(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर के न्यायालय ने थाना चचाई के अपराध क्रमांक 83/13 की धारा 306 भादवि में आरोपी छोटेलाल कोल पिता रामदयाल कोल, उम्र 45 वर्ष, निवासी ग्राम खरला, थाना बुढार जिला शहडोल म.प्र. को धारा 306 भादवि के आरोप में दोषी पाते हुए सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।मामले में पैरवी अपर जिला अभियोजक सुधा शर्मा द्वारा की गयी है।
सुश्री शशि धुर्वे सहा.जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के साथ उसकी पत्नी,मृतिका जिसका विवाह उससे लगभग 20-25 वर्ष पूर्व सम्पन्न हुआ था। जिसके परिणामस्वरूप मृतिका को दो पुत्र हुए थे जो ग्राम मेडियारास अपने ससुराल में निवास करती थी।विवाह के कुछ समय पश्चात से आरोपी अपनी पत्नी,मृतिका को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया करता था। जिसके परिणामस्वरूप दिनांक 17/02/2013 को मृतिका ने अपने जीवन को समाप्त करने के आशय से अग्नि के हवाले कर दिया।उसी समय उसके पुत्र ने नहाते हुए तालाब से अपने घर की ओर देखा तब उसने अपने मामा को जानकारी दी जिसने थाने में सूचना दी।जिसकी सहायता से जली हुई अवस्था में जिला अस्पताल अनूपपुर लाया गया। जहां पर पदस्थ डॉक्टर द्वारा तहरीर पुलिस को प्रेषित की गयी।जिसके आधार पर पुलिस ने आहता का मुलाहिजा कराते हुए मृत्युकालीन कथन अंकित कर मामला पंजीबद्ध करते हुए अनुसंधान में लिया।अग्रिम कार्यवाही करते हुए आरोपी द्वारा अपराध कारित करने की स्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर मामले में अनुसंधान पूर्ण करते हुए अनुसंधान समाप्ति पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
सुश्री शशि धुर्वे सहा.जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के साथ उसकी पत्नी,मृतिका जिसका विवाह उससे लगभग 20-25 वर्ष पूर्व सम्पन्न हुआ था। जिसके परिणामस्वरूप मृतिका को दो पुत्र हुए थे जो ग्राम मेडियारास अपने ससुराल में निवास करती थी।विवाह के कुछ समय पश्चात से आरोपी अपनी पत्नी,मृतिका को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया करता था। जिसके परिणामस्वरूप दिनांक 17/02/2013 को मृतिका ने अपने जीवन को समाप्त करने के आशय से अग्नि के हवाले कर दिया।उसी समय उसके पुत्र ने नहाते हुए तालाब से अपने घर की ओर देखा तब उसने अपने मामा को जानकारी दी जिसने थाने में सूचना दी।जिसकी सहायता से जली हुई अवस्था में जिला अस्पताल अनूपपुर लाया गया। जहां पर पदस्थ डॉक्टर द्वारा तहरीर पुलिस को प्रेषित की गयी।जिसके आधार पर पुलिस ने आहता का मुलाहिजा कराते हुए मृत्युकालीन कथन अंकित कर मामला पंजीबद्ध करते हुए अनुसंधान में लिया।अग्रिम कार्यवाही करते हुए आरोपी द्वारा अपराध कारित करने की स्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर मामले में अनुसंधान पूर्ण करते हुए अनुसंधान समाप्ति पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
0 Comments