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विवादास्पद बना नगरपालिका अनूपपुर का शपथ एवं जन आभार समारोह 15 में 9 पार्षद का शपथ नहीं लेना चर्चा में

 


(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) नगर पालिका परिषद अनूपपुर का चुनाव, चुनाव पूर्व से ही विवादास्पद रहा।टिकट वितरण को लेकर नगर पालिका परिषद अनूपपुर में भाजपा की टिकट से 7 पार्षद विजई हुए,जबकि कांग्रेस से 3 एवं निर्दलीय 5 । लेकिन अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के चुनाव में गणित,समीकरण बदले।भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा से निर्वाचित पार्षदों को अध्यक्ष पद ना देकर निर्दलीय रूप से चुनाव जीती अंजूलिका सिंह को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया।जबकि उपाध्यक्ष पद पर भाजपा से चुनाव जीती सोनाली तिवारी को प्रत्याशी बनाया।देखा जाए तो निर्दलीय पार्षदों में भी चार भाजपा समर्थित पार्षद टिकट नहीं मिलने से बगावत कर चुनाव जीते लेकिन उसके बाद भी अध्यक्ष के निर्वाचन में भाजपा को 8 पार्षदों का समर्थन मिला,जबकि कांग्रेस को 7 पार्षदों का समर्थन मिला।कांग्रेस 3 से बढ़कर 4 मत भाजपा एवं निर्दलीय पार्षदों से प्राप्त करने में सफल रही। मात्र 1 मत से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हार गई। लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस ने हार नहीं मानी।उसने भी ठान ली है कि मतदाताओं का जो विश्वास मिला है उसे कायम रखते हुए नगर पालिका क्षेत्र में समस्याओं के लिए लड़ते रहेंगे और कार्य की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान रखेंगे। जनता को उसकी आवश्यकता के अनुरूप सुविधाएं दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा यह कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है। लेकिन देखा गया कि नगर पालिका परिषद की निर्वाचित अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,पार्षदों का शपथ समारोह, जन आभार प्रदर्शन विवादास्पद बन गया। 15 पार्षदों में कुल 6 पार्षदों का शपथ लेना चर्चा का विषय बन गया।गली गली, मोहल्ला मोहल्ला में केवल यही चर्चा रही की प्रारंभिक तौर पर निर्वाचित परिषद विफल रही।मंत्री की उपस्थिति में भाजपा के सभी पार्षद भी शपथ समारोह में नहीं पहुंचे।कांग्रेसी एवं निर्दलीय ने तो बहिष्कार किया ही लेकिन भाजपा के पार्षदों ने भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया।शपथ समारोह, जन आभार समारोह में बताया गया कि नगर पालिका द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।मंत्री, सांसद तो लोगों को समझ में आ रहा है लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष से कार्यक्रम की अध्यक्षता को लोगों ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।कार्यक्रम की अध्यक्षता अन्य पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका या किसी अन्य दल के वरिष्ठ नेता से कराया जा सकता था।लेकिन पूरा कार्यक्रम भाजपा मय होने से ज्यादा विवादास्पद बन गया। अब देखना है कि आने वाले समय में नगर पालिका परिषद पूर्ण बहुमत के साथ चलती है या आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रहेगी।नगरपालिका शपथ समारोह, जन आभार समारोह करने के पूर्व नगरपालिका के सभी पार्षदों को बैठा कर कार्यक्रम तय करना था।लेकिन देखा गया कि एक सोची समझी साजिश के तहत कार्यक्रम को तय कर लिया गया जिसका कारण विवाद की स्थिति बन गई।अगर इसी तरह का रवैया रहा तो आने वाले समय में नगर पालिका परिषद चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।आए दिन का कार्यों की गुणवत्ता को लेकर प्रश्नचिन्ह लगेंगे और कार्य आधे अधूरे पड़े रह जाएंगे।नगर पालिका अध्यक्ष,उपाध्यक्ष को चाहिए कि सभी पार्षदों का सहयोग लेकर कोई भी कार्य योजना बनाएं उसके बाद उसका क्रियान्वयन करें।अन्यथा कठिनाइयों का दौर चलता रहेगा कार्य में बाधाएं आती रहेंगी और कार्य सफल भी नहीं हो पाएंगे।जानकार बताते है कि नगर पालिका एक्ट में चुनी हुई परिषद के प्रथम सम्मेलन करने का प्रावधान है लेकिन नव गठित परिषद के शपथ ग्रहण,जन आभार का कोई जिक्र नही है।लेकिन निर्विवाद और सहमति के आधार पर ऐसे कार्यक्रम पूर्व में भी होते रहे है उसी परंपरा के अनुरूप कार्यक्रम हुआ।शपथ ग्रहण समारोह में अंजुलिका सिंह, सोनाली तिवारी, मुन्नी बाई,प्रवीण सिंह,अनिल पटेल,गणेश रौतेल शामिलहुए।शेष पार्षदों का कोई ठिकाना नहीं रहा। बताया जाता है कि कार्यक्रम समाप्ति के बाद सुनीता राधिका बियानी कार्यक्रम स्थल पर पहुंची लेकिन कार्यक्रम समाप्त हो चुका था। नगर पालिका की शपथ समारोह जन आभार कार्यक्रम मैं पार्षदों के साथ साथ बारिश ने भी पूरे गरिमामय समारोह पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया।

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