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मुख्यमंत्री जनसेवा अभि.जिले के चारों विकासखंड में 301 दिव्यांगों के बनाए गए दिव्यांगता प्रमाण-पत्र

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) राज्य शासन द्वारा चलाए गए मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के द्वितीय चरण के तहत जिला प्रशासन की पहल पर जिले के चारों विकासखण्डों में दिव्यांग शिविर का आयोजन कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।
          20 मई को जैतहरी विकासखण्ड में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 62 दिव्यांगों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें 44 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से ऊपर तथा 15 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से कम का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 3 हितग्राहियों का आवदेन निरस्त किया गया। इसी प्रकार 24 मई को कोतमा विकासखण्ड में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 115 दिव्यांगों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें 63 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से ऊपर तथा 28 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से कम का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 24 हितग्राहियों का आवदेन निरस्त किया गया।
                26 मई को अमरकंटक में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 11 दिव्यांगों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें 02 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से ऊपर का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 9 हितग्राहियों को मेडिकल कॉलेज शहडोल के लिए रेफर किया गया। 28 मई को जिला चिकित्सालय अनूपपुर में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 40 दिव्यांगों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें 38 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से ऊपर तथा 01 दिव्यांग हितग्राही का 40 प्रतिशत से कम का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 01 हितग्राही का आवदेन निरस्त किया गया। विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बुधवार 31 मई को दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 117 दिव्यांगों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें 90 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से ऊपर तथा 20 दिव्यांग हितग्राहियों का 40 प्रतिशत से कम का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। 7 दिव्यांग हितग्राहियों को मेडिकल कॉलेज शहडोल के लिए रेफर किया गया। 
      शिविर में जिला चिकित्सालय के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ ही बिरसा मुण्डा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल के चिकित्सा विशेषज्ञों के द्वारा भी सेवाएं प्रदान की गईं, जिनमें नाक, कान, गला रोग के विशेषज्ञों द्वारा सेवाएं दी गईं।

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