(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) शीत ऋतु की ठंड की वजह से 0 से 5 वर्ष के शिशुओं की मृत्यु की संभावना ज्यादा होती है।इस संबंध में शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा तथा कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के निर्देशों के परिपालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारियों को निमोनिया प्रबंधन के संबंध में निर्देश प्रसारित किए हैं।उन्होंने बताया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा, पुष्पराजगढ़ में एसएनसीयू दो बिस्तरी क्रियाशील है।वर्तमान में 38 प्रसव केन्द्र में एनबीसीसी (न्यू बोर्न केयर कॉर्नर) क्रियाषील हैं। जहां पर रेडियंट वार्मर उपलब्ध हैं।सभी एसएनसीयू एवं एनबीसीसी में निमोनिया से पीड़ित शिशुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। जैसे एमोक्सीलीन सिरफ, जेन्माईसीन इन्जेक्शन एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में एसएनसीयू 20 बिस्तरी एवं 10 बिस्तरी पीआईसीयू (शिशु गहन चिकित्सा इकाई) क्रियाशील है। जहां पर फील्ड से रेफर शिशुओं का तुरन्त उपचार किया जा सकेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने सर्व संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को निमोनिया प्रबंधन के संबंध में रेफरल के मामलों में बरती जाने वाली सावधानियां के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि गंभीर रूप से पीड़ित निमोनिया से ग्रसित शिशुओं को जिला अस्पताल में शीघ्र रेफर किया जाए। जिससे समय पर उचित उपचार हो सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही के कारण अगर किसी शिशु की मृत्यु होती है तो संबंधित संस्था के प्रभारी व जवाबदेह कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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