(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मध्यप्रदेश सचिव मंडल के सदस्य विजेंद्र सोनी एडवोकेट ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि सूरत के सेशन कोर्ट द्वारा राहुल गांधी के मानहानि के मामले में सुनाई गई सजा और उसके उपरांत संसद से उनकी सदस्यता को निरस्त करने के बाद उपजे राजनीतिक घटनाक्रम में जो राजनीतिक निहितार्थ सामने आए हैं उससे स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की नाकाम कोशिश करते हुए जनता के हर हिस्से को डरा कर रखना चाहती हैं।जिसके तारतम्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिवमंडल ने 24 मार्च, 2023 को बयान जारी किया हैं कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विपक्षी दलों से संबंधित संसद सदस्यों की नजरबंदी की निंदा करती है।जो कई मुद्दों के साथ भारत के राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे।केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में दिल्ली पुलिस द्वारा भाकपा के कॉमरेड पी.संदोष कुमार सहित विपक्ष के प्रमुख नेताओं और अन्य को हिरासत में लेना निंदनीय है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि और अयोग्यता की तेज़ी ने लोकतंत्र के भविष्य,असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता और संवैधानिक संस्थाओं के अस्तित्व से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े किए हैं।अडानी कांड पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को दृढ़ता से नकार कर भाजपा-आरएसएस शासन संसद को बेमानी बना रहा है और लोकतंत्र को कुचल रहा है।
आज देश में खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है। पार्टी की मांग है कि सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों और लोगों को एकजुट होकर देश,संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा-आरएसएस शासन से लड़ना चाहिए और हटाना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि और अयोग्यता की तेज़ी ने लोकतंत्र के भविष्य,असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता और संवैधानिक संस्थाओं के अस्तित्व से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े किए हैं।अडानी कांड पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को दृढ़ता से नकार कर भाजपा-आरएसएस शासन संसद को बेमानी बना रहा है और लोकतंत्र को कुचल रहा है।
आज देश में खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है। पार्टी की मांग है कि सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों और लोगों को एकजुट होकर देश,संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा-आरएसएस शासन से लड़ना चाहिए और हटाना चाहिए।
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