अनूपपुर (ब्यूरो)द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर आर.पी. सेवेतिया के न्यायालय से न्यायालय के विशेष प्रकरण क्र. 20/20, थाना जैतहरी के अपराध क्रमांक- 101/20 अन्तर्गत धारा 363, 366ए, 376(2)(N), 376(3), 506 भादवि 3/4, 5ए, 6 पॉक्सो अधिनियम 3(1)डब्ल्यू(II), 3(2)(5), 3(2)(व्हीए) एससी एसटी एक्ट के आरोपी विद्यमान सिंह उर्फ राज पिता कोमल सिंह डोंगरे,उम्र 25 वर्ष, निवासी ग्राम करूआताल थाना सिंहपुर,जिला शहडोल म.प्र. को दोषी पाते हुए आरोपी को अधिकतम आजीवन कारावास एवं कुल 7000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। मामले में राज्य की ओर से सुश्री शाशि धुर्वे सहा. जिला अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की है।
सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 01/03/2020 को अभियुक्त विदमान सिंह ने पीड़िता को फोन से रेल्वे स्टेशन बुलाकर उसके साथ शादी करने की बात कहते हुए पीडिता को जंगल में ले जाकर उसके साथ दो दिनों तक बलात्संग की घटना कारित करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी,जिसकी जानकारी अपने परिजन को देते हुए उनके साथ जाकर थाने में रिपोर्ट लिखायी,जिसके आधार पर पुलिस ने प्रथम सूचना प्रतिवदेन लेखबद्ध किया।पुलिस द्वारा पीडिता एवं उसके परिजनों तथा अन्य साक्षियों के कथन उनके बताये अनुसार लेखबद्ध करते हुए धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत पीड़िता के कथन अंकित कराये, पीडिता एवं साक्षियों के कथन के आधार पर अभियुक्त को अभिरक्षा में लेकर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 01/03/2020 को अभियुक्त विदमान सिंह ने पीड़िता को फोन से रेल्वे स्टेशन बुलाकर उसके साथ शादी करने की बात कहते हुए पीडिता को जंगल में ले जाकर उसके साथ दो दिनों तक बलात्संग की घटना कारित करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी,जिसकी जानकारी अपने परिजन को देते हुए उनके साथ जाकर थाने में रिपोर्ट लिखायी,जिसके आधार पर पुलिस ने प्रथम सूचना प्रतिवदेन लेखबद्ध किया।पुलिस द्वारा पीडिता एवं उसके परिजनों तथा अन्य साक्षियों के कथन उनके बताये अनुसार लेखबद्ध करते हुए धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत पीड़िता के कथन अंकित कराये, पीडिता एवं साक्षियों के कथन के आधार पर अभियुक्त को अभिरक्षा में लेकर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
0 Comments