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मलेरिया जागरूकता हेतु मलेरिया प्रचार रथ को सीएमएचओ ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) मलेरिया से बचाव व नियंत्रण हेतु आमजन को जागरूक करने के लिये माह जून को मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जाता है।इसके अंतर्गत मलेरिया के प्रति जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार,मलेरिया कार्यशाला, मलेरिया प्रदर्शनी एवं क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण हेतु आवश्यक तैयारिया की जाती है। 
        विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी जून माह को जिले में मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जा रहा है।गुरूवार 01 जून को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी.सोनी द्वारा मलेरिया प्रचार रथ को जिला मुख्यालय से हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया गया। 
      यह रथ मलेरिया प्रभावित ग्रामों में भ्रमण कर मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू एवं चिकिनगुन्या के नियंत्रण के लिये प्रचार-प्रसार कर जनसमुदाय को जागरूक करने का कार्य करेगा। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है,बुखार आने पर जांच कराएं के संबंध में प्रचार रथ द्वारा जानकारी दी जाएगी।समस्त शासकीय केन्द्रों एवं आशा के पास मलेरिया के जांच व उपचार की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।रथ में भी जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी।माइकिंग की सुविधा के साथ एक टीम मलेरिया रथ पर चिन्हित ग्रामों,हाट बाजार में जाकर आई.ई.सी. गतिविधियां संचालित करेगी।  
              गुरूवार को ही मलेरिया जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया।जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं जिला मलेरिया कार्यालय के कर्मचारी एवं शहरी क्षेत्र की आशाएं शामिल हुईं।
            जागरूकता रैली के द्वारा शहरी क्षेत्र का भ्रमण कर मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बताया गया कि मलेरिया के लक्षण जैसे- ठण्ड देकर बुखार आना,बुखार उतरते समय पसीना आना, सिर दर्द एवं उल्टी होना आदि होते हैं।मलेरिया फैलाने वाले मच्छर रुके हुये साफ पानी में पैदा होते है। अतः अपने आस-पास पानी जमा न होने दें, छोटे-छोटे गड्ढो को मिट्टी से भर दे। जमा पानी में सप्ताह में एक बार मिट्टी का तेल या जला इंजन ऑयल इतनी मात्रा में डाले, कि पानी के ऊपर एक परत बन जाए। बर्तनों में संग्रहित पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें।सोते समय हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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