(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) केंद्र में केंद्रीय योजनाओं को लेकर वकालत कर रही सांसद हिमाद्री सिंह का पंचवर्षीय कार्यकाल लगभग समाप्ति के दौर पर है।शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह के पंचवर्षीय कार्यकाल अब लगभग समाप्ति के दौर पर है।देखना है वह अपने कार्यकाल में नागपुर ट्रेन पाने में कितनी सफल हो पाती हैं।केंद्र की तमाम योजनाओं की श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण नागपुर ट्रेन की मांग रही है।
शहडोल संभाग सहित सरगुजा क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नागपुर ट्रेन की मांग लगभग 30 वर्षों से अनवरत जारी है।इसके संबंध में सांसद ने रेल मंत्री,प्रधानमंत्री तक अपनी मांग रखी।यही नहीं तमाम राजनीतिक दलों के मार्फत नागपुर ट्रेन के लिए निरंतर मांग केंद्र तक पहुंचाई गई।यही नहीं सीआईसी रेल सेक्शन एवं कटनी,बिलासपुर रेल सेक्शन में चल रही ट्रेनों से किसी एक ट्रेन को विस्तारित कर नागपुर बढ़ाए जाने की मांग की जाती रही।लेकिन आज दिनांक तक मांग पर किसी तरह का विचार नहीं हो पाना सांसद की नाकामी को दर्शाता है।रेल मंत्री से सांसद को आश्वासन भी मिला था की ट्रायल में ट्रेन शीघ्र प्रारंभ कराई जाएगी।लेकिन वह सभी आश्वासन रद्दी की टोकरी में चले गए।बेवजह सांसद की किरकिरी होने लगी।सांसद को लेकर तमाम प्रश्नवाचक चिन्ह लगने लगे एवं आने वाले पंचवर्षीय चुनाव में सांसद के भविष्य को लेकर भी प्रश्नचिन्ह खड़े होने लगे कि वापस सांसद को शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता निर्वाचित करेगी या फिर बाहर का रास्ता दिखाएगी।देखा जा रहा है कि कोरोना काल से छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बंद पड़े हुए हैं।नियमित ट्रेनों को आज तक स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है।जिससे किराया कम से कम मेमू एवं एक्सप्रेस ट्रेन में 30 रुपए लग रहा है।जबकि उड़ीसा राज्य में मेमू ट्रेन का किराया कम से कम 10 रुपए लग रहा है।जबकि एक्सप्रेस का किराया 30 रुपए लग रहा है।
डीआरएम चक्रधरपुर ने स्वयं स्वीकार किया है कि हमारे यहां यह किराया है।जिसकी शिकायत भी निरंतर रेल मंत्रालय तक पहुंचाई गई लेकिन आज दिनांक तक किराए में परिवर्तन नहीं किया गया।गरीब तबका ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर है।यही नहीं दो अंत्योदय ट्रेन गरीबों के लिए चलाई गई थी उसे कोरोना के बाद पूरी तरह से बंद कर दिया गया।वही चिरमिरी से चंदिया के मध्य चल रही ट्रेन को पूरी तरह से बंद कर चिरमिरी से अनूपपुर के मध्य स्पेशल बनाकर संचालित किया जा रहा है।यही नहीं चिरमिरी-रीवा एवं चिरमिरी-अनूपपुर के मध्य प्रतिदिन चलने वाली ट्रेन को सप्ताह में 3 दिन चलाया जा रहा है।जबकि यह सब ट्रेनें रेलवे को अच्छा राजस्व दे रही थी।उसके बावजूद भी रेलवे द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
पूर्व सांसद ज्ञान सिंह के समय भी लगातार मांग की जाती रही लेकिन नागपुर की ट्रेन नहीं मिल पाई।जबकि अंबिकापुर से जबलपुर चलने वाली इंटरसिटी को नागपुर तक बढ़ाया जा सकता है।अंबिकापुर से दुर्ग चलने वाली ट्रेन भी नागपुर तक जा सकती है।बरौनी-गोंदिया ट्रेन भी नागपुर तक जा सकती हैं।चिरमिरी-बिलासपुर ट्रेन का विस्तार भी नागपुर तक किया जा सकता है।लेकिन किसी भी दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। यही नहीं अन्य किसी स्थान की ट्रेन का विस्तार भी वाया कटनी,शहडोल,अनूपपुर, बिलासपुर होकर किया जा सकता है लेकिन इस दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया गया।आज स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के लोग बिलासपुर, रायपुर,जबलपुर जाने की बजाय नागपुर जाना ज्यादा पसंद करते हैं।उसके लिए उन्हें ट्रेन बिलासपुर या जबलपुर से चेंज कर नागपुर जाने के लिए पकड़ना पड़ता है।जिससे समय की बर्बादी तो होती ही है वही परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
अगर सांसद हिमाद्री सिंह के कार्यकाल में नागपुर ट्रेन नहीं मिली, ट्रेनों के किराए में परिवर्तन नहीं हुआ,ट्रेनों के स्टॉपेज बहाल नहीं हुए,अंत्योदय ट्रेन की सुविधा फिर से ना मिली, चिरमिरी-चंदिया ट्रेन बहाल ना हुई तो आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए शहडोल संसदीय क्षेत्र कांटो भरा सफर हो जाएगा।
शहडोल संभाग सहित सरगुजा क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नागपुर ट्रेन की मांग लगभग 30 वर्षों से अनवरत जारी है।इसके संबंध में सांसद ने रेल मंत्री,प्रधानमंत्री तक अपनी मांग रखी।यही नहीं तमाम राजनीतिक दलों के मार्फत नागपुर ट्रेन के लिए निरंतर मांग केंद्र तक पहुंचाई गई।यही नहीं सीआईसी रेल सेक्शन एवं कटनी,बिलासपुर रेल सेक्शन में चल रही ट्रेनों से किसी एक ट्रेन को विस्तारित कर नागपुर बढ़ाए जाने की मांग की जाती रही।लेकिन आज दिनांक तक मांग पर किसी तरह का विचार नहीं हो पाना सांसद की नाकामी को दर्शाता है।रेल मंत्री से सांसद को आश्वासन भी मिला था की ट्रायल में ट्रेन शीघ्र प्रारंभ कराई जाएगी।लेकिन वह सभी आश्वासन रद्दी की टोकरी में चले गए।बेवजह सांसद की किरकिरी होने लगी।सांसद को लेकर तमाम प्रश्नवाचक चिन्ह लगने लगे एवं आने वाले पंचवर्षीय चुनाव में सांसद के भविष्य को लेकर भी प्रश्नचिन्ह खड़े होने लगे कि वापस सांसद को शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता निर्वाचित करेगी या फिर बाहर का रास्ता दिखाएगी।देखा जा रहा है कि कोरोना काल से छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बंद पड़े हुए हैं।नियमित ट्रेनों को आज तक स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है।जिससे किराया कम से कम मेमू एवं एक्सप्रेस ट्रेन में 30 रुपए लग रहा है।जबकि उड़ीसा राज्य में मेमू ट्रेन का किराया कम से कम 10 रुपए लग रहा है।जबकि एक्सप्रेस का किराया 30 रुपए लग रहा है।
डीआरएम चक्रधरपुर ने स्वयं स्वीकार किया है कि हमारे यहां यह किराया है।जिसकी शिकायत भी निरंतर रेल मंत्रालय तक पहुंचाई गई लेकिन आज दिनांक तक किराए में परिवर्तन नहीं किया गया।गरीब तबका ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर है।यही नहीं दो अंत्योदय ट्रेन गरीबों के लिए चलाई गई थी उसे कोरोना के बाद पूरी तरह से बंद कर दिया गया।वही चिरमिरी से चंदिया के मध्य चल रही ट्रेन को पूरी तरह से बंद कर चिरमिरी से अनूपपुर के मध्य स्पेशल बनाकर संचालित किया जा रहा है।यही नहीं चिरमिरी-रीवा एवं चिरमिरी-अनूपपुर के मध्य प्रतिदिन चलने वाली ट्रेन को सप्ताह में 3 दिन चलाया जा रहा है।जबकि यह सब ट्रेनें रेलवे को अच्छा राजस्व दे रही थी।उसके बावजूद भी रेलवे द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
पूर्व सांसद ज्ञान सिंह के समय भी लगातार मांग की जाती रही लेकिन नागपुर की ट्रेन नहीं मिल पाई।जबकि अंबिकापुर से जबलपुर चलने वाली इंटरसिटी को नागपुर तक बढ़ाया जा सकता है।अंबिकापुर से दुर्ग चलने वाली ट्रेन भी नागपुर तक जा सकती है।बरौनी-गोंदिया ट्रेन भी नागपुर तक जा सकती हैं।चिरमिरी-बिलासपुर ट्रेन का विस्तार भी नागपुर तक किया जा सकता है।लेकिन किसी भी दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। यही नहीं अन्य किसी स्थान की ट्रेन का विस्तार भी वाया कटनी,शहडोल,अनूपपुर, बिलासपुर होकर किया जा सकता है लेकिन इस दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया गया।आज स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के लोग बिलासपुर, रायपुर,जबलपुर जाने की बजाय नागपुर जाना ज्यादा पसंद करते हैं।उसके लिए उन्हें ट्रेन बिलासपुर या जबलपुर से चेंज कर नागपुर जाने के लिए पकड़ना पड़ता है।जिससे समय की बर्बादी तो होती ही है वही परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
अगर सांसद हिमाद्री सिंह के कार्यकाल में नागपुर ट्रेन नहीं मिली, ट्रेनों के किराए में परिवर्तन नहीं हुआ,ट्रेनों के स्टॉपेज बहाल नहीं हुए,अंत्योदय ट्रेन की सुविधा फिर से ना मिली, चिरमिरी-चंदिया ट्रेन बहाल ना हुई तो आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए शहडोल संसदीय क्षेत्र कांटो भरा सफर हो जाएगा।
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