जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत अमरकंटक,शहडोल
आगमन स्थगित,रायपुर से सीधे जोशीमठ के लिए रवाना
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले के पावन धाम अमरकंटक में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महराज के आगमन को लेकर खुशी की लहर व्याप्त थी और समस्त सनातनी अनुयायियों ने अपने गुरु के दर्शन के लिए विभिन्न प्रकार की तैयारियां भी कर ली थी और जबरदस्त तरीके से गुरु का अभिवादन करने के लिए लोगों में आतुरता थी।
लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी जी को अकस्मात रायपुर में जानकारी प्राप्त हुई कि जोशीमठ में कुछ आपदा की स्थितियां हैं तो गुरुदेव ने समस्त कार्यक्रम को स्थगित करते हुए तत्काल जोशीमठ जाने का निर्णय लिया और संकट की घड़ी में जोशीमठ पर अपनी उपस्थिति को तरजीह देते हुए उन्होंने अपनी सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा के प्रति जिम्मेदारियों के निर्वहन का करने की भावना को प्रदर्शित किया।परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी जी को जैसे ही जोशीमठ पर आई आपदा की जानकारी मिली,उन्होने किसी प्रकार का विचार किए बिना अपने समूचे दल बल के साथ जोशीमठ जाने का निर्णय लिया और इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और परम् धर्म सांसद शहडोल श्रीधर शर्मा को फोन के माध्यम से जानकारी देते हुए उन्हें भी जोशीमठ जाने के लिए कहा गया।आपने तत्काल बिना कुछ विचार किए गुरु के आदेशों को शिरोधार्य किया और तत्काल जाने की तैयारी कर रायपुर पहुंचकर गुरु स्वामी जी के साथ ही जोशीमठ के लिए रवानगी की।
लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी जी को अकस्मात रायपुर में जानकारी प्राप्त हुई कि जोशीमठ में कुछ आपदा की स्थितियां हैं तो गुरुदेव ने समस्त कार्यक्रम को स्थगित करते हुए तत्काल जोशीमठ जाने का निर्णय लिया और संकट की घड़ी में जोशीमठ पर अपनी उपस्थिति को तरजीह देते हुए उन्होंने अपनी सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा के प्रति जिम्मेदारियों के निर्वहन का करने की भावना को प्रदर्शित किया।परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी जी को जैसे ही जोशीमठ पर आई आपदा की जानकारी मिली,उन्होने किसी प्रकार का विचार किए बिना अपने समूचे दल बल के साथ जोशीमठ जाने का निर्णय लिया और इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और परम् धर्म सांसद शहडोल श्रीधर शर्मा को फोन के माध्यम से जानकारी देते हुए उन्हें भी जोशीमठ जाने के लिए कहा गया।आपने तत्काल बिना कुछ विचार किए गुरु के आदेशों को शिरोधार्य किया और तत्काल जाने की तैयारी कर रायपुर पहुंचकर गुरु स्वामी जी के साथ ही जोशीमठ के लिए रवानगी की।

0 Comments