(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले में स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में प्रवेश करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति आवश्यक है। बिना अनुमति प्रवेश निषेध है।यही नहीं पुलिस को भी जांच के लिए विश्वविद्यालय में जाने के लिए प्रशासन की अनुमति लेनी होगी।अगर ऐसा नहीं किया तो पुलिस को माफीनामा तक पढ़ना पड़ेगा।ऐसा ही मामला हुआ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में।अमरकंटक पुलिस जांच के लिए विश्वविद्यालय के गुरु गोविंद बालक छात्रावास गई,तो पुलिस को ही छात्रों ने बंधक बना लिया।पुलिस को फिर बिना परमिशन विश्वविद्यालय में आने पर माफीनामा लिखना पड़ा।उसी के बाद छात्रों ने पुलिस वालों को छोड़ा।
दरअसल, गुरु गोविंद बालक छात्रावास में रहने वाले छात्र ने मारपीट की शिकायत अमरकंटक थाने में की थी।अमरकंटक पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 323, 506 बी के तहत मामला दर्ज किया था।पुलिस घटनास्थल पहुंच कर छात्र से पूछताछ करने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रावास पहुंची थी। छात्रावास के छात्रों ने पुलिस को देखा तो घेर लिया। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुमति के बिना आई पुलिस से बहस होने लगी।
दरअसल, गुरु गोविंद बालक छात्रावास में रहने वाले छात्र ने मारपीट की शिकायत अमरकंटक थाने में की थी।अमरकंटक पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 323, 506 बी के तहत मामला दर्ज किया था।पुलिस घटनास्थल पहुंच कर छात्र से पूछताछ करने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रावास पहुंची थी। छात्रावास के छात्रों ने पुलिस को देखा तो घेर लिया। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुमति के बिना आई पुलिस से बहस होने लगी।
माफीनामा के बाद
पुलिस टीम को छोड़ा
पुलिस टीम को छोड़ा
छात्रों के दबाव में आकर पुलिस दल के साथ आए सब इंस्पेक्टर बी.एल.गौलिया ने इसे अपनी भूल मानी।उन्होंने उपस्थित छात्रों से लिखित माफी मांगी। इस बात का आश्वासन भी दिया कि भविष्य में विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति लेकर ही आएंगे।पुलिस के माफीनामा के बाद ही गेट खोल कर बाहर जाने दिया।
बी.एल.गौलिया ने बताया कि 25 नवंबर को गुरु गोविंद बालक छात्रावास में सोन बाबू तिवारी ने उज्जवल मिश्रा के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी की शिकायत दर्ज कराई थी।घटना के बारे में पूछताछ के लिए बालक छात्रावास गया हुआ था।कुछ छात्रों ने मुझसे बहस करते हुए कहा कि आप कैसे बिना परमिशन के आ गए। वाद विवाद को देखते हुए छात्रों को विश्वविद्यालय के गार्ड रूम के पास बुलाया,जहां छात्रों ने गेट को बंद कर वाद-विवाद करना शुरू कर दिया।उन्होंने माफी मांगने के बाद ही छोड़ने की बात कही।जिसके बाद छात्रों को आक्रोश को देखते हुए मैंने वहां पर लिखित में दोबारा बिना परमिशन ना आने की बात कही,जिसके बाद गेट खोला गया।
बी.एल.गौलिया ने बताया कि 25 नवंबर को गुरु गोविंद बालक छात्रावास में सोन बाबू तिवारी ने उज्जवल मिश्रा के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी की शिकायत दर्ज कराई थी।घटना के बारे में पूछताछ के लिए बालक छात्रावास गया हुआ था।कुछ छात्रों ने मुझसे बहस करते हुए कहा कि आप कैसे बिना परमिशन के आ गए। वाद विवाद को देखते हुए छात्रों को विश्वविद्यालय के गार्ड रूम के पास बुलाया,जहां छात्रों ने गेट को बंद कर वाद-विवाद करना शुरू कर दिया।उन्होंने माफी मांगने के बाद ही छोड़ने की बात कही।जिसके बाद छात्रों को आक्रोश को देखते हुए मैंने वहां पर लिखित में दोबारा बिना परमिशन ना आने की बात कही,जिसके बाद गेट खोला गया।
0 Comments