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राज्यपाल के अभिभाषण में मां नर्मदा महोत्सव का नहीं हुआ उल्लेख पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह व्यथित

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) पुष्पराजगढ़ के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने सदन में विधानसभा निर्वाचन 2023 में विजयश्री के बाद पहली बार अपनी धारा प्रवाह में विधानसभा अध्यक्ष को ढेर सारी शुभकामनाएं बधाई देते हुए राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध में बोलते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कई महोत्सवों का उल्लेख किया गया है, लेकिन मैं व्यथित हूं,दुखित हूं कि मां नर्मदा के जन्मोत्सव का उल्लेख राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल नहीं किया गया।
              उन्होंने कहा कि राज्यपाल यदि मां नर्मदा के नाम और महोत्सव का भी उल्लेख किया होता तो इस सदन की गरिमा ही बढ़ती।जो मां नर्मदा लाखों करोड़ो करोड़ लोगों की जीवनदायिनी है,जो पवित्र नगरी अमरकंटक से चलकर और मध्यप्रदेश के अंतिम सीमा तक प्रवाहित होती है।उनकी कल-कल,छल-छल धारायें,हम लाभ तो लेते हैं लेकिन उसका नाम इस अभिभाषण में शामिल नहीं हुआ उनके नाम का उल्लेख न करने का,जन्मोत्सव के उल्लेख न करने का कालांतर में इसका परिणाम भोगना तो पड़ेगा। 
        उन्होंने कहा कि जब पहलाद पटेल केंद्रीय मंत्री थे तो उन्होंने 50 करोड़ रुपये वहां के सौंदर्य करण और विकास के लिये दिये थे।प्रसाद योजना की तरह लोगों ने उस पवित्र नगरी को भी नहीं छोड़ा।प्रसाद की तरह वह राशियां बंट गईं।यह इस सदन में कहा गया था कि जो मां नर्मदा में छोटी-छोटी गंदी नालियां सीधे मिल रही हैं उसको रोकने का काम सरकार करेगी।लेकिन आज तक वह नहीं हुआ।
          मां नर्मदा का जहां उद्गम है हमारी अमरकंटक नगरी का पानी,शहर का पानी सीधे मां नर्मदा में प्रवाहित हो रहा
है।नालियों,नालों के रूप में लाखों,लाख लोग वहां जाकर स्नान करने जाते हैं,दर्शन करने जाते हैं,देश-विदेश के लोग मां नर्मदा की जल धारा को देखने आते हैं और जब आचमन का समय आता है तो एक बार उनको सोचना पड़ता है।
         मैं चाहता हूं कि ऐसी पवित्र नदिया,मां नर्मदा जो इस प्रदेश को सम्पन्न बना रही हैं उनके नाम को लोग देश,विदेश में जानते हैं तो उनका जन्मोत्सव भी उतना ही विराट और विशाल होना चाहिये था।लेकिन कभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नहीं सोचा।वहां कई बार आप दर्शन करने जाते हैं मां नर्मदा का उपयोग करते हैं लेकिन उनके जन्मोत्सव को हृदय से मनाने का प्रयास नहीं किया गया।वह शासकीय कैलेण्डर में शामिल नहीं हुआ।  
     उसको 2019-20 में हमने सरकार से लड़कर शामिल कराया।उनकी भव्य और दिव्य जयंतियां भी मनाईं,लाखों लोगों ने तीन दिन तक उनकी जयंती मनाई।मां नर्मदा का पूजन और अर्चन किया गया।यदि आप उसको आगे बढ़ाते तो आपका भी नाम होता लेकिन जैसे सुन्न कर दिया गया।
         वहां का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट 2017 में इसी सदन से हमने स्वीकृत कराया था आज तक वह चालू नहीं कर पाए। आप देख लीजिये यह स्थितियां प्रदेश के उद्गम स्थल की है।
50 हजार से अधिक ग्राम ओ.डी.एफ. में कर दिये आपने ओ.डी.एफ.बताईये कि क्या है।आपने शौचालय बना दिये, ग्रामों को ओ.डी.एफ.कर दिया, कोई खुले में शौच करने नहीं जायेगा, मैं आपको बताऊं वह शौचालय आपने कैसा बनाया है 12 हजार का शौचालय बना और गांव में उसका नाम है पिचघुच्चा शौचालय न दायें मुड़ सकते हैं न बायें मुड़ सकते हैं।यह पैसा मध्यप्रदेश के किसानों का पैसा है जो वह लगान में देते हैं, वह पैसा है जो कर्मचारी,व्यापारी अपने टैक्स के रूप में दे रहे हैं, उस राशि का जिस तरह से दुरुपयोग होता है और जब वही किसान पानी की मांग करता है जब वही अन्नदातों पानी की मांग करता है तो वह शुद्ध पानी पीने का अधिकारी नहीं है। देश के गरीब को,देश के किसान को,देश की नारी शक्ति को,देश की युवा शक्ति को प्रधानमंत्री कहते हैं कि ये मेरे वीआईपी हैं इन वीआईपी की क्या दुर्दशा है।वीआईपी तो बोतलों में पानी पीते हैं, बिसलरी में पानी पीते हैं,लेकिन मेरे गांव के वीआईपी ऐसे हाथ में चुल्लू में पानी निकालकर पीते हैं।आप गांवों में जाइये और देखिए,आपकी नल जल योजना,जल जीवन मिशन क्या दिल्ली से पैदल चल रही है जो आज गांवों तक वह नहीं पहुँच पाई है।मेरे किसान,मेरे भाई जो गांवों में, जंगलों में और पहाड़ों में निवास कर रहे हैं,क्या उनको शुद्ध पानी पीने का अधिकार नहीं है...? हम भी चाहते हैं कि जिस तरीके से शहर में सड़कों के दोनों तरफ लाइटें लगी हुई हैं और प्रकाश हो रहा है,चकाचक रोड,पुल-पुलिया और नालियां बनी हुई हैं,हम गांव के लोग भी चाहते हैं कि मेरे गांवों में भी इस तरीके की व्यवस्था हो यदि सड़कों के दोनों तरफ लाइटें न भी हों तो उनके घरों में सिंगल बत्ती तो लगनी ही चाहिए हम उससे भी वंचित हैं।
       पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने कहां की मुझे बहुत सारी बातें कहनी थीं,लेकिन समय का अभाव है। आपका आशीर्वाद मुझे मिलता रहेगा इसलिए मैं ज्यादा कुछ और न कहते हुए ये जरूर कहना चाहूँगा कि यदि हम स्मार्ट सिटी बना रहे हैं तो मेरा स्मार्ट विलेज भी बन जाए।

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