(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) परिवारों का भरण-पोषण आसानी से हो पाए इसके लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने सहित 26 सूत्रीय मांगों को लेकर आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन 26 फरवरी से भूख हड़ताल पर हैं। दूसरे दिन सोमवार 27 फरवरी को आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रख कर धरना स्थल इंदिरा तिराहे से तहसील कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार भागीरथी लहरें को ज्ञापन सौंपा।
आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को वापस लेने एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी की श्रेणी में शामिल कर सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिये जाने, आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन किराया कहीं 1 वर्ष से कही 5-6 माह से भुगतान नहीं हुआ हैं।जिसके कारण मकान मालिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को किराया तत्काल भुगतान करने व आंगनवाड़ी केंद्र खाली करने के लिए परेशान कर रहे हैं।आगनबाड़ी भवन किराया तत्काल भुगतान करने, पर्यवेक्षक के रिक्त 100 प्रतिशत पदों को योग्य आंगनवाड़ी कर्मियों एवं कार्यकर्ताओं के रिक्त 100 प्रतिशत पदों को योग्य सहायिकाओं के पद भरा जाए। 10 वर्ष वरिष्ठता के स्थान पर 5 वर्ष वरिष्ठता की जाए।कोरोना काल में आगनबाड़ी कर्मियों को 10 हजार रुपए अतिरिक्त राशि देने की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी जो आज तक प्राप्त नहीं हुई तत्काल भुगतान करने की प्रमुख मांग की हैं।
आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को वापस लेने एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी की श्रेणी में शामिल कर सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिये जाने, आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन किराया कहीं 1 वर्ष से कही 5-6 माह से भुगतान नहीं हुआ हैं।जिसके कारण मकान मालिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को किराया तत्काल भुगतान करने व आंगनवाड़ी केंद्र खाली करने के लिए परेशान कर रहे हैं।आगनबाड़ी भवन किराया तत्काल भुगतान करने, पर्यवेक्षक के रिक्त 100 प्रतिशत पदों को योग्य आंगनवाड़ी कर्मियों एवं कार्यकर्ताओं के रिक्त 100 प्रतिशत पदों को योग्य सहायिकाओं के पद भरा जाए। 10 वर्ष वरिष्ठता के स्थान पर 5 वर्ष वरिष्ठता की जाए।कोरोना काल में आगनबाड़ी कर्मियों को 10 हजार रुपए अतिरिक्त राशि देने की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी जो आज तक प्राप्त नहीं हुई तत्काल भुगतान करने की प्रमुख मांग की हैं।
0 Comments