(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) अनूपपुर के न्यायालय से थाना भालूमाडा के अपराध क्रमांक 244/21 अन्तर्गत धारा 366, 342, 346, 506 पैरा-2 376(2)(एन), 376(डी)(ए) भादवि 5(जी), 5(एल), 6 पॉक्सो अधिनियम एवं 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट के आरोपीगण मो.सिब्बू उर्फ इसहज मंसूरी पिता इसराईल मंसूरी उम्र 28 वर्ष तथा मो.सुहैल अंसारी उर्फ सम्मी पिता मो. मुस्तकीम अंसारी उम्र 26 वर्ष दोनों निवासी ग्राम फुनगा खजूर चौक थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर म.प्र. को दोषी पाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास और कुल 16 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।मामले में राज्य की ओर से सुश्री शशि धुर्वे सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की।
सहा.जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 02/08/2021 को 14 वर्षीय पीडिता अपने नाना के दुकान से रात करीब 08.00 बजे नाना के घर की ओर जा रही थी,तभी रास्ते में अभियुक्त शिब्बू ने उसका हाथ पकडकर जबरजस्ती अपने घर ले जाने लगा,उसी समय रास्ते में अभियुक्त सुहैल उर्फ सम्मी ने उसका मुंह दबाते हुए दोनों अभियुक्तगण ने उसे पकड कर उसे अभियुक्त सिब्बू के घर में ले जाकर उसके साथ गलत काम (बलात्कार) की घटना कारित करते हुए उसे घटना के बारे में किसी से न बताने की बात कहते हुए जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया।जिसे रास्ते में ढूंढते हुए आ रहे उसके मामा मिले, उसके साथ पीडिता अपने नाना के घर आई जहां पर उसने सभी को घटना की जानकारी देते हुए पुलिस में शिकायत की।जिसके आधार पर भालूमाडा की पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की।पुलिस द्वारा पीडिता की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया जाकर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया,जहां न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया है।
सहा.जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 02/08/2021 को 14 वर्षीय पीडिता अपने नाना के दुकान से रात करीब 08.00 बजे नाना के घर की ओर जा रही थी,तभी रास्ते में अभियुक्त शिब्बू ने उसका हाथ पकडकर जबरजस्ती अपने घर ले जाने लगा,उसी समय रास्ते में अभियुक्त सुहैल उर्फ सम्मी ने उसका मुंह दबाते हुए दोनों अभियुक्तगण ने उसे पकड कर उसे अभियुक्त सिब्बू के घर में ले जाकर उसके साथ गलत काम (बलात्कार) की घटना कारित करते हुए उसे घटना के बारे में किसी से न बताने की बात कहते हुए जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया।जिसे रास्ते में ढूंढते हुए आ रहे उसके मामा मिले, उसके साथ पीडिता अपने नाना के घर आई जहां पर उसने सभी को घटना की जानकारी देते हुए पुलिस में शिकायत की।जिसके आधार पर भालूमाडा की पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की।पुलिस द्वारा पीडिता की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया जाकर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया,जहां न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया है।

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