दारसागर में पेसा के
बारे में ग्रामीणों को कराया अवगत
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)अनूपपुर (अंंचलधारा) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा पेसा नियम की जानकारी जन अभियान परिषद के प्रशिक्षकों द्वारा ग्रामीणों को दिलाए जाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे।उसी तारतम में जन अभियान परिषद के प्रशिक्षकों के साथ जिलाधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी।एवं निर्देशित किया गया था कि पेसा प्रशिक्षकों के साथ समन्वय स्थापित कर पेसा नियम से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने के साथ-साथ अपनी विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी संबंधित ग्राम पंचायत में किया जाना सुनिश्चित करें।उसी तारतम्य में जिला प्रबंधक लोकसेवा सोनू सिंह राजपूत ने प्रशिक्षक के साथ दारसागर जिला अनूपपुर में पेसा नियम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
जिला प्रबंधक लोकसेवा सोनू सिंह राजपूत ने ग्रामीण जनों को पेसा नियम की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संभाग शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में नियमावली का विमोचन कर पेसा एक्ट लागू किया था।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए बनाए गए इस एक्ट के लागू हो जाने से ग्राम सभा अब बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है।अब ग्राम सभा के माध्यम से मेले और बाजार का प्रबंध, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र ठीक चलें,आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार मिले,आश्रम शालाएं और छात्रावास बेहतर तरीके से चलें, यह सब काम ग्रामसभा देखेगी।शराब की नईं दुकानें बिना ग्रामसभा की अनुमति के नहीं खुलेंगी,शराब या भांग की दुकान अस्पताल, स्कूल या धार्मिक स्थान के पास है तो ऐसी दुकानें वहां से हटाने की अनुशंसा करने का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा।गांव से अगर काम के लिए युवक-युवती या किसी अन्य को ले जाया जाता है तो उसे पहले ग्रामसभा को बताना पड़ेगा कि ले जाने वाला कौन है, कहां ले जा रहा है ताकि जरूरत के वक्त उनकी मदद हो सकें,बिना बताए ले जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।तेंदुपत्ता तोड़ने और बेचने का अधिकार भी ग्रामसभाओं के पास रहेगा।गांव में मनरेगा और अन्य कामों के लिए आने वाले धन से कौन सा काम किया जायेगा, इसे पंचायत सचिव नहीं बल्कि ग्रामसभा तय करेगी।गांव में तालाबों का प्रबंध अब ग्राम सभा करेगी,चाहें सिंघाड़े लगाएं या मछली पालें और उससे जो आय होगी वह भी गांव के भाई-बहनों को प्राप्त होगी।हर साल गांव की जमीन,उसका नक्शा, वनक्षेत्र का नक्शा,खसरे की नकल,पटवारी को या बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखानी होगी,ताकि जमीनों में हेर-फेर न हो।नामों में गलती है तो यह ग्रामसभा को ठीक कराने का अधिकार होगा।किसी भी प्रोजेक्ट,बांध या किसी काम के लिए गांव की जमीन ली जाती है तो उसके लिए अब ग्रामसभा की अनुमति जरूरी होगी।गैर जनजातीय व्यक्ति या कोई भी अन्य व्यक्ति छल-कपट से, बहला- फुसलाकर, विवाह करके जनजातीय भाई-बहनों की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने या खरीदने की कोशिश करें तो ग्रामसभा इसमें हस्तक्षेप कर सकेगी,यदि ग्राम सभा को यह पता चलता है कि वह उस जमीन पर गैर आदिवासी का कब्जा करना चाहता है तो वह फिर से जनजातीय बहनों को वापस दिलवाएगी।हर गांव में एक शांति और विवाद निवारण समिति होगी,यह समिति परंपरागत पद्धति से गांव के छोटे-मोटे विवादों का निराकरण कराएगी,इस समिति में कम से कम एक तिहाई सदस्य महिलाएं होंगी।यदि ग्राम के किसी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो तो इसकी सूचना पुलिस थाने द्वारा तत्काल गांव की शांति और विवाद निवारण समिति को दी जाएगी।
लोकसेवा प्रबंधक सोनू सिंह राजपूत ने पेसा नियम की जानकारी के साथ-साथ लोक सेवा केंद्र से मिलने वाली तमाम योजनाओं की जानकारी से ग्रामीणों को अवगत कराया जिसे सभी ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ सुना।
जिला प्रबंधक लोकसेवा सोनू सिंह राजपूत ने ग्रामीण जनों को पेसा नियम की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संभाग शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में नियमावली का विमोचन कर पेसा एक्ट लागू किया था।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए बनाए गए इस एक्ट के लागू हो जाने से ग्राम सभा अब बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है।अब ग्राम सभा के माध्यम से मेले और बाजार का प्रबंध, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र ठीक चलें,आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार मिले,आश्रम शालाएं और छात्रावास बेहतर तरीके से चलें, यह सब काम ग्रामसभा देखेगी।शराब की नईं दुकानें बिना ग्रामसभा की अनुमति के नहीं खुलेंगी,शराब या भांग की दुकान अस्पताल, स्कूल या धार्मिक स्थान के पास है तो ऐसी दुकानें वहां से हटाने की अनुशंसा करने का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा।गांव से अगर काम के लिए युवक-युवती या किसी अन्य को ले जाया जाता है तो उसे पहले ग्रामसभा को बताना पड़ेगा कि ले जाने वाला कौन है, कहां ले जा रहा है ताकि जरूरत के वक्त उनकी मदद हो सकें,बिना बताए ले जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।तेंदुपत्ता तोड़ने और बेचने का अधिकार भी ग्रामसभाओं के पास रहेगा।गांव में मनरेगा और अन्य कामों के लिए आने वाले धन से कौन सा काम किया जायेगा, इसे पंचायत सचिव नहीं बल्कि ग्रामसभा तय करेगी।गांव में तालाबों का प्रबंध अब ग्राम सभा करेगी,चाहें सिंघाड़े लगाएं या मछली पालें और उससे जो आय होगी वह भी गांव के भाई-बहनों को प्राप्त होगी।हर साल गांव की जमीन,उसका नक्शा, वनक्षेत्र का नक्शा,खसरे की नकल,पटवारी को या बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखानी होगी,ताकि जमीनों में हेर-फेर न हो।नामों में गलती है तो यह ग्रामसभा को ठीक कराने का अधिकार होगा।किसी भी प्रोजेक्ट,बांध या किसी काम के लिए गांव की जमीन ली जाती है तो उसके लिए अब ग्रामसभा की अनुमति जरूरी होगी।गैर जनजातीय व्यक्ति या कोई भी अन्य व्यक्ति छल-कपट से, बहला- फुसलाकर, विवाह करके जनजातीय भाई-बहनों की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने या खरीदने की कोशिश करें तो ग्रामसभा इसमें हस्तक्षेप कर सकेगी,यदि ग्राम सभा को यह पता चलता है कि वह उस जमीन पर गैर आदिवासी का कब्जा करना चाहता है तो वह फिर से जनजातीय बहनों को वापस दिलवाएगी।हर गांव में एक शांति और विवाद निवारण समिति होगी,यह समिति परंपरागत पद्धति से गांव के छोटे-मोटे विवादों का निराकरण कराएगी,इस समिति में कम से कम एक तिहाई सदस्य महिलाएं होंगी।यदि ग्राम के किसी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो तो इसकी सूचना पुलिस थाने द्वारा तत्काल गांव की शांति और विवाद निवारण समिति को दी जाएगी।
लोकसेवा प्रबंधक सोनू सिंह राजपूत ने पेसा नियम की जानकारी के साथ-साथ लोक सेवा केंद्र से मिलने वाली तमाम योजनाओं की जानकारी से ग्रामीणों को अवगत कराया जिसे सभी ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ सुना।
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