(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मां नर्मदा से अथाह प्रेम रखने वाले अनूपपुर जिले के पूर्व कलेक्टर कविंद्र कियावत ने रिटायरमेंट के बाद मोटरसाइकिल से मां नर्मदा की परिक्रमा पर निकल पड़े हैं। 19 मार्च 2023 को अपनी यात्रा ओमकारेश्वर के तट से प्रारंभ कि जो आज आठवें दिन अनूपपुर जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक दोपहर तक पहुंचेगी।वरिष्ठ पत्रकार राजेश शिवहरे ने जानकारी देते हुए बताया कि अपराह्न 12 बजे पूर्व कलेक्टर कविंद्र कियावत जिले के सकरा ग्राम पहुंचेंगे जहां अनूपपुर के पत्रकार एवं नागरिक पूर्व कलेक्टर का भव्य स्वागत करेंगे।ज्ञातव्य हो कि कलेक्टर के रूप में पहली पदस्थापना मां नर्मदा की पवित्र भूमि अनूपपुर जिले में हुई थी।
. मां नर्मदा की परिक्रमा करने वालों की कमी नहीं है वही एक पवित्र नदी है जिसकी परिक्रमा होती है और हिम्मत वाले ही मां नर्मदा की परिक्रमा कर एक इतिहास बनाते हैं।पूर्व कलेक्टर कविंद्र कियावत की पदस्थापना मां नर्मदा के क्षेत्रों में ही हुई और उन्हें मां नर्मदा से अथाह प्रेम भी है जिसके कारण मां नर्मदा का पवित्र क्षेत्र अमरकंटक जिसके विकास के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐतिहासिक कार्य किए आज भी लोग उन्हें उनके किए कार्यों को याद करते हैं।सदैव ही ऊर्जा से भरे कविंद्र कियावत जी 63 वर्ष की उम्र के बाद भी पूरी ऊर्जा के साथ अपना दौरा करते रहते हैं।उन्हें कहीं भी थकान महसूस नहीं होती।मां नर्मदा की यात्रा पर मोटरसाइकिल से ही निकल पड़े।दिन भर वह यात्रा पर रहते हैं एवं रात्रि विश्राम करने के बाद अगले दिन फिर यात्रा पर निकल पड़ते हैं।
साइकिल रैली को आज भी लोग याद करते हैं। साइकिल चलाते हुए अनूपपुर से जैतहरी तक उनकी यादगार रैली थी जिसमें काफी लोगों ने सहभागिता निभाई थी।आज उनका सौभाग्य है कि जिस जिले के वह कलेक्टर रह चुके हैं उसी जिले में अमरकंटक में मां नर्मदा विराजमान है जहां उनकी मोटरसाइकिल नर्मदा परिक्रमा यात्रा पहुंच रही है।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश शिवहरे ने ग्राम पंचायत सकरा सभी से पहुंचने की अपील की है जहां पूर्व कलेक्टर का स्वागत किया जाएगा।
. मां नर्मदा की परिक्रमा करने वालों की कमी नहीं है वही एक पवित्र नदी है जिसकी परिक्रमा होती है और हिम्मत वाले ही मां नर्मदा की परिक्रमा कर एक इतिहास बनाते हैं।पूर्व कलेक्टर कविंद्र कियावत की पदस्थापना मां नर्मदा के क्षेत्रों में ही हुई और उन्हें मां नर्मदा से अथाह प्रेम भी है जिसके कारण मां नर्मदा का पवित्र क्षेत्र अमरकंटक जिसके विकास के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐतिहासिक कार्य किए आज भी लोग उन्हें उनके किए कार्यों को याद करते हैं।सदैव ही ऊर्जा से भरे कविंद्र कियावत जी 63 वर्ष की उम्र के बाद भी पूरी ऊर्जा के साथ अपना दौरा करते रहते हैं।उन्हें कहीं भी थकान महसूस नहीं होती।मां नर्मदा की यात्रा पर मोटरसाइकिल से ही निकल पड़े।दिन भर वह यात्रा पर रहते हैं एवं रात्रि विश्राम करने के बाद अगले दिन फिर यात्रा पर निकल पड़ते हैं।
साइकिल रैली को आज भी लोग याद करते हैं। साइकिल चलाते हुए अनूपपुर से जैतहरी तक उनकी यादगार रैली थी जिसमें काफी लोगों ने सहभागिता निभाई थी।आज उनका सौभाग्य है कि जिस जिले के वह कलेक्टर रह चुके हैं उसी जिले में अमरकंटक में मां नर्मदा विराजमान है जहां उनकी मोटरसाइकिल नर्मदा परिक्रमा यात्रा पहुंच रही है।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश शिवहरे ने ग्राम पंचायत सकरा सभी से पहुंचने की अपील की है जहां पूर्व कलेक्टर का स्वागत किया जाएगा।
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