की पहली पत्नी को लेकर खोजबीन करती मीडिया छत्तीसगढ़ के भंनवार टँक स्थित बब्बूड़ गांव पहुंची जहां सुशीला देवी व उनके पिता और भाई से कांग्रेस के उन दावों की हकीकत का पता चल सका जिसको लेकर कांग्रेस अब तक वह मीडिया को बरगला रही थी।यहां तक कि मीडिया को दिए बयान में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने यह तक कह दिया था कि मुझे विश्वनाथ सिंह के निजी जीवन के विषय मे बहुत ज्यादा मालूम नही है। उन्होंने जो जानकारी दी होगी वो सच होगा।
तीन दिनों से चल 
रहा है राजनीतिक ड्रामा
कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह की पहली व दूसरी पत्नी को लेकर सवाल-जवाब बीते 3 दिनों से चल रहे हैं। विश्वनाथ की पहली पत्नी सुशीला देवी से मुलाकात हुई और उन्होंने मीडिया के सामने आकर बताया कि लगभग 20 से 22 साल पहले उनकी विश्वनाथ से शादी हुई थी तब वह पंचायत में सेक्रेटरी थे उसके बाद उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीतने के बाद विश्वनाथ ने राजवती से दूसरी शादी की और सुशीला देवी के साथ उनका व्यवहार ठीक नहीं रहा लगातार विश्वनाथ के द्वारा उनसे किसी भी तरह की कोई बात ना करने पर वह 2 साल बाद अपने पिता के घर बब्बूड़ गांव आ गई जब वह विश्वनाथ के साथ में जीवन गुजार रही थी इस दौरान उन्हें एक बच्ची भी हुई जो शहडोल जिला अस्पताल में कुछ समय बाद ही खत्म हो गई थी सुशीला देवी के अपने पिता के घर लौटने के बाद उसने अपने पिता व भाई को बताया कि विश्वनाथ ने दूसरी शादी कर ली है और मेरे से किसी तरह का कोई बात व्यवहार नहीं करते जो मुझे अच्छा नहीं लगा जिसकी वजह से मैं लौट आई हूं भाई और पिता ने यह सोच कर कि उनकी इकलौती बेटी है वह उसका जीवन गुजार लेंगे ना भाई ना पिता ने विश्वनाथ के परिवार वालों से किसी तरह से बात की और ना ही विश्वनाथ व उसके परिवार वालों ने सुशीला की कोई खोज खबर ली कि वह कहां है किस हाल में है कैसे जीवन बसर कर रही है यह लंबी कहानी है ।
प्रत्यासी के द्वारा पहली पत्नी होने के होने व दूसरी पत्नी का नाम दर्ज कराने के आरोप के बाद सुर्खियों में आई सुशीला
एक दशक बाद सुशीला की खोज कब हुई जबकि वह विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए अपनी पत्नी के रूप में राजवती सिंह का नाम नामांकन पत्र में प्रस्तुत किया और भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह ने यहां आरोप लगाया था कि विश्वनाथ से पूछो तो उसकी पहली पत्नी कहां है जिसने उसका नाम नामांकन में दिया है वह उसकी रखैल है फिर होना क्या था राजनीति का सियासी पारा सर चढ़कर बोलने लगा जहां कांग्रेस दंभ भर कर सुशीला के ना होने का दावा करने लगी वहीं भाजपा ने सुशीला को खोज उसकी तस्वीर मीडिया के सामने की और मीडिया सुशीला तक दूसरे दिन पहुंच गया जिसके बाद कांग्रेस भाजपा के आरोप प्रत्यारोप की हकीकत सामने आ गई।
सुशीला आज भी लगाती है 
विश्वनाथ सिंह के नाम का सिंदूर
कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह की पत्नी सुशीला देवी के मांग पर जब सिंदूर लगा देखा गया तो उनसे पूछा गया कि आप मांग में सिंदूर किसके नाम का लगा रही हैं तो उन्होंने खुलकर कहा कि विश्वनाथ के नाम का है जब उनसे बात की गई की वह विश्वनाथ को छोड़ कर आई क्यों तो उन्होंने कहा कि मेरे से 2 साल तक किसी प्रकार की कोई बात नहीं की जो मुझे खटकती रही इसी को लेकर में वहां से चली आई विश्वनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने की जानकारी पर उन्होंने कहा मुझे कुछ नहीं मालूम जब उनसे पूछा गया कि आपने विश्वनाथ के नाम का सिंदूर लगा रखा है तो इस चुनाव में वह हारेंगे या जीतेंगे आप क्या सोचती हैं तो उन्होंने कहा हारे या जीते मुझे कुछ नहीं कहना क्योंकि मैं तो अब उनके लिए मर चुकी हूं हां मेरे लिए वह जिंदा है।कुल मिलाकर अनूपपुर विधानसभा का उपचुनाव विश्वनाथ की पत्नी के इर्द-गिर्द घूम रहा है।

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