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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला विधिक जागरूकता साक्षरता कार्यक्रम संपन्न

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) महिलाओं को सजग जागरूक करने एवं महिलाओं के संवैधानिक कानूनी अधिकारों के विषय में जानकारी प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पसान नगर पालिका क्षेत्र के भालूमाडॉ कोतमा कॉलरी क्लब में महिला विधिक

जागरूकता साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर विवेक शुक्ला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोतमा रविंद्र शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलावर सिंह कोतमा के अधिवक्ता मोहम्मद हलीम सिद्दीकी शिशुपाल पांडे,सुषमा कैथल,नगर पालिका के अध्यक्ष रामअवध सिंह  नगर पालिका के अंत्योदय समिति के अध्यक्ष अजय द्विवेदी उपस्थित रहे।
          नगर पालिका द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण एवं शाल श्रीफल से किया गया।इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष रामअवध सिंह ने कहा कि समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा प्राप्त है लेकिन आज भी उन्हें अपने कानूनी संवैधानिक अधिकारों की पूर्णता जानकारी नहीं है।केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं कानून में भी महिलाओं के लिए अनेक अलग से कानून उनके हित के लिए बने हैं।जरूरत है इसकी जानकारी महिलाओं तक पहुंचे और वह अपने अधिकारों को जाने सजग रहें। 
                   विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कार्यक्रम कराए जाने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब जब भी भविष्य में ऐसा कार्यक्रम होगा तो महिलाओं की उपस्थिति एवं कार्यक्रम को और अच्छे तरीके से करने का प्रयास नगर पालिका द्वारा किया जाएगा।
     कार्यक्रम के विषय में वरिष्ठ अधिवक्ता हलीम सिद्दीकी ने जानकारी प्रदान की वही महिला अधिवक्ता सुषमा कैथल ने महिलाओं को कानूनी जानकारी प्रदान करते हुए महिलाओं के ऊपर होने वाले शोषण की जानकारी विधिवत प्रदान करते हुए उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया गया।
            कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए विधिक सहायता अधिकारी दिलावर सिंह ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण उनके जागरूकता उनके लिए कानून की जानकारी उनके अधिकारों की जानकारी अत्यंत आवश्यक है।हमारे संविधान में महिलाओं को संवैधानिक अधिकार प्रदान किए गए हैं जो समानता का अधिकार है कानूनी रूप से भी महिलाओं के लिए अनेक कानून उनके हित के लिए बनाए गए हैं।महिलाओं को भी पुरुषों की तरह स्वतंत्रता का अधिकार,अभिव्यक्ति की आजादी,धार्मिक स्वतंत्रता,शिक्षा का अधिकार ,उपचार का अधिकार अनेक प्रकार के कानून महिलाओं के हित में बने हैं।इन सभी अधिकारों और कानूनों से महिलाएं जागरूक हो। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निशुल्क विधिक सेवा बालक बालिका अनुसूचित जाति जनजाति के लिए कानूनी रूप से उनकी मदद करने के लिए विधिक सेवा सहायता केंद्र से सहायता लिया जा सकता है।
            कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधीश रविंद्र शर्मा ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और उन पर करने वाले के विषय में बहुत ही मार्मिक तरीके से अपनी बात उपस्थित जन तक पहुंचाई।आपने बताया कि हम सब किसी न किसी धर्म को मानते हैं और हर धर्म में महिलाओं का उच्च स्थान है लेकिन वास्तविक रूप में ऐसा नहीं है।यदि हम सभी लोग अपने अपने धर्म को ही सही मायने में माने और उसका पालन करें तो महिलाओं पर अपराध ही नहीं होंगे।आज स्थिति यह है कि जो स्त्री इस दुनिया में आई ही नहीं उसे भी खतरा है और यह खतरा उसे किसी बाहरी से नहीं उसके अपने  पिता और स्त्री रूपी मां से ही होता है और उसमें उस स्त्री का भी हाथ होता है जिससे भ्रूण हत्या कहते हैं भ्रूण हत्या रोकने के लिए कानून बनाना पड़ा जैसे-जैसे बालिकाओं की उम्र बढ़ती जाती है उन पर खतरे बढ़ते ही जाते विवाह के समय दहेज प्रताड़ना, वृद्ध होने पर भी बच्चों द्वारा देखरेख ना किए जाने पर भरण पोषण कानून लाना पड़ा।इन सब बातों से तभी महिलाएं मुक्त हो सकती है जब वह साक्षर हो जागरूक हो शिक्षित हो और कानूनी रूप से संवैधानिक रूप से अपने अधिकारों अपनी जिम्मेदारियों और अपने स्वाभिमान को वह जाने। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूल की छात्राएं उपस्थित थी।जिन्हें संबोधित करते हुए न्यायाधीश महोदय ने छात्रों को उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें समझाइश देते हुए कानूनी जानकारी भी प्रदान किए कि जब बच्चियां स्कूल से घर आए या वापस जाएं स्कूल में या अन्य कहीं भी ऐसी कोई स्थिति परिस्थिति बनती है तो बच्चियां उस बात को संकोच या डर के मारे चुपचाप सहन ना करें उस बात को सामने लाएं बताएं कानूनी रूप से उनकी जानकारी गोपनीय रहेगी और इससे अन्य को भी एक संदेश जाएगा तभी आप लोग डर और भय के वातावरण से बाहर निकल पाओगे।
            कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर विवेक शुक्ला ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य महिलाओं को जागृत कराना है। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार शोषण हिंसा को रोकने के लिए उन्हें संवैधानिक अधिकार कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है लेकिन कानूनी अधिकार के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी अत्यंत आवश्यक है।
             हमारे देश में नारियों की तो पूजा की जाती है और कहां जाता है कि जहां स्त्री है वही देवताओं का भी वास है लेकिन आज के दौर में हर समाज में हर घर में घरेलू हिंसा सेक्सुअल हरासमेंट छेड़छाड़ शारीरिक शोषण अनेक प्रकार के अपराध महिलाओं के विरुद्ध हो रहे हैं जिनके लिए अनेक कानून भी बने लेकिन इनकी जानकारी ना होने से वह अपने अधिकारों से वंचित रहती हैं।हमारे संविधान में हमारे कानून में महिलाओं के लिए उनके सामाजिक उत्थान के लिए अनेक कानून समय-समय पर बनाए जाते रहे इसके बाद भी महिलाओं के विरुद्ध अपराध कम नहीं हुए जिसके लिए कहीं न कहीं अज्ञानता भी बड़ा कारण है।इसके साथ साथ स्वयं की समझदारी और सजगता भी आवश्यक है। बहुत सारी बातें स्वयं की जागरूकता स्वयं की समझदारी से अपनी रक्षा की जा सकती है ।
            कार्यक्रम में ही न्यायधीश महोदय ने आम लोगो की सुरक्षा के लिए हेलमेट की अनिवार्यता उसके उद्देश्य के बारे में जानकारी प्रदान किए।उन्होंने बताया कि हेलमेट ना लगाने वालों पर कानूनी कार्यवाही करना उद्देश्य नहीं है बल्कि लोगों को जागरूक करना उन्हें सुरक्षित करना उद्देश्य है।हेलमेट वाहन चालक की सुरक्षा के लिए होता है और उसका सभी लोग पालन करें सुरक्षित रहें।
                   पसान नगर पालिका द्वारा आयोजित महिला विधिक जागरूकता अभियान में अतिथियों के साथ-साथ नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं वार्ड पार्षद जनप्रतिनिधि महिला जनप्रतिनिधि एवं आमजन नगर के पत्रकार उपस्थित रहे।

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