अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा स्वयं प्रकाश दुबे की न्यायालय ने थाना भालूमाडा के जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध क्रमांक 282/18 की धारा 302 भादवि व 25/27 आयुध अधिनियम के प्रकरण में आरोपी निर्मल झा को भादवि की धारा 302 में दोहरे आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदण्ड और 25/27 आयुध अधिनियम में 07 वर्ष का कारावास एवं 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।अपराध की विवेचना थाना भालूमाडा के विवेचना अधिकारी निरीक्षक आर.के बैस एवं मनोज दीक्षित द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन में साक्ष्य एकत्रित कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।न्यायालय में प्रकरण की पैरवी शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक,सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी ने बताया कि उक्त प्रकरण भालूमाडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत है।सूचनाकर्ता संजय जायसवाल द्वारा थाना भालूमाड़ा पुलिस को सूचना दिया की वह दिनांक 05/08/2018 के सुबह काम पर गया था ड्यूटी से करीब 05.15 बजे जमुना आया तो देखा की निर्मल झा के घर के पास लोगो की भीड़ लगी थी,पूछने पर पता चला की उसके घर में चार फायर गोली चलने की आवाज आई तो वह झांककर देखा तो निर्मल के घर के दरवाजे के पास पट हालत मृतिकाओ को पड़े देखा तब डायल 100 नंबर पर फोन लगाकर बताया।इसके बाद मोहल्ले पड़ोसियो के साथ आकर देखा तो दरवाजे के पास पड़ी अर्चना झा तथा दरवाजे के अंदर के कमरे में पड़ी मधु देवी की मृत्यु हो चुकी थी खून पड़ा था।किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हत्या कर दी गई थी।
उक्त आशय की उसने रिपोर्ट थाना भालूमाड़ा में किया था। उसके पश्चात् उक्त दिनांक 05/08/2018 को ही मौके से तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक आर.के.बैस द्वारा मर्ग जॉच उपरांत अपराध क्रं.282/18 धारा 302 भा.दं.सं.के अंतर्गत पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई विवेचना के दौरान गवाहों के कथन लिए गए आरोपी के मेमोरंडम से घटना में प्रयुक्त आयुध व जिंदा कारतूस जप्त की गई जिसकी जॉच आर्मोरर व बैलेस्टिक विशेषज्ञ से करायी गई पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक ने मृतिका के शव से कारतूस बरामद किया जॉच से उक्त कारतूस आरोपी से जप्त पिस्टल से चलना प्रमाणित हुआ जिसके बाद मामला गंभीर प्रकृति का होने से जिला समिति द्वारा चिन्हित कर जिला दण्डाधिकारी,पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी की सतत समीक्षा पश्चात न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय में अपर लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी द्वारा साक्ष्य के दौरान 21 साक्षियों के साक्ष्य एवं 55 प्रदर्शो को चिन्हित कराया गया व न्यायालय में अभियोजन के समर्थन में तर्क प्रस्तुत किये गये तर्क के दौरान बैलेस्टिक रिपोर्ट तथा अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यो की कडियॉ जोडकर प्रस्तुत किया गया जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन मीडिया प्रभारी ने बताया कि उक्त प्रकरण भालूमाडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत है।सूचनाकर्ता संजय जायसवाल द्वारा थाना भालूमाड़ा पुलिस को सूचना दिया की वह दिनांक 05/08/2018 के सुबह काम पर गया था ड्यूटी से करीब 05.15 बजे जमुना आया तो देखा की निर्मल झा के घर के पास लोगो की भीड़ लगी थी,पूछने पर पता चला की उसके घर में चार फायर गोली चलने की आवाज आई तो वह झांककर देखा तो निर्मल के घर के दरवाजे के पास पट हालत मृतिकाओ को पड़े देखा तब डायल 100 नंबर पर फोन लगाकर बताया।इसके बाद मोहल्ले पड़ोसियो के साथ आकर देखा तो दरवाजे के पास पड़ी अर्चना झा तथा दरवाजे के अंदर के कमरे में पड़ी मधु देवी की मृत्यु हो चुकी थी खून पड़ा था।किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हत्या कर दी गई थी।
उक्त आशय की उसने रिपोर्ट थाना भालूमाड़ा में किया था। उसके पश्चात् उक्त दिनांक 05/08/2018 को ही मौके से तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक आर.के.बैस द्वारा मर्ग जॉच उपरांत अपराध क्रं.282/18 धारा 302 भा.दं.सं.के अंतर्गत पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई विवेचना के दौरान गवाहों के कथन लिए गए आरोपी के मेमोरंडम से घटना में प्रयुक्त आयुध व जिंदा कारतूस जप्त की गई जिसकी जॉच आर्मोरर व बैलेस्टिक विशेषज्ञ से करायी गई पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक ने मृतिका के शव से कारतूस बरामद किया जॉच से उक्त कारतूस आरोपी से जप्त पिस्टल से चलना प्रमाणित हुआ जिसके बाद मामला गंभीर प्रकृति का होने से जिला समिति द्वारा चिन्हित कर जिला दण्डाधिकारी,पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी की सतत समीक्षा पश्चात न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय में अपर लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी द्वारा साक्ष्य के दौरान 21 साक्षियों के साक्ष्य एवं 55 प्रदर्शो को चिन्हित कराया गया व न्यायालय में अभियोजन के समर्थन में तर्क प्रस्तुत किये गये तर्क के दौरान बैलेस्टिक रिपोर्ट तथा अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यो की कडियॉ जोडकर प्रस्तुत किया गया जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
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