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हिन्दी में मेडिकल की पढाई छात्र-छात्राओं का बढाएगी हौसला-कमलेश पुरी

 

ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक बनेगें हिन्दी 
भाषी चिकित्सक- मनोज द्विवेदी
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 
अनूपपुर (अंंचलधारा) भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के प्रयत्नों से अब मेडिकल की पढाई हिन्दी में होगी। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।15 अक्टूबर ,शनिवार को इस अवसर पर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्वामी

विवेकानन्द हाल में अनूपपुर एसडीएम कमलेश पुरी, प्रभारी साहायक आयुक्त महेन्द्र यादव, एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य के. एन. ओझा, वरिष्ठ पत्रकार एवं भारत विकास परिषद अनूपपुर के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी,पार्षद प्रवीण सिंह, कमलेश तिवारी,प्राचार्य एच.एक. बहेलिया,व्याख्याता यू.पी. सिंह,वी.पी.गर्ग, रमाकांत द्विवेदी के साथ अन्य पार्षद गण ,विद्यालय के छात्र- छात्राओं की उपस्थिति में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एसडीएम कमलेश पुरी ने कहा कि मातृभाषा हिन्दी में मेडिकल की पढाई का निर्णय सरकार द्वारा छात्र- छात्राओं की परेशानी दूर करने के लिये बड़ा कदम है। इससे हिन्दी भाषी छात्र- छात्राओं का हौसला बढेगा और वे अधिक सरलता से मेडिकल की पढाई कर पाएगें। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने के संबंध में दिनांक 15 अक्टूबर को आयोजित होने वाली हिंदी विमर्श संगोष्ठी के संबंध में उद्बोधन देते हुए श्री पुरी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश द्वारा हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करना केवल हिंदी में पढ़ाई ही नहीं बल्कि देश के लिए एवं हिंदी भाषी लोगों के लिए एक उपलब्धि एवं गौरव का विषय है। 
          वरिष्ठ पत्रकार एवं भारत विकास परिषद अनूपपुर के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के अन्य देश जैसे फ्रांस, जर्मनी, रशिया, जापान, चाइना, आदि में उनकी मातृभाषा में ही मेडिकल की पढ़ाई की जाती है। इन सभी देशों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। अंग्रेजों ने उपनिवेशवाद के द्वारा इस देश में लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति है इस देश पर थोपा था। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा एवं क्षेत्रीय भाषाओं में पठन-पाठन कराए जाने का निर्णय लेकर लॉर्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था को पराभूत करने का कार्य किया है।
             मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की नवीन शिक्षा नीति का पालन करते हुए मातृभाषा हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करने का निर्णय लिया गया। इसके कारण अब हिन्दी भाषी ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक संख्या में चिकित्सक तैयार होंगे।
        प्रभारी सहायक आयुक्त महेन्द्र यादव ने सरल शब्दों में छात्र-छात्राओं को बतलाया गया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा चिकित्सा शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने की कार्य योजना तैयार की गई एवं इसके क्रियान्वयन के लिए उच्च स्तरीय समिति टास्क फोर्स का गठन किया गया । हिंदी में मेडिकल पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए पुस्तकों के हिंदी रूपांतरण का कार्य शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा कराया गया है। जिसके कारण आने वाले समय में मेडिकल की पढाई करने वाले बच्चों को हिन्दी में पुस्तकें उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी की पढाई बन्द नहीं करना चाहिए। सहायक संचालक के. एन. ओझा ने पुष्पराजगढ के सरई गाँव के एक छात्र की घटना का जिक्र किया।इस गाँव के एक छात्र का मेडिकल की पढाई के लिये चयन हो गया और उसने भोपाल के किसी कालेज में एडमिशन भी ले लिया। लेकिन वहाँ पढाई इंग्लिश से होती थी जो इस छात्र की समझ से परे थी। परिणाम यह हुआ कि कुछ माह बाद ही वह छात्र कालेज से पलायन कर गया।श्री ओझा ने कहा कि हिंदी में मेडिकल पाठ्यक्रम तैयार करने की कार्यवाही के लिए विभाग अंतर्गत प्रथक से हिंदी प्रकोष्ठ का गठन किया गया, साथ ही पुस्तकों के हिंदी रूपांतरण कार्य को मिशन मोड में पूर्ण करने के लिए वॉर रूम मंदार तैयार किया गया । मंदार में शैक्षणिक मंथन से हिंदी माध्यम में मेडिकल की पुस्तकों को तैयार करने का ऐतिहासिक कार्य पूर्ण किया गया।
                    मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में पढ़ाये जाने वाले 03 विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की पुस्तकों को तैयार किया गया। चिकित्सा शिक्षा विभाग का हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ निरंतर मेडिकल के द्वितीय और तृतीय वर्ष तथा पीजी की पुस्तकों को हिंदी में तैयार करने का कार्य निरंतर करता रहेगा। जिससे मेडिकल की पढाई करने वाले हिन्दी भाषी बच्चों को सरलता होगी।
पार्षद प्रवीण सिंह ने कहा कि आज मध्यप्रदेश राज्य ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के सपने को पूर्ण करने का कार्य किया है और सरकार इस सत्र से हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई को प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसका पूरा लाभ इस क्षेत्र के हिन्दी भाषी छात्रों को होगा। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन  विद्यालय के प्राचार्य श्री बहेलिया ने किया जबकि मंच का कुशल संचालन व्याख्याता यू.पी.सिंह ने किया।

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