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शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाएं कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने जारी किए निर्देश

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) तम्बाकू उत्पादों के बढ़ते उपयोग से विश्व में लोगों की असमय मृत्यु सबसे मुख्य कारण है। GATS-2 के अनुसार भारत में तम्बाकू के उत्पाद से प्रतिवर्ष 1.3 मिलियन से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो रही है।मध्यप्रदेश में कुल 50.2 प्रतिशत पुरुष एवं 17.3 प्रतिशत महिलाएं तम्बाकू सेवन करती है। 
             युवाओं एवं बच्चों में भी तंबाकू उत्पादों का बढ़ता उपयोग चिंता का विषय है।ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2009 के अनुसार 13 से 15 वर्ष की आयु के 14 प्रतिशत से अधिक बच्चे तंबाकू की लत का शिकार है।शोध के अनुसार कम आयु में तंबाकू का उपयोग शुरू करने पर इस आदत को छोड़ना बहुत ही कठिन होता है तथा विभिन्न असंचारी रोगों के होने की संभावना भी अधिक हो जाती है।
            भारत सरकार ने सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिशेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम (COTPA) 2003 बनाया है। इस कानून की धारा 6 के अंतर्गत नाबालिगों एवं शैक्षणिक संस्थानों के आसपास सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है जिसका पालन न करने पर 200 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
           भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रदेश के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाया जाना है।तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान अन्तर्गत जारी किए गए निर्देशों,मापदण्ड का कड़ाई से पालन के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं।
             कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जिले के समस्त शासकीय,अशासकीय एवं अर्द्धशासकीय विद्यालयों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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