(मनोज द्विवेदी)
अनूपपुर (अंचलधारा) वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जय भारत विकास मंच के जिलाध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने जिला प्रशासन का ध्यान पवित्र नगरी अमरकंटक की
ओर दिलाते हुए कहा कि म.प्र. की पवित्र नगरी अमरकंटक में यदि प्रशासन इस वर्ष बारिश के पूर्व नर्मदा नदी में बने पुष्कर जलाशय की सफाई नही करवाएगा तो आने वाले दो वर्षों में अमरकंटक के बच्चे पुष्कर जलाशय में क्रिकेट मैच खेलेगें। पुष्कर जलाशय बनने के बाद इसकी कभी सफाई नहीं करवाई गयी। जिसके कारण अनुक्रमण की प्रक्रिया से इसमे गाद जम गयी है। यह कुछ वर्षों में जलाशय की जगह मैदान बन कर रह जाएगा।
ओर दिलाते हुए कहा कि म.प्र. की पवित्र नगरी अमरकंटक में यदि प्रशासन इस वर्ष बारिश के पूर्व नर्मदा नदी में बने पुष्कर जलाशय की सफाई नही करवाएगा तो आने वाले दो वर्षों में अमरकंटक के बच्चे पुष्कर जलाशय में क्रिकेट मैच खेलेगें। पुष्कर जलाशय बनने के बाद इसकी कभी सफाई नहीं करवाई गयी। जिसके कारण अनुक्रमण की प्रक्रिया से इसमे गाद जम गयी है। यह कुछ वर्षों में जलाशय की जगह मैदान बन कर रह जाएगा।
2006-07 में तत्कालीन कलेक्टर स्व. के.के. खरे की पहल पर अमरकंटक में नर्मदा नदी पर बांधों की श्रंखला तैयार करवाई गयी थी। नर्मदा के अतिरिक्त कुछ अन्य जलाशय भी बनाए गये, जिसके कारण अमरकंटक को मध्यप्रदेश की झीलों की नगरी का नाम भी दिया गया।
नर्मदा उद्गम स्थल से एक किमी. की दूरी पर स्थित पुष्कर जलाशय में नगर की गन्दगी के साथ अन्य तरह की मिट्टी, कचरे, फूल- पत्तियों, प्लास्टिक आदि के कारण कीचड का जमाव गाद की मोदी परत के रुप मे होगया। जिसके कारण जल भराव प्रभावित हुआ है। इस गर्मी में यह टापू सा दिखने लगा है।
क्या है अनुक्रमण ( Succession) -- वनस्पति शास्त्र की भाषा में अनुक्रमण या Succession वह स्वाभाविक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है जिसमे कोई भी पोखर, जलाशय, तालाब या झील , जिसमे जल बहाव सही ना हो या बिल्कुल भी ना हो तो उसमे वनस्पतियों, जीवों के सडने- गलने से तथा मिट्टी व गाद के जमाव का क्रम प्रारंभ होता है। प्रतिवर्ष इस गाद ( Hummus) की मोटाई बढते - बढते इतनी अधिक हो जाती है कि जलाशय या तालाब की जलधारण क्षमता कम होते - होते बिल्कुल समाप्त हो जाता है। बाद में एक स्थिति ऐसी भी आती है जब जलाशय का अस्तित्व समाप्त होकर वहाँ मैदान बन जाता है।
लोग कर रहे श्रमदान
इससे चिंतित मां नर्मदा स्वच्छता अभियान, पुष्कर बांध,
गायत्री -सावित्री की स्वच्छता के लिये विगत सात दिन से पंडित नीलू महाराज जी के मार्गदर्शन में अलग-अलग समूह बनाकर लगातार श्रमदान कर रहे हैं। एक समूह में वार्ड क्रमांक 11 और 12 के लोगों द्वारा जिसमें बच्चे, युवा, तथा वृद्धजनों ने रामघाट ,पुष्कर बांध तथा मां नर्मदा की प्रथम 2 सहायक नदियों के प्रवाह पर, मां नर्मदा भक्त मंडल एवं मंडला से आए हुए नर्मदा समग्र के कार्यकर्ताओं द्वारा श्रमदान कर स्वच्छता अभियान चलाया गया ।
पुष्कर बांध में 15 वर्षों का प्लास्टिक, मिट्टी - कचरे का मलबा, लगभग 10 से 15 फिट तक भरा हुआ है । जो मशीनों , ट्रकों एवम् पोकलैंड मशीन की सहायता से ही निकाला जा सकता है। अब बारिश के लिये ज्यादा समय नहीं बचा है। कुछ दिनों बाद ही बारिश शुरू हो जाएगी । इसके पश्चात पुष्कर बांध के गहरीकरण का कार्य अगले वर्ष तक के लिए नहीं किया जा सकेगा। अगले वर्ष यह गाद अधिक मात्रा मे जम चुकी होगी। अतः अभी जितना जल्द से जल्द पुष्कर बांध की सफाई तथा गहरीकरण का कार्य प्रशासन करवा सके उतना ही अच्छा होगा।
जिला प्रशासन से है अपेक्षा
इसकी जानकारी कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर को दी जा चुकी है। जिस पर उन्होंने कहा कि जलसंसाधन विभाग को इस कार्य के लिये कहा जा चुका है , शीघ्र इस पर कार्य होगा। इसके बावजूद कार्य प्रारंभ ना होने से नर्मदा जी से जुडे लोग चिंतित हैं । प्रशासन से यह जनापेक्षा है कि पुष्कर जलाशय तथा रामघाट के गहरीकरण तथा टूटे घाटों की मरम्मत शीघ्र करवाएं।
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