( मनोज द्विवेदी )
अनूपपुर (अंचलधारा) लेखक एवं विचारक मनोज द्विवेदी ने त्वरित टिप्पणी करते हुए कहाा कि अनूपपुर कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जिले मे क्वेरेन्टाईन किये गये लोगों के लिये उत्तम , स्वादिष्ट भोजन, नाश्ते, चाय का मेन्यू तय किया है। जब से पत्रकार मित्रों ने इसे समाचारों , सोशल मीडिया में प्रसारित किया है ,लोग खुले मन से उनकी समझ, संवेदनशीलता की तारीफ तो कर ही रहे हैं। एक वरिष्ठ पत्रकार की बेटी ने तो जिद ही पकड ली कि मुझे भी क्वेरेन्टाईन सेन्टर में भर्ती करो। कोरोना संकट के समूचे लाकडाऊन काल में अच्छे ,बुरे हर तरह के अनुभव समाज के रहे हैं। लेकिन अनूपपुर जिला अच्छाई की दीवार बनाने में हमेशा अग्रणी रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचाव की दृष्टि से प्रारम्भिक तौर पर बाहर से आने वाले लोगों को आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रमों में बनाए गये क्वॉरंटीन सेन्टर में रोकने की व्यवस्था की गयी है। निरीक्षण के दौरान मजदूरों ने बतलाया कि छात्रावास/आश्रमों में उन्हें भोजन व्यवस्था में असुविधा हो रही है। पत्रकारों ने इसकी सूचना कलेक्टर कॊ दी तो उन्होंने इसे बडी गंभीरता से लेते हुए तय किया कि समस्त क्वॉरंटीन सेंटर मे भोजन व्यवस्था हेतु मेन्यू का निर्धारण किया जाए।
कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने आदेश जारी कर दिया कि प्रत्येक क्वॉरंटीन केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों/मज़दूरों को प्रातः 8 बजे चाय-नाश्ता (सेव पोहा/पकोडे/अकुरित चने), दोपहर 12 बजे भोजन (दाल, चावल, 08 रोटी, सब्जी, सलाद, अचार), शाम 5 बजे नाश्ता (चाय/बिस्किट/मौसमी फल), रात्रि 08.00 बजे भोजन (दाल, चावल, 08 रोटी, सब्जी, सलाद, अचार) प्रदान किया जाएगा।
कलेक्टर श्री ठाकुर ने समस्त छात्रावास/आश्रम अधीक्षकों को दो टूक शब्दों मे निर्देशित किया कि छात्रावास में रूके हुये मजदूरों को निर्धारित मेन्यू अनुसार भोजन प्रदाय करना सुनिश्चित करें।
यदि निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की कमी/लापरवाही पाई जाती है तो सम्बंधित के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
यह महज किसी अधिकारी द्वारा किये गये कागजी खानापूर्ति की कार्यवाही की तरह इसलिये नहीं है कि जब समूचे देश में लाखों श्रमिकों का घर वापसी हेतु प्रवास निरन्तर जारी है तो अनूपपुर जैसे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती छोटे से जिले मे ऐसी व्यवस्था की बात भी मन में लाना कठिन है।
निश्चित रुप से कोई थका, हारा , टूटे मन का व्यक्ति ऐसा स्वादिष्ट एवं पौष्टिक निर्णय नहीं ले सकता। इसके लिये तो चन्द्रमोहन ठाकुर जैसा स्वस्थ, खुलेमन का विशाल हृदय अधिकारी होना जरुरी है। देश अन्य जिलों , राज्यों की दशा भी देख रहा है कि किस तरह बेरोजगार ,भूखे - प्यासे श्रमिकों को जबरन अन्य राज्यों की सीमाओं में जबरन खदेडा जा रहा है। लोग परेशानहाल ऐसे यात्रियों, श्रमिकों,प्रवासियों को सूखा दाल ,भात तक ना खिला पा रहे हों तो ऐसे में अनूपपुर जिले के प्रशासन तथा समाजसेवियों ने पीडित मानवता की बेहतरीन मिसालें कायम की हैं। अब तो यह नयी मिसाल स्वादिष्ट भी है तथा पौष्टिक भी। यह क्वेरेन्टाईन सेन्टर में रह रहे हजारों श्रमिकों के लिये आजीवन याद रह जाने वाला समय बन कर रह गया है।
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